लिव-इन पार्टनर का खौफनाक बदला: बेटी से ‘बैड टच’ के शक में इंजीनियर का गला रेतकर उतारा मौत के घाट!


लखनऊ में बेटी से छेड़छाड़ के शक में लिव-इन पार्टनर और उसकी बेटियों ने इंजीनियर सूर्य प्रताप का गला रेतकर हत्या कर दी।


लिव-इन रिश्ते का खूनी अंत: बेटी के साथ ‘बैड टच’ की आशंका में रची गई हत्या की खौफनाक साजिश

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने रिश्तों की मर्यादा और मानवता को शर्मसार कर दिया है। जानकीपुरम थाना क्षेत्र में रहने वाले इंजीनियर सूर्य प्रताप सिंह की गला रेत कर निर्मम हत्या कर दी गई। इस वारदात को अंजाम दिया गया उनकी लिव-इन पार्टनर रत्ना और उसकी दो नाबालिग बेटियों द्वारा। हत्या के पीछे की वजह सामने आई है जो न सिर्फ चौंकाने वाली है, बल्कि पूरे समाज को झकझोरने वाली भी है।

रत्ना का आरोप है कि सूर्य प्रताप उसकी बड़ी बेटी को गलत नज़र से देखता था और कई बार ‘बैड टच’ कर चुका था। पुलिस के मुताबिक, लिव-इन पार्टनर और उसकी बेटियों ने मिलकर 8 दिसंबर की सुबह बड़ी ही बेरहमी से गला काटकर इंजीनियर की हत्या कर दी।

एक शांत मोहल्ले में रची गई मौत की योजना

लखनऊ के जानकीपुरम सेक्टर-जी का वह घर, जहां सूर्य प्रताप अपने सपनों की जिंदगी को रत्ना और उसकी दोनों बेटियों के साथ बसा रहा था, अब खून और विश्वासघात की कहानी सुना रहा है। इस घर में बीते कई महीनों से तनातनी चल रही थी, जिसका अंत इतना खौफनाक होगा, किसी ने सोचा भी नहीं था।

7 दिसंबर की रात रत्ना की बड़ी बेटी के मोबाइल में एक युवक की फोटो देखकर सूर्य प्रताप आगबबूला हो गया। उसने रातभर बेटी से मारपीट की और उसे अपशब्द कहे। उसी रात मां-बेटियों ने मिलकर उसकी हत्या करने का प्लान बना डाला। 8 दिसंबर की सुबह जब सूर्य प्रताप सो रहा था, तब दोनों बेटियों ने उसके हाथ-पांव पकड़े और रत्ना ने चाकू से गला रेत दिया।

20 घंटे की पूछताछ में उगला खौफनाक सच

हत्या के बाद रत्ना ने खुद ही पुलिस को कॉल कर पूरी घटना की जानकारी दी। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो सूर्य प्रताप का शव खून से सना हुआ मिला। तीनों को हिरासत में लेकर 20 घंटे तक पूछताछ की गई। पूछताछ में मां-बेटियों ने एक ही सुर में अपना जुर्म कबूल कर लिया। उन्होंने बताया कि यह हत्या उन्होंने प्लानिंग के तहत की क्योंकि सूर्य प्रताप उनकी आज़ादी छीन चुका था, आए दिन गाली-गलौज करता था और बड़ी बेटी को गलत नज़र से देखता था।

रत्ना ने दावा किया कि सूर्य प्रताप उनकी बेटियों के साथ मारपीट करता था, उन्हें कमरे में बंद करके रखता था और किसी से भी मिलने-जुलने नहीं देता था। उन्होंने बताया कि कई बार सूर्य प्रताप ने बड़ी बेटी के साथ अनुचित व्यवहार किया, जिससे उनका सब्र टूट गया।

घर की चारदीवारी के अंदर कैद होती जिंदगियाँ

पड़ोसियों के मुताबिक सूर्य प्रताप कम बोलने वाला व्यक्ति था, लेकिन अक्सर घर से शोरगुल की आवाजें आती थीं। लोगों को लगता था कि यह मामूली पारिवारिक कलह है, लेकिन अंदर ही अंदर भय, डर और प्रताड़ना की एक भयावह कहानी पल रही थी।

पुलिस जांच में सामने आया है कि रत्ना और उसकी दोनों बेटियां मानसिक रूप से काफी तनाव में थीं। वे लंबे समय से सूर्य प्रताप की प्रताड़ना झेल रही थीं। जब पानी सिर के ऊपर चला गया, तो उन्होंने खौफनाक कदम उठा लिया।

हत्या के बाद की चालाकी और पुलिस का एक्शन

हत्या के बाद रत्ना ने बेहद शांत और संयमित तरीके से खुद पुलिस को सूचना दी। हालांकि पुलिस को शुरुआत में कुछ संदेह हुआ लेकिन जब क्राइम सीन देखा तो पूरी कहानी समझ में आने लगी।

रत्ना और उसकी बेटियों को गिरफ्तार कर थाने ले जाया गया। करीब 20 घंटे तक तीनों से पूछताछ चली। इस दौरान उन्हें अलग-अलग रखा गया ताकि बयान में फर्क पाया जा सके, लेकिन तीनों ने बिल्कुल एक जैसी कहानी सुनाई। पुलिस को यह समझने में देर नहीं लगी कि मामला आत्मरक्षा या गुस्से का नहीं बल्कि प्लानिंग के तहत की गई निर्मम हत्या का है।

मृतक इंजीनियर की पृष्ठभूमि और जॉब प्रोफाइल

सूर्य प्रताप सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रहने वाले थे और लखनऊ में एक प्राइवेट कंपनी में इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे। उनके परिवार से लंबे समय से संबंध टूटे हुए थे। रत्ना से उनकी जान-पहचान करीब चार साल पहले हुई थी और तभी से दोनों लिव-इन में रह रहे थे।

रत्ना की दो बेटियाँ पहले से थीं, जिन्हें वह अपने साथ लेकर आई थी। शुरुआती दिनों में सब कुछ सामान्य था, लेकिन धीरे-धीरे घरेलू कलह बढ़ने लगी। रिश्ते में न सम्मान बचा था और न ही समझदारी।

बच्चों की मासूमियत और मां की मजबूरी

बेटियों की उम्र 14 और 16 साल है। दोनों स्कूल जाती थीं लेकिन कई बार पढ़ाई में ध्यान नहीं लगा पाती थीं। पुलिस ने जब बेटियों से पूछा कि उन्होंने इतना बड़ा कदम कैसे उठा लिया, तो उन्होंने कहा कि उन्होंने सिर्फ अपनी मां की मदद की थी क्योंकि उन्हें डर था कि अगर वे विरोध करेंगी तो खुद भी मारी जाएंगी।

रत्ना ने कहा कि वह मां है और अपनी बेटियों की सुरक्षा उसके लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता थी। जब उसे यह लगा कि सूर्य प्रताप कभी भी उसकी बेटियों को कोई नुकसान पहुंचा सकता है, तब उसने मौत का रास्ता चुन लिया।

केस में अब आगे क्या?

फिलहाल पुलिस ने तीनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। हत्या में प्रयुक्त चाकू बरामद कर लिया गया है और फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से जरूरी साक्ष्य जुटा लिए हैं। सूर्य प्रताप के पोस्टमार्टम की रिपोर्ट भी जल्द आने वाली है, जिससे यह पुष्टि हो सकेगी कि उसकी मौत कितने समय में और किस कारण से हुई।

पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि क्या रत्ना और उसकी बेटियों को किसी बाहरी व्यक्ति ने उकसाया था या मदद की थी। कॉल डिटेल रिकॉर्ड और मोबाइल लोकेशन भी खंगाले जा रहे हैं।

सामाजिक चेतना के लिए एक सीख

यह घटना केवल एक हत्या नहीं, बल्कि एक चेतावनी है। लिव-इन जैसे रिश्तों में सुरक्षा, विश्वास और सम्मान न हो तो अंत ऐसा ही भयावह हो सकता है। बच्चों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर भी यह घटना समाज को सोचने पर मजबूर करती है।

इस केस ने लखनऊ के शांत इलाकों में भी सनसनी फैला दी है और अब हर कोई यही पूछ रहा है कि क्या सचमुच बेटी से ‘बैड टच’ के आरोप इतने मजबूत थे कि एक इंसान की जान ले ली जाए?

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