वाराणसी विकास प्राधिकरण की लालपुर आवासीय योजना में ई-ऑक्शन से सस्ते प्लॉट खरीदने का मौका, जानें आवेदन, कीमत और शर्तें।
वाराणसी में जमीन खरीदने का सुनहरा अवसर
उत्तर प्रदेश के धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र वाराणसी में अपना घर या निवेश के लिए जमीन खरीदने का सपना देख रहे लोगों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। शहर में बढ़ती आबादी, तेज़ी से विकसित हो रहा इंफ्रास्ट्रक्चर और रियल एस्टेट की लगातार बढ़ती मांग के बीच अब सरकारी दरों पर प्लॉट खरीदने का मौका मिल रहा है। यह अवसर किसी निजी बिल्डर की स्कीम नहीं बल्कि सीधे वाराणसी विकास प्राधिकरण की ओर से दिया जा रहा है, जिससे इसकी विश्वसनीयता और आकर्षण दोनों बढ़ जाते हैं।
लालपुर आवासीय योजना चरण-1 क्या है
लालपुर आवासीय योजना वाराणसी विकास प्राधिकरण की उन योजनाओं में शामिल है, जिन्हें शहर के नियोजित विकास के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इस योजना का पहला चरण अब ई-ऑक्शन के माध्यम से आम लोगों के लिए खोला गया है। योजना के अंतर्गत कुल 15 आवासीय प्लॉट ई-नीलामी में शामिल किए गए हैं। ये सभी प्लॉट अलग-अलग साइज के हैं, ताकि मध्यम वर्ग से लेकर बड़े निवेशक तक अपनी आवश्यकता और बजट के अनुसार बोली लगा सकें।
प्लॉट का साइज और लोकेशन क्यों है खास
लालपुर आवासीय योजना के अंतर्गत जिन प्लॉट्स को ई-ऑक्शन में रखा गया है, उनका साइज 82 वर्ग मीटर से लेकर 209 वर्ग मीटर तक है। यह साइज उन लोगों के लिए उपयुक्त माना जाता है जो भविष्य में अपना निजी मकान बनाना चाहते हैं या फिर रियल एस्टेट में लॉन्ग-टर्म निवेश की सोच रखते हैं। लालपुर क्षेत्र वाराणसी के उन इलाकों में गिना जाता है जहां सड़क, बिजली, पानी और कनेक्टिविटी जैसी बुनियादी सुविधाएं लगातार बेहतर हो रही हैं, जिससे आने वाले वर्षों में जमीन की कीमतों में बढ़ोतरी की पूरी संभावना है।
ई-ऑक्शन के जरिए कैसे होगी नीलामी
वाराणसी विकास प्राधिकरण ने इन प्लॉट्स की बिक्री के लिए पारदर्शी ई-ऑक्शन प्रक्रिया अपनाई है। ई-ऑक्शन का मतलब है कि पूरी नीलामी ऑनलाइन होगी और इच्छुक आवेदक घर बैठे बोली लगा सकेंगे। इसके लिए प्राधिकरण की आधिकारिक वेबसाइट पर पंजीकरण करना अनिवार्य है। पंजीकरण की अंतिम तिथि 30 दिसंबर तय की गई है, जिसके बाद कोई भी नया आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।
‘जहां है, जैसे है’ की शर्त का मतलब
ई-नीलामी में शामिल सभी प्लॉट ‘जहां है, जैसे है’ की स्थिति में बेचे जाएंगे। इसका सीधा मतलब यह है कि प्लॉट की वर्तमान भौतिक स्थिति, जमीन की हालत और उपलब्ध सुविधाओं को देखकर ही बोली लगानी होगी। बाद में किसी भी प्रकार की आपत्ति या बदलाव की गुंजाइश नहीं होगी। यही कारण है कि प्राधिकरण ने इच्छुक बोलीदाताओं को सलाह दी है कि वे नीलामी से पहले प्लॉट से जुड़ी सभी जानकारियों को अच्छी तरह समझ लें।
फ्री-होल्ड ड्यूटी और अतिरिक्त खर्च
प्लॉट की बोली राशि के अलावा आवंटी को 12 प्रतिशत फ्री-होल्ड ड्यूटी भी अदा करनी होगी। यह राशि संपत्ति को फ्री-होल्ड कराने के लिए ली जाती है, जिससे भविष्य में मालिकाना हक को लेकर कोई विवाद न हो। इसके अलावा स्टांप ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन शुल्क और अन्य वैधानिक खर्च भी आवंटी को ही वहन करने होंगे। इसलिए बोली लगाने से पहले कुल खर्च का आकलन करना बेहद जरूरी है।
नीलामी में कितने बोलीदाता जरूरी
वाराणसी विकास प्राधिकरण के नियमों के अनुसार किसी भी नीलामी प्रक्रिया में न्यूनतम दो बोलीदाताओं की उपस्थिति अनिवार्य मानी जाती है। हालांकि विशेष परिस्थितियों में यदि केवल एक ही बोलीदाता सामने आता है तो उसके पक्ष में भी नीलामी पर विचार किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में यह देखा जाएगा कि संबंधित संपत्ति को पहले कितनी बार नीलामी में रखा गया, कितनी बोलियां आईं और कम बोली मिलने के क्या कारण रहे।
एक बोलीदाता की स्थिति में क्या होगी प्रक्रिया
यदि किसी प्लॉट के लिए केवल एक ही अभ्यर्थी बोली लगाता है तो मामला सीधे स्वीकार नहीं किया जाएगा। पहले यह जांच की जाएगी कि कहीं संपत्ति में कोई कानूनी या भौतिक बाधा तो नहीं है। इसके साथ ही यह भी देखा जाएगा कि पहले की नीलामियों में लोगों की रुचि कम क्यों रही। इन सभी तथ्यों का विस्तृत परीक्षण करने के बाद मामला उपाध्यक्ष वाराणसी विकास प्राधिकरण के समक्ष रखा जाएगा और उनका निर्णय अंतिम व बाध्यकारी होगा।
उपाध्यक्ष की स्वीकृति क्यों है अहम
ई-ऑक्शन की प्रक्रिया तब तक अंतिम नहीं मानी जाएगी जब तक कि उपाध्यक्ष वाराणसी विकास प्राधिकरण इसकी स्वीकृति नहीं दे देते। यानी बोली जीतने के बाद भी आवंटी को आधिकारिक मंजूरी का इंतजार करना होगा। उपाध्यक्ष की स्वीकृति मिलने के बाद ही नीलामी को वैध माना जाएगा और आगे की भुगतान प्रक्रिया शुरू होगी।
भुगतान की समय-सीमा और शर्तें
नीलामी के बाद आवंटी को आवंटन पत्र जारी किया जाएगा। आवंटन पत्र निर्गत होने की तिथि से एक माह के भीतर संपत्ति मूल्य की 25 प्रतिशत राशि जमा करना अनिवार्य होगा। इसके बाद नीलामी की तिथि से छह माह के भीतर संपत्ति की पूरी राशि जमा करनी होगी। यह समय-सीमा सख्ती से लागू की जाएगी और किसी भी प्रकार की ढील की संभावना बहुत कम है।
समय पर भुगतान न करने पर क्या होगा
यदि निर्धारित समय-सीमा के भीतर भुगतान नहीं किया गया तो नीलामी या आवंटन स्वतः निरस्त मान लिया जाएगा। ऐसी स्थिति में आवंटी द्वारा जमा की गई पंजीकरण राशि जब्त कर ली जाएगी। इसके अलावा अब तक जमा की गई शेष धनराशि में से भी 25 प्रतिशत की कटौती की जाएगी। इस नियम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल गंभीर और सक्षम खरीदार ही नीलामी में हिस्सा लें।
विवाद की स्थिति में अंतिम अधिकार किसका
नीलामी या संपत्ति से जुड़े किसी भी प्रकार के विवाद की स्थिति में उपाध्यक्ष वाराणसी विकास प्राधिकरण का निर्णय अंतिम माना जाएगा। इस निर्णय के खिलाफ किसी अन्य स्तर पर अपील की व्यवस्था नहीं होगी। इसलिए बोली लगाने से पहले सभी नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ना बेहद जरूरी है।
रजिस्ट्रेशन कहां और कैसे करें
ई-ऑक्शन में भाग लेने के लिए इच्छुक आवेदक वाराणसी विकास प्राधिकरण की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। वेबसाइट पर जाकर पहले यूज़र अकाउंट बनाना होगा, उसके बाद आवश्यक दस्तावेज अपलोड कर पंजीकरण शुल्क जमा करना होगा। पंजीकरण पूरा होने के बाद ही बोली लगाने की अनुमति मिलेगी।
जानकारी के लिए संपर्क सूत्र
जो लोग ऑनलाइन प्रक्रिया को लेकर असमंजस में हैं या अतिरिक्त जानकारी चाहते हैं, वे प्राधिकरण के संपत्ति अनुभाग के मोबाइल नंबर 9616536355 और 9580956031 पर संपर्क कर सकते हैं। यहां से नीलामी, प्लॉट साइज, भुगतान प्रक्रिया और नियमों से जुड़ी पूरी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
निवेश और आवास दोनों के लिए फायदेमंद मौका
लालपुर आवासीय योजना के तहत ई-ऑक्शन से प्लॉट खरीदना केवल घर बनाने वालों के लिए ही नहीं, बल्कि निवेशकों के लिए भी एक सुनहरा मौका माना जा रहा है। वाराणसी में आने वाले समय में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स, पर्यटन और शहरी विस्तार को देखते हुए जमीन की कीमतों में अच्छी बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में सरकारी योजना के तहत खरीदी गई जमीन भविष्य में बड़ा मुनाफा दे सकती है।
क्यों खास है यह ई-ऑक्शन
सरकारी प्राधिकरण द्वारा आयोजित ई-ऑक्शन में पारदर्शिता, कानूनी सुरक्षा और भरोसेमंद प्रक्रिया सबसे बड़ा आकर्षण होती है। निजी डीलरों के मुकाबले यहां धोखाधड़ी की आशंका बेहद कम रहती है। यही कारण है कि वाराणसी विकास प्राधिकरण की यह नीलामी लोगों के बीच तेजी से चर्चा का विषय बन गई है।
अंतिम तारीख से पहले करें तैयारी
30 दिसंबर पंजीकरण की अंतिम तिथि है और इसके बाद किसी भी प्रकार का आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा। ऐसे में जो लोग वाराणसी में प्लॉट खरीदने का मन बना चुके हैं, उनके लिए यह समय बेहद अहम है। सभी दस्तावेज तैयार कर समय रहते पंजीकरण कराना ही समझदारी भरा कदम होगा।


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