रायबरेली के मलकान क्रॉसिंग पर मालगाड़ी रोकने को लेकर सिगरेट विवाद, रेलवे ने सिग्नल समस्या बताया, वीडियो वायरल
वायरल वीडियो से मचा बवाल: क्या लोको पायलट ने वाकई सिगरेट के लिए ट्रेन रोकी?
उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के ऊंचाहार क्षेत्र स्थित मलकान रेलवे क्रॉसिंग पर इन दिनों एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसने रेलवे विभाग और आम जनता के बीच गरमागरम बहस छेड़ दी है। वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि एक मालगाड़ी क्रॉसिंग के पास खड़ी है और राहगीरों का आरोप है कि ट्रेन को सिर्फ इसलिए रोका गया क्योंकि लोको पायलट को सिगरेट खरीदनी थी। इस वीडियो ने रेलवे संचालन, सुरक्षा और कर्मचारी अनुशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं रेलवे विभाग ने इस पूरे मामले को ‘सिग्नल न मिलने’ की तकनीकी दिक्कत बताकर सफाई दी है।
मलकान क्रॉसिंग पर खड़ी रही मालगाड़ी, 10 मिनट तक जाम
ऊंचाहार की एनटीपीसी परियोजना से कोयला लेकर लौट रही मालगाड़ी अचानक मलकान रेलवे क्रॉसिंग पर आकर रुक गई। इस दौरान ट्रेन करीब 10 मिनट तक वहीं खड़ी रही, जिससे सड़क पर दोनों ओर लंबा जाम लग गया। सुबह-शाम के व्यस्त समय में इस तरह की रुकावट स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का सबब बन जाती है। यही नहीं, कई बार मरीजों, स्कूल जाते बच्चों और ऑफिस के लिए निकल रहे कर्मचारियों को ऐसी रुकावटों से खासा नुकसान उठाना पड़ता है। इस बार स्थिति तब ज्यादा पेचीदा हो गई जब यह आरोप सामने आया कि ट्रेन इसलिए रोकी गई क्योंकि लोको पायलट को सिगरेट खरीदनी थी।
राहगीरों का दावा: ‘लोको पायलट ने सिगरेट लेने के लिए रोकी ट्रेन’
वीडियो सामने आने के बाद कई राहगीरों ने दावा किया कि उन्होंने देखा कि ट्रेन रुकने के बाद चालक वहां से उतरकर पास की दुकान की ओर गया और सिगरेट ली। इन राहगीरों के अनुसार, यह कोई पहली बार नहीं हुआ है। आए दिन इस क्रॉसिंग पर मालगाड़ियां बेवजह रोकी जाती हैं और क्रॉसिंग बंद होने के कारण लोगों को काफी इंतजार करना पड़ता है। उनका यह भी कहना था कि लोको पायलटों द्वारा इस तरह ट्रेन रोककर सामान लेना आम बात हो गई है, जिससे रेलवे की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न उठते हैं।
वायरल वीडियो में क्या दिखा?
वायरल वीडियो में साफ दिख रहा है कि एक मालगाड़ी क्रॉसिंग के पास रुकी हुई है और एक व्यक्ति ट्रेन के इंजन की दिशा से निकलकर सड़क की ओर जाता हुआ दिखाई दे रहा है। यह व्यक्ति कौन है और क्यों उतरा, इसकी पुष्टि वीडियो से नहीं हो पाई है, लेकिन इसे लेकर तरह-तरह के दावे सोशल मीडिया पर फैल रहे हैं। वीडियो के कैप्शन में लिखा गया कि "लोको पायलट सिगरेट लेने उतरा, इसी वजह से ट्रेन 10 मिनट तक रोकी गई।"
रेलवे की सफाई: सिग्नल समस्या थी, सिगरेट की बात निराधार
मामला तूल पकड़ने के बाद रेलवे अधिकारियों ने पूरे प्रकरण पर अपनी ओर से बयान जारी किया। ऊंचाहार रेलवे स्टेशन के अधीक्षक विनोद कुमार त्रिपाठी ने स्पष्ट किया कि मालगाड़ी को सिग्नल न मिलने के कारण रोका गया था। उन्होंने कहा कि यह नियमित प्रक्रिया है और जैसे ही सिग्नल क्लियर हुआ, गाड़ी को आगे बढ़ा दिया गया। उन्होंने सिगरेट खरीदने के लिए ट्रेन रोके जाने की खबर को सिरे से खारिज किया और इसे भ्रामक बताया। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई कर्मचारी इस तरह की अनुशासनहीनता करेगा तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, लेकिन अब तक ऐसी कोई पुष्टि नहीं हुई है।
स्थानीयों की प्रतिक्रिया: कुछ बोले झूठी अफवाह, कुछ डटे अपने दावे पर
जहां कुछ लोगों ने वायरल वीडियो के आधार पर रेलवे कर्मचारियों पर अनुशासनहीनता के आरोप लगाए, वहीं कुछ स्थानीय लोग इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते। उनके अनुसार, यह एक सामान्य तकनीकी रुकावट थी, जो आए दिन देखने को मिलती है। कुछ लोगों ने यह भी कहा कि यह अफवाह किसी राहगीर द्वारा फैलाई गई है जिसने गलतफहमी में वीडियो रिकॉर्ड कर वायरल कर दिया।
क्रॉसिंग पर बार-बार ट्रेन रुकने से नाराज है जनता
ऊंचाहार क्षेत्र के मलकान रेलवे क्रॉसिंग पर मालगाड़ियों का बार-बार रुकना और उससे सड़क यातायात प्रभावित होना अब एक सामान्य समस्या बन चुका है। स्थानीय लोग बार-बार इस पर विरोध जताते आए हैं। खास तौर पर ऑफिस टाइम और स्कूल टाइम के दौरान गाड़ियों की लंबी कतारें लग जाती हैं, जिससे जनता में असंतोष गहराता जा रहा है। नागरिकों का कहना है कि रेलवे को इस क्रॉसिंग पर फ्लाईओवर बनवाने की दिशा में कार्य करना चाहिए ताकि बार-बार होने वाले अवरोधों से छुटकारा मिल सके।
सोशल मीडिया पर मिला मिला-जुला रिएक्शन
यह वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर जमकर प्रतिक्रियाएं आईं। कुछ लोगों ने रेलवे पर व्यंग्य करते हुए लिखा कि “अब ट्रेनें भी सिगरेट ब्रेक लेने लगी हैं।” तो वहीं कई यूजर्स ने यह भी कहा कि “हर वीडियो को बिना जांच के वायरल करना गलत है। इससे बेवजह अफवाहें फैलती हैं।” कुछ यूजर्स ने रेलवे कर्मचारियों के अनुशासन को लेकर सवाल उठाए तो कुछ ने वायरल वीडियो को 'एडिटेड' और 'मैनिपुलेटेड' बताया।
रेल विभाग की साख पर उठे सवाल
इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर से भारतीय रेलवे की कार्यप्रणाली और अनुशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि लोको पायलट ने सच में ट्रेन को निजी जरूरत के लिए रोका, तो यह न केवल रेलवे नियमों का उल्लंघन है बल्कि यात्रियों और जनता की सुरक्षा से भी खिलवाड़ है। दूसरी ओर, यदि यह झूठी अफवाह है तो यह भी चिंताजनक है कि कैसे एक अधूरी जानकारी के आधार पर रेलवे की छवि धूमिल की जा सकती है। ऐसे में जरूरी है कि रेलवे इस घटना की गहराई से जांच करे और तथ्यों को सार्वजनिक करे ताकि जनता के बीच पारदर्शिता बनी रहे।
रेलवे का भरोसा बनाए रखने की चुनौती
रेलवे विभाग की ओर से दी गई सफाई ने अस्थायी तौर पर विवाद को शांत जरूर किया है, लेकिन यह घटना एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। एक ओर जहां जनता रेलवे से जवाबदेही की उम्मीद करती है, वहीं दूसरी ओर वायरल वीडियो जैसे मामलों में रेलवे की साख दांव पर लग जाती है। ऐसे में रेलवे के लिए यह जरूरी हो जाता है कि वह प्रत्येक घटनाक्रम पर नजर रखे, समय रहते सफाई दे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करे।
सच्चाई की तलाश अभी बाकी
रायबरेली के मलकान क्रॉसिंग पर मालगाड़ी के रुकने और सिगरेट लेने के विवाद में सच्चाई क्या है, यह तो रेलवे की विस्तृत जांच के बाद ही सामने आएगा। लेकिन इतना जरूर है कि इस तरह की घटनाएं रेलवे जैसे महत्वपूर्ण विभाग के लिए गंभीर चेतावनी हैं। चाहे तकनीकी समस्या हो या अनुशासनहीनता—दोनों ही स्थितियों में रेलवे की जवाबदेही बनती है और उसे जनता का भरोसा जीतने के लिए पारदर्शिता बनाए रखनी होगी।
अगर ऐसा कोई उदाहरण भविष्य में फिर सामने आता है, तो रेलवे को न केवल तत्परता से कार्रवाई करनी होगी बल्कि समय रहते तथ्यात्मक स्थिति जनता के सामने रखनी होगी, जिससे अफवाहें फैलने की गुंजाइश ही न बचे।


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