मप्र: जिला आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में 31 मई तक कोरोना कर्फ्यू बढाने पर सहमति।

  • कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिये उठाये गये कदमों की सराहना
  • 29 प्रतिशत से घटकर 11 प्रतिशत पहुंची संक्रमण दर.

फ़ोटो - फेसबुक पेज से ली गयी है।

जबलपुर - सांसद राकेश की अध्यक्षता में आज रविवार को पूर्वान्ह सम्पन्न हुई जिला आपदा प्रबंधन समिति की वर्चुअल मीटिंग में कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिये जबलपुर जिले में कोरोना कर्फ्यू 31 मई तक बढाने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजने का सर्व सहमति से निर्णय लिया गया । प्रस्ताव दोपहर तक राज्य शासन के गृह विभाग को भेज दिया जायेगा और अनुमोदन मिलने के बाद इस बारे में शाम तक आदेश जारी किया जा सकता है।

जिला आपदा प्रबंधन समिति की इस बैठक से विधायक सर्वश्री अजय विश्नोई , अशोक रोहाणी, सुशील तिवारी इंदु, विनय सक्सेना एवं संजय यादव, कलेक्टर कर्मवीर शर्मा, पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा, अपर कलेक्टर हर्ष दीक्षित, जिला पंचायत सीईओ रिजु बाफना, अपर कलेक्टर राजेश बाथम तथा सीएमएचओ डॉ रत्नेश कुररिया जुड़े थे।

वर्चुअल मीटिंग में जिला आपदा प्रबंधन समिति के सभी सदस्यों ने कोरोना की रोकथाम के लिये जिले में किये जा रहे प्रयासों की सराहना की । सदस्यों ने कहा कि आम जनता, जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासन के इन सयुंक्त प्रयासों का ही नतीजा है कि जबलपुर जिले में संक्रमण पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सका है । सदस्यों ने ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिये किये गये प्रयासों की खासतौर पर तारीफ की । सदस्यों ने कहा कि इनके फलस्वरूप ग्रामीण क्षेत्र में शहर की अपेक्षा कहीं अच्छे परिणाम देखने मिले है और संक्रमण की दर भी शहर की तुलना में कम है ।सदस्यों ने आशा व्यक्त की एकजुट होकर किये जा रहे इन प्रयासों से जल्दी ही कोरोना को रोकने में सफलता मिलेगी और जिले को संक्रमण से मुक्त किया जा सकेगा।

जिला आपदा प्रबंधन समिति की वर्चुअल मीटिंग में कोरोना वेक्सीन लगाने के कार्य एवं ब्लैक फंगस की बीमारी के उपचार के लिये जरूरी इंजेक्शन एवं दवाओं की आपूर्ति बनाये रखने के मुद्दे पर भी चर्चा की गई । सांसद राकेश सिंह ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिये बैठक में दिये गये सुझावों का महत्वपूर्ण बताते हुये कोरोना के टीके को लेकर ग्रामीण क्षेत्र में फैली भ्रांतियों को  दूर करने का आव्हान सदस्यों किया । उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस की बीमारी के उपचार में आवश्यक इंजेक्शन की पर्याप्त आपूर्ति के लिये शासन-प्रशासन से लेकर हर स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं और जल्दी ही इनकी कमी दूर हो जायेगी।

मीटिंग के प्रारम्भ में कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने जिले में कोरोना की वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डाला और संक्रमण पर नियंत्रण के लिये उठाये जा रहे कदमों की जानकारी दी । श्री शर्मा ने बताया कि आपदा प्रबंधन समिति की समय-समय पर आयोजित बैठकों में मिले सुझाव पर कोरोना की रोकथाम के लिये बनाई गई रणनीती के फलस्वरूप जबलपुर जिले में पिछले करीब 18 दिनों से कोरोना के नए प्रकरणों में लगातार कमी आ रही है और पॉजिटिविटी रेट 29 प्रतिशत से घटकर 10 से 11 प्रतिशत पर आ गया है । रिकवरी रेट भी 78 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 89 प्रतिशत हो गया है।

आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में कोरोना वेक्सीन का दूसरा डोज लगाने के नये प्रोटोकॉल को भी स्पष्ट करने का सुझाव दिया गया ताकि आम जनता में इसको लेकर भ्रम की स्थिति न बनी रहे । बैठक से जुड़े सीएमएचओ डॉ रत्नेश कुररिया ने बताया कि कोरोना वेक्सीन कोविशील्ड की दूसरी डोज अब पहली डोज लगाने के 84 दिन बाद लगाई जायेगी । इस बारे में शासन से दिशा-निर्देश प्राप्त हुये हैं । बैठक में कोरोना के टीके लगाने के कार्य को गति देने ड्राइव-इन-वेक्सीनेशन पर जोर दिया गया । सदस्यों ने कहा कि ड्राइव-इन-वेक्सिनेशन के लिये बड़े  खुले परिसरों एवं रानीताल स्टेडियम सहित स  शहर में स्थित सभी इंडोर स्टेडियम को चिन्हित किया जा सकता है । शहर में बनाये गये कोविड केयर सेंटरों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिये कोरोना मरीजों के उपचार के लिये तय की गई स्टेप डाउन की नीति को जबलपुर में भी लागू करने की बात भी बैठक में कही गई ताकि निजी एवं शासकीय अस्पतालों में भर्ती ऐसे मरीजों को जिन्हें अब आईसीसीयू या ऑक्सीजन बेड की आवश्यकता नहीं है, उनकी कोविड केयर सेंटर में रखकर देखभाल की जा सके। इससे सबसे बड़ा फायदा निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को होगा। अस्पताल के भारी खर्च से वे बच सकेंगे।

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