‘दोस्ती का मजहब नहीं होता…’ बरेली में नर्सिंग छात्रा की बर्थडे पार्टी पर बजरंग दल का हंगामा, कैफे से लेकर थाने तक क्यों मचा बवाल?



बरेली में नर्सिंग छात्रा की बर्थडे पार्टी में मुस्लिम दोस्तों की मौजूदगी पर हंगामा, पुलिस जांच में लव जिहाद के आरोप बेबुनियाद पाए गए।


राजेंद्रनगर के कैफे में जन्मदिन की खुशी कैसे बनी विवाद की वजह

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के राजेंद्रनगर इलाके में एक साधारण सी बर्थडे पार्टी अचानक बड़े विवाद में तब्दील हो गई, जब नर्सिंग की पढ़ाई कर रही एक छात्रा अपने कॉलेज के दोस्तों के साथ कैफे में जन्मदिन मना रही थी। यह पार्टी पूरी तरह निजी थी, जिसमें शामिल सभी छात्र-छात्राएं एक ही कॉलेज में नर्सिंग कोर्स कर रहे थे और लंबे समय से एक-दूसरे के साथ पढ़ाई कर रहे थे। कैफे के भीतर सामान्य माहौल था, हल्की-फुल्की बातचीत चल रही थी, केक काटने की तैयारी हो रही थी और छात्रा अपने खास दिन को दोस्तों के साथ सादगी से सेलिब्रेट कर रही थी। किसी को अंदाजा भी नहीं था कि कुछ ही मिनटों में यह खुशी का माहौल तनाव, डर और हंगामे में बदल जाएगा।

अचानक पहुंचे लोग और नारेबाजी से बिगड़ा माहौल

बताया जा रहा है कि पार्टी के दौरान अचानक कुछ लोग कैफे के बाहर पहुंचे और बिना किसी पूर्व बातचीत के नारेबाजी शुरू कर दी। देखते ही देखते कैफे के अंदर मौजूद छात्र-छात्राओं में डर का माहौल बन गया। आरोप है कि ये लोग बजरंग दल से जुड़े बताए जा रहे हैं, जिन्होंने कैफे में मौजूद कुछ युवकों की पहचान मुस्लिम समुदाय से होने के आधार पर आपत्ति जताई। नारेबाजी इतनी तेज थी कि आसपास के दुकानदार और राहगीर भी रुककर देखने लगे। कैफे के भीतर बैठे छात्र-छात्राएं सहम गए और कुछ देर के लिए अफरा-तफरी की स्थिति पैदा हो गई।

मुस्लिम दोस्तों की मौजूदगी पर लगाए गए गंभीर आरोप

हंगामे के दौरान आरोप लगाया गया कि छात्रा की बर्थडे पार्टी में मुस्लिम युवक मौजूद हैं और इसे तथाकथित ‘लव जिहाद’ से जोड़ने की कोशिश की गई। बताया गया कि पार्टी में कुल दस दोस्त मौजूद थे, जिनमें छह छात्राएं और चार छात्र थे। इन चार छात्रों में से दो मुस्लिम समुदाय से थे। इसी बात को लेकर विरोध करने पहुंचे लोगों ने सवाल उठाए और बिना किसी ठोस जानकारी के गंभीर आरोप लगाने शुरू कर दिए। कैफे के भीतर मौजूद छात्र-छात्राओं ने बार-बार यह स्पष्ट करने की कोशिश की कि वे सभी एक ही कॉलेज में पढ़ते हैं और केवल दोस्त हैं, लेकिन हंगामा कर रहे लोग सुनने को तैयार नहीं थे।

कैफे स्टाफ की कोशिशें और बिगड़ती स्थिति

कैफे के कर्मचारियों ने हालात संभालने की कोशिश की और समझाने का प्रयास किया कि यह एक निजी बर्थडे पार्टी है और किसी तरह की आपत्तिजनक गतिविधि नहीं हो रही है। बावजूद इसके नारेबाजी और हंगामा जारी रहा। कुछ समय के लिए कैफे के अंदर और बाहर लोगों की भीड़ जमा हो गई। छात्र-छात्राओं के चेहरों पर डर साफ झलक रहा था और कई लोग अपने परिजनों को फोन करने लगे।

छात्रा का बयान: ‘दोस्ती धर्म देखकर नहीं की जाती’

हंगामे के बीच नर्सिंग छात्रा ने साहस दिखाते हुए साफ शब्दों में कहा कि उसके सभी दोस्त कॉलेज के साथी हैं और दोस्ती किसी धर्म को देखकर नहीं की जाती। छात्रा ने बताया कि वह सिर्फ अपना जन्मदिन मना रही थी और इसमें कुछ भी गलत नहीं था। उसने आरोप लगाया कि बिना सच्चाई जाने बेवजह हंगामा किया गया, जिससे उसका खास दिन खराब हो गया और उसे मानसिक तनाव झेलना पड़ा। छात्रा का कहना था कि ऐसे मामलों में आरोप लगाने से पहले पूरी सच्चाई जाननी चाहिए, न कि अफवाहों और शक के आधार पर माहौल खराब किया जाए।

सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस

कैफे में बढ़ते हंगामे की सूचना मिलते ही डायल 112 और प्रेमनगर थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने सबसे पहले स्थिति को नियंत्रण में लिया और सभी लोगों को शांत कराया। इसके बाद पुलिस ने कैफे के अंदर मौजूद छात्रा और उसके दोस्तों से अलग-अलग बात की। पुलिस ने मौके पर मौजूद लोगों से भी पूछताछ की और पूरे घटनाक्रम की जानकारी जुटाई। पुलिस की मौजूदगी के बाद माहौल धीरे-धीरे शांत हुआ, लेकिन छात्र-छात्राएं अभी भी सहमे हुए थे।

पुलिस जांच में लव जिहाद के आरोप बेबुनियाद

पुलिस जांच में सामने आया कि बर्थडे पार्टी पूरी तरह सामान्य थी और इसमें किसी तरह की अवैध या आपत्तिजनक गतिविधि नहीं हो रही थी। पुलिस को जांच में लव जिहाद जैसा कोई भी तथ्य नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने माना कि यह केवल दोस्तों की निजी पार्टी थी, जिसे गलतफहमी और शक के आधार पर विवाद में बदल दिया गया।

एहतियातन परिजनों को बुलाया गया

स्थिति की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस ने एहतियात के तौर पर नर्सिंग छात्रा के परिजनों को मौके पर बुलाया। परिजनों के पहुंचने के बाद छात्रा को उनके सुपुर्द कर दिया गया। इसी तरह अन्य छात्र-छात्राओं को भी उनके घरवालों के हवाले किया गया, ताकि किसी तरह की और गलतफहमी या विवाद की स्थिति न बने। पुलिस का उद्देश्य था कि शांति व्यवस्था बनी रहे और किसी को नुकसान न पहुंचे।

सीओ सिटी का बयान और केस दर्ज

सीओ सिटी आशुतोष शिवम ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि राजेंद्रनगर इलाके के कैफे में नर्सिंग छात्रा अपने दोस्तों के साथ जन्मदिन मना रही थी। पार्टी में छह लड़कियां और चार लड़के शामिल थे, जिनमें दो युवक दूसरे समुदाय से थे। कुछ हिंदू संगठन से जुड़े लोगों ने वहां पहुंचकर नारेबाजी की और गंभीर आरोप लगाए। जांच में लव जिहाद जैसा कोई भी मामला सामने नहीं आया। हालांकि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कैफे के एक कर्मचारी और दोनों युवकों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि मामले की आगे जांच की जा रही है और कानून के अनुसार कार्रवाई होगी।

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