महोबा की हेमा-पूजा की अनोखी शादी की पूरी कहानी, 3 साल का रिश्ता, दिल्ली कोर्ट मैरिज, परिवार की मंजूरी और खास स्वागत।
उत्तर प्रदेश के महोबा से सामने आई अनोखी प्रेम कहानी
उत्तर प्रदेश के महोबा जिले से सामने आई यह प्रेम कहानी न सिर्फ जिले बल्कि पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बनी हुई है। यहां दो युवतियों ने सामाजिक बंधनों और परंपराओं से ऊपर उठकर अपने रिश्ते को शादी का नाम दिया। तीन साल तक चले प्रेम संबंध के बाद हेमा और पूजा ने दिल्ली में कोर्ट मैरिज कर ली। इस रिश्ते की सबसे खास बात यह रही कि शुरुआत में विरोध करने वाले परिवार भी आखिरकार दोनों की खुशी के आगे झुक गए और पूरे सम्मान के साथ बहू को घर में स्वीकार किया गया।
बचपन से अलग सोच वाली हेमा की कहानी
चरखारी कस्बे के छोटा रमना मोहल्ले निवासी साहब सिंह की बेटी हेमा उम्र भले ही सिर्फ 20 साल की है, लेकिन उसकी सोच हमेशा समाज की तय सीमाओं से अलग रही। बचपन से ही उसे लड़कों जैसे कपड़े पहनना, उसी तरह का रहन-सहन अपनाना पसंद था। परिवार ने कभी उस पर जबरदस्ती नहीं की, लेकिन समाज की निगाहें हमेशा उसे अलग नजर से देखती रहीं। हेमा अपने परिवार के साथ लंबे समय से दिल्ली में रह रही थी, जहां उसकी सोच और आत्मविश्वास को और मजबूती मिली।
ननिहाल में हुई पूजा से पहली मुलाकात
हेमा का ननिहाल मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के चंदला क्षेत्र के लबरहा गांव में है। यहीं उसकी मुलाकात पूजा से हुई, जो उसी गांव की रहने वाली थी। उम्र में छोटी पूजा और हेमा के बीच पहले दोस्ती हुई। दोनों घंटों बातें करने लगीं। धीरे-धीरे यह दोस्ती मोबाइल कॉल्स और मैसेज तक पहुंची और फिर कब एक-दूसरे के बिना रहना मुश्किल हो गया, दोनों को भी एहसास नहीं हुआ।
मोबाइल बातचीत से शुरू हुआ प्यार
शुरुआत में दोनों ने अपने रिश्ते को सिर्फ दोस्ती का नाम दिया, लेकिन जैसे-जैसे वक्त बीतता गया, यह रिश्ता गहराता चला गया। रोजाना लंबी बातचीत, एक-दूसरे की परेशानियों को समझना और साथ भविष्य के सपने देखना उनकी दिनचर्या बन गया। तीन साल तक चले इस रिश्ते में कई उतार-चढ़ाव आए, समाज का डर था, परिवार की चिंता थी, लेकिन दोनों ने एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ा।
समाज और परिवार का विरोध
जब इस रिश्ते की भनक परिवार वालों को लगी, तो स्वाभाविक रूप से विरोध हुआ। दोनों परिवारों को डर था कि समाज क्या कहेगा, रिश्तेदार कैसे प्रतिक्रिया देंगे। पूजा और हेमा को समझाने की कोशिश की गई, लेकिन दोनों अपने फैसले पर अडिग रहीं। उनका कहना साफ था कि यह रिश्ता सिर्फ भावनाओं का नहीं, बल्कि आत्मा का जुड़ाव है।
दिल्ली में कोर्ट मैरिज का फैसला
लंबे विचार-विमर्श और तनाव के दौर के बाद दोनों ने यह तय किया कि वे समाज के डर में जीने के बजाय कानूनी रास्ता अपनाएंगी। इसी साल 6 अक्टूबर को हेमा ने हेमंत के नाम से पहचान बनाते हुए पूजा के साथ दिल्ली में कोर्ट मैरिज कर ली। यह फैसला आसान नहीं था, लेकिन दोनों को यकीन था कि सच की जीत होगी।
शादी के बाद महोबा वापसी
कोर्ट मैरिज के बाद हेमा अपनी पत्नी पूजा को लेकर महोबा पहुंची। जैसे ही गांव में यह खबर फैली, लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। कोई हैरान था, कोई उत्सुक, तो कोई इस साहसिक कदम की सराहना कर रहा था। गांव में पहली बार इस तरह की शादी देखने को मिली थी।
बहू का पारंपरिक स्वागत
सबसे चौंकाने वाला दृश्य तब देखने को मिला जब हेमा के घर पर पूजा का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया। मुंह दिखाई की रस्म निभाई गई, बधाई गीत गाए गए और शादी के बाद की सभी रस्में पूरी की गईं। परिवार ने साफ कर दिया कि पूजा अब उनकी बहू है और उसे पूरा सम्मान मिलेगा।
पूजा का बयान और मजबूत इरादे
पूजा का कहना है कि उसने दिल से हेमा को अपना जीवनसाथी स्वीकार किया है। परिवार और समाज के विरोध के बावजूद वह अपने फैसले से कभी पीछे नहीं हटी। उसका मानना है कि शादी सिर्फ सामाजिक बंधन नहीं, बल्कि दो लोगों की आपसी सहमति और समझ का नाम है।
हेमा का भविष्य को लेकर बड़ा फैसला
हेमा ने यह भी साफ किया कि वह भविष्य में जेंडर चेंज सर्जरी कराने का प्रयास करेगी। हालांकि उसका कहना है कि अगर सर्जरी किसी कारणवश नहीं हो पाती है, तब भी उनका रिश्ता और साथ नहीं बदलेगा। दोनों एक-दूसरे के साथ जीवन बिताने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
मां का समर्थन बना सबसे बड़ी ताकत
हेमा की मां फूलबती ने खुलकर इस रिश्ते का समर्थन किया। उनका कहना है कि बच्चों की खुशी में ही माता-पिता की खुशी होती है। अगर दोनों खुश हैं और एक-दूसरे का सम्मान करते हैं, तो समाज की बातें मायने नहीं रखतीं।
इलाके में चर्चा का विषय बनी शादी
चार बहनों में तीसरे नंबर की हेमा की यह शादी पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। कोई इसे बदलाव की शुरुआत मान रहा है, तो कोई इसे साहसिक कदम बता रहा है। सोशल मीडिया से लेकर गांव की चौपाल तक इस प्रेम कहानी की चर्चा हो रही है।
बदलते समाज की तस्वीर
यह कहानी सिर्फ दो लोगों की शादी की नहीं, बल्कि बदलते समाज की तस्वीर भी पेश करती है। जहां एक ओर परंपराएं हैं, वहीं दूसरी ओर व्यक्तिगत आजादी और अधिकारों की मांग है। हेमा और पूजा की शादी इसी बदलाव का प्रतीक बन गई है।
कानून और सहमति का सवाल
कानूनी तौर पर दोनों ने सहमति के आधार पर शादी की है। यह मामला एक बार फिर इस सवाल को उठाता है कि समाज को व्यक्ति की निजी जिंदगी में कितनी दखल देनी चाहिए। दोनों बालिग हैं और अपने फैसले लेने का पूरा अधिकार रखती हैं।
आने वाले समय में नई राह
हेमा और पूजा अब एक नई जिंदगी की शुरुआत कर चुकी हैं। उनके सामने चुनौतियां जरूर होंगी, लेकिन परिवार का साथ और एक-दूसरे का भरोसा उन्हें मजबूत बनाता है। यह कहानी आने वाले समय में कई लोगों को अपनी सच्चाई स्वीकार करने की हिम्मत दे सकती है।
महोबा की यह अनोखी शादी सिर्फ खबर नहीं, बल्कि समाज के लिए एक संदेश है। यह दिखाती है कि प्यार किसी सीमा, लिंग या परंपरा का मोहताज नहीं होता। जब परिवार साथ खड़ा हो, तो हर मुश्किल आसान हो जाती है।


0 टिप्पणियाँ
आपका विचार हमारे लिए महत्वपूर्ण है, कृपया अपनी राय नीचे लिखें।