सहारनपुर में मां शाकंभरी देवी के दर्शन से लौट रहे श्रद्धालुओं की कार पेड़ से टकराई, दो सगे डॉक्टर भाइयों समेत 4 की मौत.
सहारनपुर में शनिवार शाम मातम में बदली श्रद्धा की यात्रा
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में शनिवार की शाम उस वक्त मातम में बदल गई, जब सिद्धपीठ मां शाकंभरी देवी के दर्शन कर लौट रहे श्रद्धालुओं की कार भीषण सड़क हादसे का शिकार हो गई. बेहट कोतवाली क्षेत्र के शाकंभरी रोड पर तेज रफ्तार कार अचानक अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खड़े एक पेड़ से जा टकराई. टक्कर इतनी भयावह थी कि कार के परखच्चे उड़ गए और उसमें सवार सभी चार लोगों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई. हादसे की खबर मिलते ही पूरे इलाके में सनसनी फैल गई और मृतकों के गांवों में कोहराम मच गया.
दर्शन के बाद घर लौटते समय हुआ भीषण हादसा
जानकारी के मुताबिक यह हादसा शनिवार शाम करीब पांच बजे गांव जसमौर अड्डे के पास धर्म सिंह जगदीश सिंह डिग्री कॉलेज के नजदीक हुआ. कार में सवार सभी लोग सहारनपुर जनपद के विभिन्न इलाकों के रहने वाले थे और एक साथ माता के दर्शन के लिए गए थे. श्रद्धा और आस्था से भरी यह यात्रा किसी ने नहीं सोचा था कि लौटते वक्त मौत का पैगाम बन जाएगी. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कार काफी तेज रफ्तार में थी और मोड़ के पास चालक का संतुलन बिगड़ गया, जिसके बाद कार सीधे पेड़ से जा भिड़ी.
दो सगे डॉक्टर भाइयों की मौत से गांव में शोक
इस दर्दनाक हादसे में थाना चिलकाना क्षेत्र के गांव तिड़फवा निवासी 53 वर्षीय डॉक्टर विजय कुमार और उनके 30 वर्षीय छोटे भाई डॉक्टर मनीष की भी मौत हो गई. दोनों भाई अपने इलाके में जाने-माने चिकित्सक थे और सामाजिक रूप से भी काफी सक्रिय माने जाते थे. एक ही परिवार के दो होनहार डॉक्टरों की अचानक मौत की खबर से गांव तिड़फवा में शोक की लहर दौड़ गई. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है और गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है.
मौसा और साथी भी नहीं बच सके
हादसे में डॉक्टर भाइयों के साथ उनके मौसा 45 वर्षीय जितेंद्र पुत्र रामस्वरूप निवासी गांव महमूदपुर तिवाई थाना गागलहेड़ी, वर्तमान निवासी मोहल्ला माजरी कस्बा बेहट, और थाना फतेहपुर क्षेत्र के गांव मुजफ्फराबाद निवासी 35 वर्षीय सोनू की भी मौके पर ही मौत हो गई. चारों लोग एक ही कार में सवार थे और दर्शन के बाद लौटते समय आपस में बातचीत करते हुए घर लौट रहे थे. किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि यह सफर उनकी जिंदगी का आखिरी सफर बन जाएगा.
टक्कर इतनी भीषण कि कार बन गई लोहे का ढांचा
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई. सामने का हिस्सा पूरी तरह चकनाचूर हो गया और कार में सवार लोग अंदर ही बुरी तरह फंस गए. सड़क पर तेज आवाज के साथ हादसा होते ही आसपास मौजूद लोग मौके की ओर दौड़े, लेकिन कार की हालत देखकर किसी की भी हिम्मत नहीं हो रही थी कि वह अंदर फंसे लोगों को तुरंत बाहर निकाल सके.
पुलिस और एम्बुलेंस ने संभाला मोर्चा
हादसे की सूचना मिलते ही पीआरवी पुलिस और कोतवाली बेहट पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची. पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से कटर और अन्य उपकरणों के जरिए कार को काटा और अंदर फंसे शवों को बाहर निकाला. इसके बाद सभी को 108 एम्बुलेंस की सहायता से बेहट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने चारों को मृत घोषित कर दिया. अस्पताल परिसर में परिजनों की चीख-पुकार सुनकर माहौल और भी गमगीन हो गया.
आधार कार्ड से हुई मृतकों की पहचान
पुलिस ने मृतकों की जेब से मिले आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों के आधार पर उनकी पहचान की. इसके बाद परिजनों को सूचना दी गई. जैसे ही हादसे की खबर गांवों तक पहुंची, परिजन बदहवास हालत में अस्पताल और दुर्घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े. एक साथ चार अर्थियां उठने की खबर से हर आंख नम हो गई.
हादसे के बाद इलाके में पसरा मातम
चार लोगों की एक साथ मौत से पूरे इलाके में शोक का माहौल है. सड़क किनारे जहां हादसा हुआ, वहां देर तक लोगों की भीड़ जुटी रही. हर कोई यही सवाल करता नजर आया कि आखिर तेज रफ्तार और लापरवाही कब तक लोगों की जान लेती रहेगी. स्थानीय लोगों का कहना है कि शाकंभरी रोड पर अक्सर तेज रफ्तार वाहन चलते हैं और पहले भी यहां कई हादसे हो चुके हैं.
पुलिस कर रही है हादसे के कारणों की जांच
कोतवाली बेहट पुलिस ने सभी शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. इंस्पेक्टर सतपाल भाटी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में हादसे की वजह तेज रफ्तार और वाहन का अनियंत्रित होना सामने आ रहा है, लेकिन सभी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है. यह भी देखा जा रहा है कि कहीं सड़क की स्थिति या किसी तकनीकी खराबी की वजह से तो हादसा नहीं हुआ.
श्रद्धा से शुरू हुआ सफर, मातम पर खत्म
मां शाकंभरी देवी के दर्शन के लिए गए चारों श्रद्धालु पूरी आस्था और विश्वास के साथ घर से निकले थे. किसी को अंदेशा नहीं था कि यह धार्मिक यात्रा उनकी जिंदगी का अंतिम अध्याय बन जाएगी. यह हादसा एक बार फिर सड़क सुरक्षा, तेज रफ्तार और सावधानी की जरूरत पर गंभीर सवाल खड़े करता है. सहारनपुर का यह दर्दनाक हादसा न सिर्फ चार परिवारों की दुनिया उजाड़ गया, बल्कि पूरे जिले को गहरे शोक में डुबो गया है.


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