वे दोनों बेचारे तो खिलाड़ियों को “चौदह इंजेक्शनों” से बचा रहे थे



चैतन्य भट्ट
दिल्ली के आईएएस दंपती को क्या मालूम था कि उनका "कुत्ता" किसी दिन उनके तबादले का कारण बन जाएगा l बेहतरीन शान से दिल्ली में रह रहे थे पावरफुल पोस्ट पर थे चूंकि अफसर है तो जाहिर है उनका कुत्ता भी ऊंची नसल का रहा होगा, देसी कुत्ता तो वे पालने से रहे अच्छा ऊंचा पूरा पूरा विदेशी नसल का कुत्ता पला था अब कुत्ता पाला है तो उसको टहलाने की जिम्मेदारी भी तो उनकी ही थी , कोई पडोसी तो उसे घुमाने लेकर जाएगा नहीं, अफसर थे तो जलवा दिखाना था इसलिये खिलाड़ियों के लिए जो स्टेडियम बना है उस्मने अपने कुत्ते को टहलाने लगे, लेकिन खिलाडियों के कारण कुत्ते का मूड ख़राब हो जाता था वो चाहता था कि स्टेडियम में वो और उसके आईएएस दंपती ही दिखाए दें, अपने कुत्ते की इच्छा उन दोनों ने समझ ली और घोषणा कर दी की जिस भी खिलाड़ी को भी प्रेक्टिस करना है वो सात बजे के पहले अपनी प्रेक्टिस ख़त्म कर ले उसके बाद उनके कुत्ते की घूमने की प्रेक्टिस चालू हो जायेगी और उस वक्त उसे कोई डिस्टर्ब नहीं करेगा l अफसर का हुकुम था तो स्टडियम वालों ने भी खिलाडियों से साफ़ साफ़ कह दिया की भैया लोगो सात बजे तक स्टेडियम खाली कर दो उसके बाद साहेब का कुत्ता यहां चहलकदमी करेगा, बेचारे खिलाडी क्या करते तो मान ली उनकी बात बात लेकिन बुरा हो एक अखबार वाले का उसने अपने फ्रंट पेज पर खबर छाप दी कि साहेब के कुत्ते के लिए खिलाडियों की प्रेक्टिस रोक दी गयी है चूंकि बड़ा अखबार था और ऊपर से अंगरेजी का था तो सरकार के भी कान खड़े हो गए, तत्काल से पेश्तर उन दम्पति को दो अलग अलग कोनों में ट्रांसफर कर दिया , पति देव को भेज दिया लद्दाख और पत्नी की टिकिट कटा दी अरुणचल प्रदेश के लिए । अपने को तो एक बात समझ में नहीं आई कि क्या कुत्ता घुमान इतना बड़ा अपराध है कि ऐसा तबादला कर दिया l वे दोनों बेचारे तो खिलाड़ियों की चिंता कर रहे थे कि यदि खिलाड़ी स्टेडियम में दौड़ते और कुत्ते का मूड खराब हो गया तो पता नहीं कब किसको काट ले बेवजह चौदह इंजेक्शन लगवाने पड़ते, खिलड़ियों को इस झंझट से बचाने के लिए तो उन्होंने खिलाडियों से स्टेडियम खाली करवा लिया था, कुत्ते का क्या है कब उसका दिमाग ठनक जाए और फिर विदेशी नसल का कुत्ता   उनको कुत्ते से ज्याद ध्यान देश के खिलाडियों का था लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनकी ये चिंता उनके लिए ही चिंता का कारण बन जाएगी, अब पति देव लद्दाख में जमी बर्फ में अपने कुत्ते को कैसे घुमाएंगे, कुत्ता पति के पास रहेगा या पत्नी उसे अपने साथ अरुणाचल प्रदेश ले जाएगी ये भी बड़ा सवाल खड़ा हो गया है उनके सामने, लेकिन अपने को ये मालूम है कि "आईएएस" अफसर आईएएस अफसर होता है बहुत तगडी लॉबी है उनकी सारे अफसर इकठे हो जाएंगे और सरकार पर प्रेशर डालेंगे और तमाम सरकारें तो इनके ही दम पर चलती हैं अपना तो मानना है कि कुछ दिन में मामला शांत हो जाएगा और पति पत्नी फिर एक साथ अपने कुत्ते के साथ घूमंते नजर आएंगे भले ही वो घूमने वाली जगह स्टेडियम न हो l

कान इधर से पकड़ो या उधर से

आगामी दो हजार चौबीस के लोकसभा के चुनाव की तैयारी में बीजेपी अभी से ही जुट गयी है अभी तक उसका नारा था "कांग्रेस मुक्त भारत" अब उसने अपने नारे को बदल कर एक नया नारा दे दिया है और वो नारा है "परिवार मुक्त भारत"देश का बच्चा बच्चा समझ रहा है कि परिवार वाद किधर चल रहा है बीजेपी तो खुद ही कह रही है कि कांग्रेस परिवार वाली पार्टी है मां, बेटा, बेटी सभी तो पार्टी के सर्वे सर्वा बने हुए हैं तो बीजेपी के नारे के भले ही शब्द बदल गए हो लेकिन निशाना तो कांग्रेस ही है, कहते हैं "कान इधर से पकड़ो या उधर से" कान तो पकड़ा ही जाएगा लेकिन कांग्रेस करे भी तो क्या करे जिसे देखो वो ही पार्टी से विदाई गीत गाता हुआ बीजेपी में शामिल हो जाता है अभी चिंतन शिविर हुआ कांग्रेस का,बड़ी बड़ी बातें हुई लेकिन उधर चिन्तन शिविर ख़तम हुआ इधर पार्टी के कई बड़े नेताओ ने "हाथ" छोड़कर "कमल" कोअपना लिया पर कांग्रेस और उसके नेता जानते है कि बिना गांधी परिवार के कांग्रेस का वजूद नहीं है, जब तक कांग्रेस में गांधी परिवार है तब तक कांग्रेस एक जुट है जिस दिन इस परिवार ने विदा ली उस दिन कांग्रेस खंड खंड होकर बिखर जायेगी इसलिए वे एक स्वर में गांधी परिवार के सदस्यों को ही अपना नेता मानते आये हैं मानते हैं, और मानते रहेंगे, इधर बीजेपी तो ताक में बैठीं ही है कि कब कौन सा नेता कांग्रेस छोड़े और हम उसे लपक लें, लेकिन बीजेपी वालो ये भी तो सोचो कि जो बेचारे बीजेपी के नेता और कार्यकर्त्ता अपनी जिंदगी पार्टी के लिए खपा चुके हैं उनका क्या होगा, लेकिन राजनीती में ऐसी बाते सोचता ही कौन हैं l

अंतरिक्ष में भी ट्रेफिक पुलिस की जरूरत

लोग बाग़ कहते थे कि अंतरिक्ष बिलकुल साफ सुथरा है हर ग्रह और तारे की अपनी पोजीशन है और खगोल शास्त्री अपनी दूरबीन की मदद से ग्रहों और तारों को देखकर उनका अध्ययन करते हैं है लेकिन अभी अभी पता लगा है कि अंतरिक्ष में इतने "सेटेलाइट" पंहुच गए है कि खगोलशास्री अपनी दूरबीन घुमा गुमा कर परेशान हो जाते हैं लेकिन उन्हें कोई ग्रह नजर नहीं आता l इन सेटेलाइट की चमक में वे सारे ग्रह और तारे धुंधले पड़ जाते हैं अपनी तो सलाह ये है कि अब अंतरिक्ष में भी "ट्रैफिक पुलिस" की तैनाती कर देना चाहिए जो उधर लगातर पंहुच रहे सेटेलाइट्स को व्यवस्थित कर सके ताकि खगोल शास्त्रियों को ग्रह और तारे साफ़ साफ़ दिखाए देने लगे, लेकिन लोगों का मानना है कि ट्रेफिक पुलिस की तैनाती तो की जा सकती है लेकिन इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा कि ये ट्रेफिक पुलिस उधर चालान के नाम पर अवैध वसूली नहीं करेगी,हो सकता है सेटेलाइट से ही रोजाना हजार दो हजार की वसूली करने लगे कि तुम ठीक से नहीं चल रहे हो, तुम रॉंग साइड में खड़े हो, या तुमने नंबर प्लेट ठीक से नहीं लगाई है या तुमने हेलमेट नही लगाया है l इधर ट्रेफिक पुलिस तैनात होगी वहीं दूसरे ही दिन "आरटीओ डिपार्टमेंट" मांग करने लगेगा कि हमारा भी डिपार्टमेंट अंतरिक्ष में खोल दिया जाए क्योकि बहुत से सेटेलाइट बिना "परमिट" के उधर पंहुच गये है हम जाएंगे और सबका परमिट चेक करेंगे ताकि कोई बिना परमिट वाला सेटेलाइट अंतरिक्ष में न पंहुच सके देखना ये है कि इस पर सरकार कब निर्णय लेती है l

सुपर हिट ऑफ़ द वीक

: “तुम तो कहते थे कि शादी के बाद भी मुझे खूब प्यार करोगे?” श्रीमती जी ने श्रीमान जी से कहा

“सॉरी यार! मुझे क्या पता था कि तुम्हारी शादी मेरे साथ हो जाएगी!”श्रीमान जी ने भरे गले से उत्तर दिया

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