मुरैना में खेल-खेल में चली लाइसेंसी राइफल से 8 साल के मासूम की मौत, परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया, पुलिस जांच में जुटी
मुरैना में मासूमियत पर चली गोली, खेलते-खेलते छिन गई 8 साल की जिंदगी
मध्य प्रदेश के मुरैना जिले से सामने आई यह घटना केवल एक हादसा नहीं, बल्कि लापरवाही, हथियारों की असुरक्षा और सिस्टम की चूक का डरावना चेहरा बनकर सामने आई है। पोरसा क्षेत्र में शनिवार की रात उस समय मातम पसर गया, जब खेल-खेल में 14 साल के बच्चे के हाथ से चली गोली ने 8 साल के मासूम ऋषभ तोमर की जिंदगी हमेशा के लिए खत्म कर दी। जिस उम्र में बच्चे खिलौनों से खेलते हैं, उसी उम्र में हाथ में आई राइफल ने एक मासूम का सिर फाड़ दिया और पूरे परिवार को कभी न भरने वाला जख्म दे दिया।
तीसरी मंजिल के कमरे में खेल रहे थे बच्चे, दीवार पर टंगी थी राइफल
घटना पोरसा कस्बे के उस मकान की है, जहां धर्मराज तोमर अपने परिवार के साथ किराए पर रहते थे। मकान मालिक प्राइवेट गार्ड के रूप में कार्यरत है और उसके पास 315 बोर की लाइसेंसी राइफल है। शनिवार की रात मकान की तीसरी मंजिल पर एक कमरे में मकान मालिक के दो बेटे और किरायेदार धर्मराज तोमर का 8 साल का बेटा ऋषभ तोमर साथ बैठकर खेल रहे थे। उसी कमरे में दीवार पर लाइसेंसी राइफल टंगी हुई थी, जो किसी भी तरह से बच्चों की पहुंच से दूर नहीं थी।
खेल-खेल में उठाई राइफल, पल भर में बदल गई पूरी कहानी
बताया जा रहा है कि 14 साल के बच्चे ने खेल के दौरान दीवार से राइफल उतार ली। तीनों बच्चे उसे खिलौने की तरह देखने लगे, किसी को अंदाजा नहीं था कि यह लोहे का खिलौना पल भर में मौत बन जाएगा। अचानक ट्रिगर दब गया और राइफल से निकली गोली सीधे 8 साल के ऋषभ तोमर के सिर में जा लगी। गोली लगते ही ऋषभ वहीं गिर पड़ा, उसका सिर बुरी तरह फट गया और खून से कमरा भर गया।
गोली की आवाज सुनते ही दौड़े घरवाले, सामने दिखा मौत का मंजर
जैसे ही गोली चलने की तेज आवाज गूंजी, घर के बाकी लोग घबराकर कमरे की ओर दौड़े। दरवाजा खोलते ही जो मंजर सामने आया, उसने सभी के पैरों तले जमीन खिसका दी। कमरे में खून से लथपथ पड़ा ऋषभ का शव देखकर मां-बाप की चीखें निकल पड़ीं। कुछ ही पलों में खुशियों से भरा घर मातम में बदल गया।
अस्पताल पहुंचने से पहले ही टूट चुकी थी सांसें
परिजन आनन-फानन में ऋषभ को अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। सिर में गोली लगने के कारण अत्यधिक खून बह चुका था और मासूम की मौके पर ही मौत हो चुकी थी। अस्पताल में जैसे ही यह खबर मिली, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।
छुट्टी पर आया था मकान मालिक, घर पर छोड़ गया राइफल
जानकारी के मुताबिक मकान मालिक प्राइवेट गार्ड है और शुक्रवार को ही छुट्टी लेकर पोरसा आया था। शनिवार को वह किसी काम से गांव धरमपुरा चला गया था और अपनी लाइसेंसी राइफल घर में ही टांगकर चला गया। यही लापरवाही इस बड़े हादसे की सबसे बड़ी वजह मानी जा रही है। हथियार को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी निभाने में हुई चूक ने एक मासूम की जान ले ली।
परिजनों का बड़ा आरोप, हत्या की जताई आशंका
ऋषभ तोमर के परिजनों ने इस घटना को महज हादसा मानने से इनकार कर दिया है। उनका आरोप है कि जिस राइफल से गोली चली, वह असल में दूसरी राइफल थी। परिजनों का कहना है कि घटना के बाद मकान मालिक एक और राइफल को लेकर फरार हो गया, जिससे पूरे मामले पर संदेह गहराता जा रहा है। परिजन इसे हादसा नहीं बल्कि सोची-समझी हत्या का मामला मान रहे हैं और निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।
पुलिस जांच में जुटी, हर एंगल से खंगाला जा रहा मामला
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने कमरे को सील कर दिया है और राइफल को जब्त कर लिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल शुरुआती जांच में यह हादसा प्रतीत हो रहा है, लेकिन परिजनों के आरोपों को भी गंभीरता से लिया जा रहा है। पुलिस यह जांच कर रही है कि मौके पर एक ही राइफल थी या दो, और गोली किस राइफल से चली।
लाइसेंसी हथियार और बच्चों की सुरक्षा पर फिर उठे सवाल
यह घटना एक बार फिर लाइसेंसी हथियारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। जिस घर में बच्चे रहते हों, वहां हथियार को खुले में रखना कितनी बड़ी लापरवाही हो सकती है, इसका यह मामला सबसे बड़ा उदाहरण बन गया है। कानून के अनुसार लाइसेंसी हथियार को सुरक्षित लॉकर या अलमारी में रखना अनिवार्य होता है, लेकिन यहां नियमों की अनदेखी साफ नजर आ रही है।
मासूम ऋषभ के सपनों पर लगा विराम
8 साल का ऋषभ तोमर अपने माता-पिता का इकलौता बेटा बताया जा रहा है। पढ़ाई में होशियार और हमेशा हंसता-खेलता रहने वाला ऋषभ अब सिर्फ यादों में रह गया है। उसके माता-पिता के लिए यह सदमा किसी पहाड़ से कम नहीं। मां बार-बार यही सवाल कर रही है कि अगर राइफल सुरक्षित रखी गई होती, तो आज उसका बेटा जिंदा होता।
पूरे इलाके में शोक और गुस्से का माहौल
घटना के बाद पूरे मोहल्ले में शोक और आक्रोश का माहौल है। लोग मकान मालिक की लापरवाही पर सवाल उठा रहे हैं और कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर समय रहते ऐसे मामलों में सख्ती नहीं की गई, तो भविष्य में भी इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार, सच सामने आने की उम्मीद
पुलिस अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है, जिससे यह साफ हो सके कि गोली किस दिशा से लगी और कितनी दूरी से चलाई गई। यह रिपोर्ट पूरे मामले की दिशा तय कर सकती है। परिजन भी न्याय की उम्मीद में पुलिस और प्रशासन की ओर देख रहे हैं।
हादसा या हत्या, जांच के बाद ही खुलेगा राज
मुरैना की यह घटना सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि एक चेतावनी है कि हथियार और बच्चों का मेल कितना घातक हो सकता है। यह हादसा था या हत्या, इसका फैसला जांच के बाद ही होगा, लेकिन इतना तय है कि एक छोटी सी लापरवाही ने एक मासूम की जान ले ली और कई जिंदगियों को हमेशा के लिए बदल दिया। अब सवाल यह है कि क्या इस मामले में दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी या यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा।


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