लखनऊ में 16 साल की नाबालिग को शादी का झांसा देकर भगाने का आरोप, 2 महीने बाद भी सुराग नहीं, पिता ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
लखनऊ से सामने आया नाबालिग अपहरण का सनसनीखेज मामला
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने न सिर्फ कानून-व्यवस्था बल्कि पुलिस की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हसनगंज इलाके से एक 16 साल की नाबालिग लड़की के रहस्यमय तरीके से लापता होने के बाद बीते दो महीने गुजर चुके हैं, लेकिन अब तक उसका कोई ठोस सुराग नहीं मिल पाया है। पीड़ित पिता का आरोप है कि शादी का झांसा देकर एक युवक उसकी बेटी को बहला-फुसलाकर भगा ले गया, जबकि पुलिस अब तक केवल कागजी कार्रवाई तक ही सीमित है।
बेटी के इंतजार में टूटता पिता और न्याय की गुहार
पीड़ित पिता का कहना है कि उनकी बेटी घर से अचानक गायब हो गई थी। शुरुआत में परिवार ने सोचा कि वह कहीं आसपास ही गई होगी, लेकिन जब घंटों बाद भी वह नहीं लौटी तो चिंता बढ़ने लगी। परिजनों ने रिश्तेदारों और जान-पहचान वालों से संपर्क किया, मगर कहीं से कोई जानकारी नहीं मिली। इसके बाद थक-हारकर परिवार ने पुलिस का दरवाजा खटखटाया। पिता का कहना है कि तब से लेकर अब तक वह रोज थाने के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन ही दिया जाता है।
शादी का झांसा और प्रेम जाल में फंसाने का आरोप
पीड़ित पिता के अनुसार, उनकी नाबालिग बेटी को अमित नाम के युवक ने प्रेम जाल में फंसाया। वह लंबे समय से लड़की से बातचीत करता था और शादी का झांसा देकर भरोसा जीतता रहा। 27 अक्टूबर की रात करीब दो बजे अमित कथित तौर पर लड़की को अपने साथ भगा ले गया। परिवार का आरोप है कि यह पूरी तरह से सोची-समझी साजिश थी, जिसमें नाबालिग की मासूमियत का फायदा उठाया गया।
उम्र को लेकर उठे सवाल, केस में उलझन
मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि लड़की की उम्र को लेकर अलग-अलग दावे सामने आए हैं। पिता का कहना है कि उसकी बेटी की उम्र महज 16 साल है और वह नाबालिग है। वहीं, युवती के भाई द्वारा दी गई तहरीर में उसकी उम्र 19 साल दर्ज कराई गई थी। इसी विरोधाभास के कारण मामला और उलझता चला गया। पिता का आरोप है कि पुलिस ने इसी उम्र के विवाद को आधार बनाकर जांच की रफ्तार धीमी कर दी।
एफआईआर के बाद भी ठोस कार्रवाई नहीं
परिवार का कहना है कि पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ प्राथमिकी तो दर्ज कर ली, लेकिन उसके बाद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। न तो आरोपी की गिरफ्तारी हुई और न ही लड़की की बरामदगी के लिए कोई निर्णायक कदम उठाया गया। पीड़ित पिता का आरोप है कि पुलिस सिर्फ उन्हें थाने बुलाकर पूछताछ करती है, लेकिन मामले में कोई प्रगति नजर नहीं आती।
हसनगंज थाना क्षेत्र में बढ़ती चिंता
यह पूरा मामला हसनगंज थाना क्षेत्र का है, जहां से लड़की के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि इलाके में इससे पहले भी ऐसी घटनाएं सामने आती रही हैं, लेकिन पुलिस की ढिलाई के चलते अपराधियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। नाबालिग लड़की के लापता होने से आसपास के परिवारों में भी डर का माहौल है।
भाई की तहरीर और आशंकाओं का जिक्र
युवती के भाई ने अपनी तहरीर में साफ लिखा है कि अमित नाम का युवक उसकी बहन को शादी का झांसा देकर भगाकर ले गया है। भाई ने यह भी आशंका जताई है कि आरोपी युवक लड़की के साथ किसी भी तरह की अनहोनी कर सकता है। इसी आशंका के चलते परिवार लगातार पुलिस से गुहार लगा रहा है कि जल्द से जल्द बेटी को बरामद किया जाए।
दो महीने का लंबा इंतजार और बढ़ती पीड़ा
समय बीतने के साथ-साथ परिवार की चिंता और पीड़ा बढ़ती जा रही है। पिता का कहना है कि हर गुजरता दिन उनकी उम्मीदों को तोड़ रहा है। बेटी की कोई खबर न मिलने से परिवार मानसिक रूप से टूट चुका है। मां की हालत और भी खराब है, जो हर आहट पर बेटी के लौट आने की उम्मीद करती है।
पुलिस का पक्ष और जांच का दावा
पुलिस का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच की जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, आरोपी युवक के घरवालों से पूछताछ की गई है। इलाके के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है और मोबाइल फोन कॉल डिटेल्स भी निकलवाई जा रही हैं। पुलिस का दावा है कि तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर जल्द ही लड़की को बरामद कर लिया जाएगा।
सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी जांच
पुलिस के अनुसार, जिस रात लड़की लापता हुई थी, उस दौरान के आसपास के सभी सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। रेलवे स्टेशन, बस अड्डे और प्रमुख चौराहों पर लगे कैमरों की रिकॉर्डिंग भी जांच के दायरे में है। इसके अलावा, आरोपी युवक और उसके संपर्क में रहे लोगों की कॉल डिटेल्स और लोकेशन भी ट्रेस की जा रही है।
नाबालिग होने पर सख्त कानून का प्रावधान
यदि लड़की की उम्र 16 साल साबित होती है, तो यह मामला बेहद गंभीर हो जाता है। नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगाना कानूनन संगीन अपराध है। ऐसे मामलों में आरोपी पर किडनैपिंग, पॉक्सो एक्ट और अन्य धाराओं के तहत कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है। पिता का कहना है कि उनकी बेटी नाबालिग है और पुलिस को इसी आधार पर सख्त कदम उठाने चाहिए।
पुलिस पर लापरवाही के गंभीर आरोप
परिवार का आरोप है कि यदि पुलिस ने शुरुआती दिनों में ही तेजी दिखाई होती, तो शायद अब तक बेटी का पता चल चुका होता। पिता का कहना है कि दो महीने का वक्त किसी भी अपहरण मामले में बेहद अहम होता है, लेकिन पुलिस ने इसे गंवा दिया। इसी वजह से अब बेटी की सुरक्षा को लेकर परिवार और ज्यादा चिंतित है।
स्थानीय लोगों में आक्रोश
मामले को लेकर स्थानीय लोगों में भी आक्रोश देखा जा रहा है। लोगों का कहना है कि अगर एक नाबालिग लड़की राजधानी में भी सुरक्षित नहीं है, तो आम जनता की सुरक्षा का क्या भरोसा। कई सामाजिक संगठनों ने भी इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है और पुलिस से निष्पक्ष व तेज जांच की अपील की है।
प्रशासन से न्याय की उम्मीद
पीड़ित पिता ने प्रशासन और उच्च अधिकारियों से भी मदद की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि वह किसी राजनीतिक या सामाजिक दबाव में नहीं, बल्कि सिर्फ अपनी बेटी की सलामती चाहते हैं। पिता ने भावुक होकर कहा कि उन्हें बस अपनी बेटी सही-सलामत वापस चाहिए, इसके अलावा उन्हें कुछ नहीं चाहिए।
लगातार बढ़ता सवाल—कहां है बेटी
दो महीने बाद भी सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर नाबालिग लड़की कहां है। क्या वह आरोपी युवक के साथ है या कहीं और? क्या उसके साथ कोई अनहोनी तो नहीं हुई? इन सवालों ने परिवार की नींद और चैन दोनों छीन लिए हैं। हर गुजरते दिन के साथ यह मामला और गंभीर होता जा रहा है।
पुलिस के आश्वासन और हकीकत
हालांकि पुलिस लगातार यह दावा कर रही है कि जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है और जल्द ही सफलता मिलेगी, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि अब तक कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है। पिता का कहना है कि उन्हें सिर्फ तारीख पर तारीख और आश्वासन ही मिले हैं।
पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय
यह मामला अब सिर्फ एक परिवार तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन चुका है। नाबालिग लड़कियों की सुरक्षा, प्रेम जाल में फंसाने के मामले और पुलिस की भूमिका पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। लोग जानना चाहते हैं कि आखिर कब तक ऐसे मामलों में पीड़ित परिवारों को न्याय के लिए भटकना पड़ेगा।
न्याय की आस में परिवार
फिलहाल परिवार न्याय की आस लगाए बैठा है। पिता हर रोज यही उम्मीद लेकर उठते हैं कि शायद आज उनकी बेटी की कोई खबर मिले। लेकिन दो महीने बीत जाने के बाद भी यह उम्मीद धीरे-धीरे टूटती नजर आ रही है। अब देखना यह होगा कि पुलिस की जांच कब तक किसी नतीजे तक पहुंचती है और क्या पीड़ित परिवार को इंसाफ मिल पाता है या नहीं।


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