जालौन में प्रेम विवाह के बाद ससुर ने बहू को डंडों से पीटकर घर से निकाला. वीडियो वायरल, पुलिस जांच में जुटी.
जालौन से सामने आई रिश्तों को शर्मसार करने वाली तस्वीर
उत्तर प्रदेश के जालौन जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने न सिर्फ पारिवारिक रिश्तों पर बल्कि समाज की सोच पर भी गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं. प्रेम विवाह जैसे संवैधानिक अधिकार को अपराध मानते हुए एक ससुर ने अपनी ही बहू के साथ अमानवीय व्यवहार किया. मामला उरई कोतवाली क्षेत्र का है, जहां बेटे द्वारा अपनी पसंद से शादी करने पर पिता इस कदर आग-बबूला हो गया कि उसने नवविवाहिता को डंडों से पीटते हुए घर से बाहर निकाल दिया. यह पूरी घटना किसी एक परिवार की निजी लड़ाई नहीं रही, बल्कि इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही यह मामला पूरे जिले और प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया.
एक साल पहले कोर्ट मैरिज, फिर मंदिर में रचाई शादी
पीड़ित दंपति की कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट जैसी लग सकती है, लेकिन हकीकत इससे कहीं ज्यादा दर्दनाक है. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार युवक और युवती पिछले करीब एक साल से एक-दूसरे को जानते थे और आपसी सहमति से दोनों ने कोर्ट मैरिज कर ली थी. कोर्ट मैरिज के बाद दोनों अपने-अपने स्तर पर सामान्य जीवन जी रहे थे, लेकिन समाज और परिवार की मान्यताओं को ध्यान में रखते हुए उन्होंने शुक्रवार को शारदा पीठ बैरागढ़ मंदिर में विधि-विधान से धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ विवाह भी किया. मंदिर में शादी के दौरान का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें दोनों बेहद खुश नजर आ रहे हैं और भविष्य के सपने संजोते दिखते हैं.
शादी के बाद बदला घर का माहौल
मंदिर में विवाह के बाद नवविवाहित दंपति जब घर पहुंचे, तो उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि यह कदम उनके लिए कितना भारी पड़ने वाला है. आरोप है कि युवक के पिता ने जैसे ही प्रेम विवाह की बात सुनी, वह आपे से बाहर हो गया. परिवार में पहले से ही इस रिश्ते को लेकर नाराजगी थी, लेकिन ससुर का गुस्सा उस वक्त हिंसा में बदल गया, जब उसने डंडा उठा लिया. नवविवाहिता का आरोप है कि ससुर ने न सिर्फ उसे अपशब्द कहे बल्कि डंडे से मारपीट करते हुए घर से बाहर धकेल दिया. बेटे को भी धमकाया गया और दोनों को घर में घुसने नहीं दिया गया.
डंडे के सहारे निकाली गई बहू, वीडियो में कैद हुई अमानवीयता
इस पूरी घटना का वीडियो किसी पड़ोसी या मौके पर मौजूद व्यक्ति ने बना लिया, जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह एक बुजुर्ग व्यक्ति हाथ में डंडा लेकर बहू को डराता-धमकाता है और घर से बाहर निकाल देता है. बहू डर के मारे घर के बाहर खड़ी दिखाई देती है, जबकि आसपास मौजूद लोग तमाशबीन बने रहते हैं. यह वीडियो सामने आने के बाद लोगों में आक्रोश फैल गया और सोशल मीडिया पर ससुर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग होने लगी.
जान से मारने की धमकी का आरोप
पीड़िता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि मारपीट के दौरान उसे जान से मारने की धमकी भी दी गई. उसका कहना है कि ससुर ने साफ शब्दों में कहा कि वह इस घर में कभी स्वीकार नहीं की जाएगी और अगर उसने घर में घुसने की कोशिश की तो अंजाम बुरा होगा. नवविवाहिता का यह भी आरोप है कि उसके साथ मानसिक और शारीरिक दोनों तरह की प्रताड़ना की गई. शादी के कुछ ही घंटों के भीतर उसके सारे सपने चकनाचूर हो गए और वह खुद को असहाय स्थिति में सड़क पर बैठा हुआ पाने लगी.
देर शाम तक घर के बाहर बैठी रही दुल्हन
घटना के बाद नवविवाहिता ने यूपी 112 पर कॉल कर पुलिस से मदद की गुहार लगाई. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को संभालने का प्रयास किया. पुलिस ने ससुर और अन्य परिजनों को समझाने की कोशिश की कि कानून के अनुसार बालिग युवक-युवती को अपनी पसंद से शादी करने का पूरा अधिकार है. हालांकि, पारिवारिक विवाद इतना गहरा था कि पुलिस की समझाइश का भी कोई खास असर नहीं हुआ. नतीजा यह रहा कि देर शाम तक नवविवाहिता घर के बाहर बैठी रही, जो कानून-व्यवस्था और सामाजिक सोच दोनों पर सवाल खड़े करता है.
मोहल्ला बघौरा बाईपास का बताया जा रहा है मामला
स्थानीय सूत्रों के अनुसार यह पूरा मामला उरई कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला बघौरा बाईपास का है. घटना के बाद इलाके में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं. कुछ लोग ससुर के व्यवहार की निंदा करते नजर आए, तो कुछ ने इसे पारिवारिक मामला बताकर किनारा कर लिया. लेकिन वायरल वीडियो ने इस घटना को निजी दायरे से बाहर निकालकर सार्वजनिक बहस का विषय बना दिया. लोग यह सवाल उठाने लगे कि क्या आज भी प्रेम विवाह करना इतना बड़ा गुनाह है कि उसकी सजा हिंसा और बेदखली के रूप में दी जाए.
सोशल मीडिया पर फूटा लोगों का गुस्सा
वीडियो वायरल होते ही फेसबुक, एक्स और व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म पर लोगों की प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई. कई यूजर्स ने इसे महिला उत्पीड़न का गंभीर मामला बताया, तो कुछ ने पुलिस से तत्काल गिरफ्तारी की मांग की. सोशल मीडिया पर यह भी चर्चा होने लगी कि यदि वीडियो सामने न आता, तो शायद यह मामला भी कई अन्य घरेलू हिंसा की घटनाओं की तरह दबा दिया जाता. लोगों ने सवाल उठाया कि आखिर कब तक बेटियों और बहुओं को अपनी पसंद के फैसलों की कीमत हिंसा से चुकानी पड़ेगी.
पुलिस का बयान और जांच की स्थिति
पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और अभी तक पीड़िता की ओर से लिखित तहरीर नहीं दी गई है. पुलिस अधिकारियों के अनुसार जैसे ही तहरीर मिलेगी, आरोपियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि वायरल वीडियो कब का है और उसमें दिखाई दे रही पूरी घटना की सच्चाई क्या है. साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि क्या पीड़िता को किसी प्रकार की गंभीर चोटें आई हैं या नहीं.
प्रेम विवाह और सामाजिक टकराव की सच्चाई
यह मामला सिर्फ एक परिवार की कहानी नहीं है, बल्कि उस सामाजिक टकराव की झलक है, जहां आज भी प्रेम विवाह को स्वीकार करना कई लोगों के लिए मुश्किल होता है. कानून भले ही बालिग युवक-युवती को अपनी पसंद से शादी करने का अधिकार देता हो, लेकिन सामाजिक सोच और पारिवारिक दबाव कई बार इस अधिकार को कुचल देते हैं. जालौन की यह घटना दिखाती है कि कैसे रिश्तों की आड़ में हिंसा को जायज ठहराने की कोशिश की जाती है.
महिला सुरक्षा और कानून पर उठते सवाल
घटना के बाद सबसे बड़ा सवाल महिला सुरक्षा को लेकर खड़ा होता है. अगर एक नवविवाहिता अपने ही ससुराल में सुरक्षित नहीं है, तो समाज में उसकी स्थिति कितनी असुरक्षित है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन इसके बावजूद पीड़िता को तुरंत घर में सुरक्षा नहीं मिल पाई. यह स्थिति प्रशासनिक व्यवस्था और त्वरित न्याय प्रणाली पर भी सवाल खड़े करती है.
पीड़िता की उम्मीद और आगे की राह
पीड़िता का कहना है कि वह सिर्फ अपने अधिकार और सम्मान के साथ जीना चाहती है. उसने पुलिस और प्रशासन से मांग की है कि उसे सुरक्षा दी जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. उसका यह भी कहना है कि वह अपने पति के साथ रहना चाहती है और किसी भी तरह की हिंसा या दबाव को स्वीकार नहीं करेगी. यह मामला आने वाले समय में एक मिसाल बन सकता है कि कानून ऐसे मामलों में कितनी सख्ती और संवेदनशीलता दिखाता है.
समाज के लिए चेतावनी बनता जालौन का मामला
जालौन की यह घटना समाज के लिए एक कड़ी चेतावनी है. यह बताती है कि जब तक सोच नहीं बदलेगी, तब तक कानून भी अधूरा साबित होगा. प्रेम विवाह कोई अपराध नहीं है, लेकिन उसे अपराध मानने वाली मानसिकता आज भी कई घरों में जिंदा है. यह मामला आने वाले दिनों में और तूल पकड़ सकता है, क्योंकि सोशल मीडिया से लेकर प्रशासन तक इस पर नजर बनाए हुए है. अब देखना यह है कि क्या पीड़िता को न्याय मिल पाता है या यह मामला भी समय के साथ ठंडे बस्ते में चला जाता है.


0 टिप्पणियाँ
आपका विचार हमारे लिए महत्वपूर्ण है, कृपया अपनी राय नीचे लिखें।