नए साल पर वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर दर्शन को लेकर पुलिस ने सख्त ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की, जानें पूरा रूट, पार्किंग और डायवर्जन प्लान
नए साल पर वृंदावन क्यों बन जाता है ट्रैफिक का सबसे बड़ा टेस्ट
नए साल का जश्न जैसे ही करीब आता है, मथुरा-वृंदावन की सड़कों पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ता है। खासतौर पर बांके बिहारी मंदिर में दर्शन के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु देश के कोने-कोने से पहुंचते हैं। आम दिनों में शांत दिखने वाला वृंदावन 31 दिसंबर और 1 जनवरी को अचानक एक विशाल धार्मिक मेले में तब्दील हो जाता है, जहां पैदल चलना भी चुनौती बन जाता है। इसी भारी भीड़, सुरक्षा व्यवस्था और यातायात के दबाव को देखते हुए इस बार मथुरा पुलिस और ट्रैफिक विभाग ने पहले से ही सख्त और विस्तृत ट्रैफिक एडवाइजरी जारी कर दी है।
कब से कब तक लागू रहेगा यह ट्रैफिक मास्टर प्लान
पुलिस द्वारा जारी की गई यह ट्रैफिक एडवाइजरी 25 दिसंबर से प्रभावी हो चुकी है और 2 जनवरी तक लागू रहेगी। इसका सीधा मतलब है कि क्रिसमस से लेकर न्यू ईयर सेलिब्रेशन के बाद तक वृंदावन आने-जाने वालों को तय नियमों और प्रतिबंधों का पालन करना अनिवार्य होगा। पुलिस का दावा है कि इस लंबे समय तक लागू रहने वाले ट्रैफिक प्लान से न केवल जाम की समस्या कम होगी बल्कि श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सुगम दर्शन भी मिल सकेंगे।
बांके बिहारी मंदिर में भीड़ का असली आंकड़ा और पुलिस की चिंता
हर साल नए साल पर बांके बिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या सामान्य दिनों के मुकाबले कई गुना बढ़ जाती है। अनुमान के मुताबिक, 31 दिसंबर और 1 जनवरी को अकेले बांके बिहारी मंदिर में ही दो से तीन लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इस भीड़ में बुजुर्ग, महिलाएं, बच्चे और दूर-दराज से आए यात्री शामिल होते हैं। भीड़ नियंत्रण, आपात स्थिति से निपटना और यातायात को सुचारू बनाए रखना पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है। यही वजह है कि इस बार ट्रैफिक एडवाइजरी को पहले से ज्यादा सख्त और व्यापक बनाया गया है।
वृंदावन में किन इलाकों में वाहनों की एंट्री पर पूरी तरह रोक
ट्रैफिक एडवाइजरी के तहत वृंदावन और उसके आसपास कई प्रमुख मार्गों पर वाहनों की एंट्री पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी गई है। खासतौर पर भारी और कॉमर्शियल वाहनों पर सख्ती बरती जा रही है ताकि संकरी गलियों और मंदिर मार्गों पर जाम की स्थिति न बने। छटीकरा से वृंदावन की ओर किसी भी प्रकार के भारी और कमर्शियल वाहन को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसी तरह वैष्णो देवी पार्किंग से बड़ी और छोटी बसों का वृंदावन की ओर जाना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
यमुना पुल और परिक्रमा मार्ग पर सख्त निगरानी
पानी घाट तिराहे यानी यमुना पुल से परिक्रमा मार्ग की ओर जाने वाले सभी प्रकार के वाहनों पर रोक लगाई गई है। यह इलाका वैसे भी नए साल के दौरान सबसे ज्यादा भीड़भाड़ वाला बन जाता है। परिक्रमा मार्ग पर पैदल श्रद्धालुओं की संख्या बहुत अधिक होती है, ऐसे में किसी भी तरह का वाहन प्रवेश गंभीर हादसे का कारण बन सकता है। इसी खतरे को देखते हुए पुलिस ने यहां जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है।
मथुरा-वृंदावन रोड पर कहां से आगे नहीं जा पाएंगे वाहन
मथुरा-वृंदावन मार्ग पर सौ-सैया अस्पताल से आगे सभी प्रकार के भारी, कमर्शियल और चार पहिया वाहनों पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। यमुना एक्सप्रेस-वे या मथुरा शहर की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं को इसी प्वाइंट पर अपने वाहन रोकने होंगे। इसके आगे केवल पैदल या निर्धारित साधनों से ही आगे बढ़ने की अनुमति होगी। पुलिस का मानना है कि इससे मंदिर क्षेत्र में अनावश्यक दबाव नहीं पड़ेगा।
एनएच-19 से वृंदावन की ओर आने वालों के लिए सख्त नियम
नेशनल हाईवे-19 से वृंदावन की ओर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी विशेष ट्रैफिक नियम लागू किए गए हैं। ग्राम जैत के पास एनएच-19 कट से और परिक्रमा मार्ग कट एनएच-19 से किसी भी प्रकार के भारी या हल्के वाहन को रामताल चौराहा, सुनरख रोड या वृंदावन की ओर जाने की अनुमति नहीं होगी। यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि हाईवे से सीधे वृंदावन में वाहनों की बाढ़ न आ जाए।
गोकुल, मसानी और पानीगांव रूट पर क्या रहेगा हाल
गोकुल रेस्टोरेंट और मसानी चौराहा से वृंदावन की ओर जाने वाले सभी भारी वाहनों की एंट्री पूरी तरह बैन रहेगी। वहीं पानीगांव चौराहा से सौ-सैया की ओर जाने वाले सभी भारी और कमर्शियल वाहनों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। वृंदावन कट, पानीगांव से वृंदावन की ओर भी किसी प्रकार के भारी वाहन को जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इन सभी प्रतिबंधों का मकसद साफ है कि शहर के अंदर केवल जरूरी और नियंत्रित यातायात ही पहुंचे।
डायवर्जन प्लान कैसे बदलेगा आपका सफर
ट्रैफिक एडवाइजरी के साथ-साथ पुलिस ने विस्तृत डायवर्जन प्लान भी लागू किया है। यमुना एक्सप्रेस-वे से वृंदावन होते हुए एनएच-19 जाने वाले सभी भारी वाहनों को राया कट से उतारकर मथुरा-बरेली हाईवे के जरिए एनएच-19 की ओर भेजा जाएगा। इसी तरह एनएच-19 छटीकरा से वृंदावन होते हुए यमुना एक्सप्रेस-वे जाने वाले भारी वाहन बाद पुल से मथुरा-बरेली हाईवे होते हुए एक्सप्रेस-वे की ओर जाएंगे। इससे वृंदावन शहर के अंदर भारी वाहनों का दबाव पूरी तरह खत्म हो जाएगा।
इलेक्ट्रिक बसों पर भी क्यों लगाया गया प्रतिबंध
नगर निगम द्वारा संचालित इलेक्ट्रिक बसें आमतौर पर श्रद्धालुओं के लिए बड़ी राहत मानी जाती हैं, लेकिन नए साल की भारी भीड़ को देखते हुए इन पर भी आंशिक प्रतिबंध लगाया गया है। इलेक्ट्रिक बसें केवल रुक्मणि विहार गोल चक्कर तक ही आ सकेंगी और इसके आगे जाने की अनुमति नहीं होगी। इसके बाद बसों को वहीं से वापस लौटना होगा। पुलिस का कहना है कि इससे भीड़ वाले कोर एरिया में यातायात नियंत्रित रहेगा।
चार पहिया वाहनों के लिए तय की गई अंतिम सीमा
यमुना एक्सप्रेस-वे और मथुरा शहर की ओर से आने वाले चार पहिया वाहन केवल सौ-सैया अस्पताल तक ही जा सकेंगे। इसके आगे किसी भी निजी कार को जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। वहीं छटीकरा एनएच-19 की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं के चार पहिया वाहन केवल मल्टीलेवल पार्किंग तक ही पहुंच पाएंगे। यहां से आगे सभी को पैदल या निर्धारित मार्गों से ही आगे बढ़ना होगा।
नए साल पर 21 जगहों पर बनेगी बड़ी पार्किंग व्यवस्था
श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ट्रैफिक पुलिस और जिला प्रशासन ने कुल 21 स्थानों पर विशेष पार्किंग की व्यवस्था की है। यमुना एक्सप्रेस-वे से वृंदावन की ओर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सात प्रमुख पार्किंग स्थल चिन्हित किए गए हैं, जहां बड़े और छोटे दोनों प्रकार के वाहन खड़े किए जा सकेंगे। शिवा ढावा के सामने, भोपत ढावा, पैराग्लाइडिंग एरिया, पानीगांव पशु पैठ, पवन हंस हेलीपैड, मंडी और दारुक जैसे स्थानों पर पार्किंग सुविधा उपलब्ध रहेगी।
मथुरा शहर से आने वालों के लिए अलग पार्किंग प्लान
मथुरा शहर की ओर से वृंदावन आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों के लिए भी अलग से व्यवस्था की गई है। चौहान पार्किंग, एमवीडीए पार्किंग, मंडी पार्किंग, आईटीआई कॉलेज पार्किंग और पागल बाबा अस्पताल की जमीन पर वाहन खड़े किए जा सकेंगे। इन पार्किंग स्थलों को इस तरह चुना गया है कि यहां से श्रद्धालु आसानी से पैदल या वैकल्पिक साधनों से मंदिर तक पहुंच सकें।
एनएच-19 और छटीकरा रूट से आने वालों को कहां मिलेगी जगह
एनएच-19 छटीकरा से वृंदावन की ओर आने वाले श्रद्धालुओं के सभी वाहन माता वैष्णो देवी मंदिर के सामने बनी पार्किंग, मंदिर के बराबर की कच्ची पार्किंग, रॉयल भारती मोड़ पार्किंग, अन्नपूर्णा कार पार्किंग, मल्टीलेवल पार्किंग और जादौन पार्किंग में खड़े किए जाएंगे। यह व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि हाईवे से सीधे शहर के भीतर वाहनों की भीड़ न पहुंचे।
जैत कट और सुनरख रोड से आने वालों के लिए क्या इंतजाम
थाना जैत कट से वृंदावन की ओर आने वाले श्रद्धालुओं को छह शिखर तिराहा के पास, जयशिव कार पार्किंग और प्रेम मंदिर के पीछे सुनरख तिराहा मोड़ पार्किंग की सुविधा दी जाएगी। इन सभी पार्किंग स्थलों पर पुलिस और होमगार्ड की तैनाती रहेगी ताकि किसी भी तरह की अव्यवस्था न हो।
सुरक्षा और सुविधा के बीच संतुलन बनाने की कोशिश
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह पूरा ट्रैफिक मास्टर प्लान श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुविधा और सुगम दर्शन को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। नए साल पर उमड़ने वाली भीड़ को नियंत्रित करना आसान काम नहीं होता, लेकिन पहले से तय नियमों और डायवर्जन से स्थिति को काफी हद तक संभाला जा सकता है। पुलिस ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे ट्रैफिक नियमों का पालन करें, निर्धारित पार्किंग में ही वाहन खड़ा करें और किसी भी तरह की अफवाह या जल्दबाजी से बचें।
नए साल पर वृंदावन आने वालों के लिए अहम संदेश
अगर आप नए साल पर वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर के दर्शन की योजना बना रहे हैं, तो यह जरूरी है कि आप पहले से ट्रैफिक एडवाइजरी और पार्किंग व्यवस्था की पूरी जानकारी रखें। थोड़ी सी सतर्कता और सहयोग से न केवल आपका सफर आसान होगा बल्कि हजारों अन्य श्रद्धालुओं को भी राहत मिलेगी। पुलिस और प्रशासन का यह मास्टर प्लान तभी सफल होगा जब आम लोग इसमें सहयोग करेंगे और नियमों का पालन करेंगे।


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