कानपुर के बिठूर में शराब के नशे में पत्नी ने पति की कुल्हाड़ी से हत्या कर दी, 15 वार के बाद एक्सीडेंट की झूठी कहानी रची
कानपुर के बिठूर में दिल दहला देने वाली वारदात
उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के बिठूर थाना क्षेत्र के टिकरा गांव में हुई एक सनसनीखेज घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। घरेलू कलह, शराब की लत और आपसी विवाद ने ऐसा खौफनाक मोड़ लिया कि एक महिला ने अपने ही पति को मौत के घाट उतार दिया। यह मामला सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि उस सामाजिक सच्चाई की तस्वीर है जहां नशा, गुस्सा और रिश्तों में पनपती कड़वाहट एक पूरे परिवार को तबाह कर देती है।
मृतक कौन था और क्या करता था
इस दर्दनाक घटना में जान गंवाने वाले व्यक्ति की पहचान 45 वर्षीय पप्पू उर्फ हरिशंकर सविता के रूप में हुई है। पप्पू पेशे से टाइल्स लगाने का काम करता था और मेहनत-मजदूरी के सहारे अपने परिवार का पेट पाल रहा था। गांव में उसे एक शांत स्वभाव के व्यक्ति के तौर पर जाना जाता था, जो काम से लौटकर घर-परिवार में ही व्यस्त रहता था। लेकिन उसकी निजी जिंदगी में चल रहा तनाव बाहर से किसी को दिखाई नहीं देता था।
शादी के बाद से शुरू हुआ विवादों का सिलसिला
परिजनों के अनुसार पप्पू की शादी साल 2019 में बांदा जिले के तिंदवारी क्षेत्र के तेरहीं माफी गांव की रहने वाली वीरांगना देवी से हुई थी। शुरुआत में सब कुछ सामान्य लगा, लेकिन शादी के कुछ ही समय बाद दोनों के बीच आए दिन झगड़े शुरू हो गए। आरोप है कि वीरांगना शराब की आदी थी और नशे की हालत में छोटी-छोटी बातों पर विवाद खड़ा कर देती थी। यह झगड़े धीरे-धीरे इतने बढ़ गए कि पूरे परिवार का माहौल खराब हो गया।
चार साल पहले परिवार को घर से निकाला गया
घरेलू तनाव का असर इतना गहरा हुआ कि करीब चार साल पहले पप्पू और उसकी पत्नी ने पूरे परिवार को घर से बाहर निकाल दिया। इसके बाद पप्पू की मां बिटोला देवी अपने दिव्यांग पति हरिशंकर और छोटे बेटों संतोष व जीतू के साथ घर से लगभग एक किलोमीटर दूर झोपड़ी बनाकर रहने को मजबूर हो गईं। यह घटना परिवार के लिए मानसिक और सामाजिक रूप से बेहद पीड़ादायक थी, लेकिन उन्होंने किसी तरह हालात से समझौता कर लिया।
एक मासूम बच्चा भी इस कहानी का हिस्सा
पप्पू और वीरांगना का एक चार साल का बेटा जय भी है। मासूम जय को शायद इस बात का अंदाजा भी नहीं कि उसके माता-पिता के रिश्ते में चल रही कड़वाहट एक दिन उसके पिता की जान ले लेगी। यह बच्चा अब उस अपराध का मूक गवाह बन गया है, जिसने उसका बचपन हमेशा के लिए बदल दिया।
हत्या वाले दिन क्या हुआ
घटना वाले दिन बुधवार की सुबह वीरांगना अपने बेटे जय को साथ लेकर पनकी में रहने वाली अपनी शादीशुदा बहनों के घर गई थी। परिजनों का आरोप है कि वहां उसने शराब पी। शाम करीब सात बजे वह शराब के नशे में घर लौटी। कुछ देर बाद पप्पू भी काम से वापस घर पहुंचा। नशे की हालत में पत्नी और पति के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी शुरू हो गई, जो देखते ही देखते हिंसक झगड़े में बदल गई।
गुस्से में उठा ली कुल्हाड़ी
बताया जा रहा है कि विवाद के दौरान वीरांगना ने गुस्से में आकर घर में रखी कुल्हाड़ी उठा ली। इसके बाद उसने पप्पू पर एक के बाद एक ताबड़तोड़ वार करने शुरू कर दिए। करीब 10 से 15 वार इतने बेरहमी से किए गए कि पप्पू लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़ा। घर के भीतर खून फैल गया और पप्पू दर्द से तड़पता रहा।
हत्या के बाद रची झूठी कहानी
हमले के बाद भी वीरांगना का दिल नहीं पसीजा। आरोप है कि उसने परिजनों को फोन कर यह झूठी जानकारी दी कि पप्पू की मौत एक्सीडेंट में हुई है। जब परिजन मौके पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि घर में खून फैला हुआ है और वीरांगना उसे साफ करने की कोशिश कर रही थी। उस वक्त पप्पू की सांसें चल रही थीं, जिससे परिजनों ने तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाने का फैसला किया।
अस्पताल में चली जिंदगी और मौत की जंग
पप्पू को पहले एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन हालत गंभीर होने के कारण उसे कानपुर के हैलट अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहां डॉक्टरों ने उसे बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन शरीर पर लगे गहरे घाव और अत्यधिक खून बहने के कारण गुरुवार सुबह इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। अस्पताल में मौत की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया।
भाई का आरोप और परिवार का दर्द
मृतक के भाई संतोष, जो पेशे से सिलाई का काम करता है, ने बताया कि जब वह अपने भाई को अस्पताल ले जा रहा था, तब भी वीरांगना झगड़ा कर रही थी और गालियां दे रही थी। संतोष का आरोप है कि भाभी की शराब की लत और उसका आक्रामक व्यवहार ही इस हत्या की असली वजह है। परिवार का कहना है कि अगर समय रहते इस पर ध्यान दिया जाता तो शायद आज पप्पू जिंदा होता।
पुलिस जांच और कानूनी कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही बिठूर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और पूरे मामले की जांच शुरू की। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हो गया कि मामला हत्या का है। इसके बाद पुलिस ने आरोपी पत्नी वीरांगना देवी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है।
फरार आरोपी पत्नी की तलाश
मामला दर्ज होने के बाद से आरोपी पत्नी फरार बताई जा रही है। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा और कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस आसपास के इलाकों और रिश्तेदारों के घरों पर भी नजर बनाए हुए है।
गांव में पसरा सन्नाटा
इस वारदात के बाद टिकरा गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। लोग इस बात से हैरान हैं कि घरेलू विवाद इतना खतरनाक रूप ले सकता है। ग्रामीणों का कहना है कि पति-पत्नी के बीच झगड़े की खबरें तो आती थीं, लेकिन किसी ने यह नहीं सोचा था कि मामला हत्या तक पहुंच जाएगा।
शराब और घरेलू हिंसा का खतरनाक मेल
यह घटना एक बार फिर समाज के सामने शराब की लत और घरेलू हिंसा के खतरनाक परिणामों को उजागर करती है। नशे में लिया गया एक गलत फैसला न सिर्फ एक इंसान की जान ले गया, बल्कि एक बच्चे के सिर से पिता का साया भी छीन लिया। यह मामला उन परिवारों के लिए चेतावनी है जहां नशा और गुस्सा रिश्तों पर हावी हो रहा है।
आगे क्या कहती है जांच
पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अन्य सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। मामले में हत्या की धाराओं के तहत सख्त सजा का प्रावधान है। जांच पूरी होने के बाद चार्जशीट दाखिल की जाएगी और आरोपी को अदालत में पेश किया जाएगा।
एक हत्या नहीं, टूटे रिश्तों की कहानी
कानपुर की यह वारदात सिर्फ एक क्राइम न्यूज नहीं है, बल्कि यह उन टूटते रिश्तों की कहानी है, जहां संवाद की कमी, नशे की लत और गुस्से ने इंसानियत को कुचल दिया। पप्पू की मौत के साथ ही एक परिवार बिखर गया और एक मासूम बच्चे का भविष्य अंधेरे में चला गया। यह घटना समाज को सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर ऐसी नौबत क्यों आती है और इसे रोकने के लिए क्या किया जाना चाहिए।


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