दिल्ली ब्लास्ट केस में बड़ा खुलासा, लाल किले के पास फटी i20 कार का 11 घंटे का रूट मैप आया सामने, फरीदाबाद कनेक्शन जांच में
दिल्ली ब्लास्ट से दहली राजधानी: जांच में खुलासा, 11 घंटे तक घूमती रही संदिग्ध i20 कार
दिल्ली में सोमवार शाम लाल किले के पास हुए भयानक ब्लास्ट ने पूरे देश को हिला दिया. इस धमाके में 10 लोगों की मौत हो गई जबकि कई गंभीर रूप से घायल हुए. शुरुआती जांच में सामने आया है कि ब्लास्ट हुंडई i20 कार में हुआ था, जिसका नंबर HR 26 CE 7674 है. अब इस कार का पूरा 11 घंटे का रूट मैप सामने आया है, जिसने जांच एजेंसियों की नींद उड़ा दी है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक कार फरीदाबाद से सुबह निकली थी और शाम तक कई जगहों से होकर लाल किले तक पहुंची.
फरीदाबाद से लाल किले तक का सफर: 11 घंटे में क्या-क्या हुआ
जांच एजेंसियों ने सीसीटीवी फुटेज खंगालते हुए कार की मूवमेंट का पूरा टाइमलाइन तैयार किया है. सोमवार सुबह करीब 7:30 बजे कार सबसे पहले फरीदाबाद के एशियन अस्पताल के बाहर दिखाई दी थी. कुछ ही देर बाद सुबह 8:13 बजे यह बदरपुर टोल पार करती दिखी और दिल्ली में दाखिल हुई. उसके बाद सुबह 8:20 बजे ओखला इंडस्ट्रियल एरिया के एक पेट्रोल पंप के पास कार को देखा गया. ये सारी गतिविधियां बताती हैं कि कार सुबह से ही सक्रिय मूवमेंट में थी. दोपहर में 3:19 बजे कार लाल किले के पास स्थित पार्किंग में दाखिल हुई और करीब तीन घंटे तक वहीं खड़ी रही. शाम 6:22 बजे कार पार्किंग से बाहर निकली और सिर्फ 24 मिनट बाद, 6:52 बजे के करीब, लाल किले के पास चलते-चलते इसमें जोरदार धमाका हो गया.
धमाके की जगह और कार की स्थिति
घटना स्थल के आसपास मौजूद लोगों ने बताया कि धमाका इतना जबरदस्त था कि आसपास खड़ी गाड़ियां भी क्षतिग्रस्त हो गईं. कई लोग मौके पर ही घायल हो गए. लाल किला क्षेत्र पर्यटक और व्यापारिक इलाका है, इसलिए शाम के समय यहां भीड़ अधिक थी. पुलिस ने तुरंत पूरे इलाके को सील कर दिया और NIA, NSG और फॉरेंसिक टीमों को जांच में लगाया गया.
कार मालिक और खरीदार पर जांच एजेंसियों की नजर
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि यह i20 कार 29 अक्टूबर को फरीदाबाद के रॉयल कार जॉन से बेची गई थी. कार का रजिस्ट्रेशन नंबर HR 26 CE 7674 है. दस्तावेजों के मुताबिक, यह कार पुलवामा के रहने वाले तारीक नामक व्यक्ति ने खरीदी थी. तारीक को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. अब जांच इस दिशा में बढ़ रही है कि क्या इस खरीद में किसी मॉड्यूल या आतंकी संगठन की भूमिका रही.
डॉक्टर उमर मोहम्मद पर बड़ा शक
दिल्ली पुलिस ने इस केस में डॉक्टर उमर मोहम्मद नाम के संदिग्ध पर शक जताया है, जो कथित तौर पर जैश-ए-मोहम्मद मॉड्यूल से जुड़ा हो सकता है. उमर की तलाश में दिल्ली पुलिस ने जम्मू-कश्मीर पुलिस से भी संपर्क किया है. बताया जा रहा है कि फरीदाबाद से हाल ही में जैश से जुड़े नेटवर्क से अमोनियम नाइट्रेट की बड़ी खेप बरामद हुई थी. यह भी शक जताया जा रहा है कि ब्लास्ट में इसी विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया हो.
टाइमर और विस्फोटक की कड़ी जुड़ती दिखी
फरीदाबाद में 20 टाइमर मिलने की खबर ने जांच को और भी गंभीर बना दिया है. यह सवाल उठ रहा है कि आखिरकार कार को लाल किले के पास पार्किंग में तीन घंटे तक क्यों रखा गया था. पुलिस अब इस संभावना पर काम कर रही है कि कार में पहले से टाइमर लगाया गया हो जो निर्धारित समय पर ब्लास्ट करने के लिए सेट किया गया था.
पार्किंग में बिताए गए घंटे बने रहस्य
सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि कार लाल किले की पार्किंग में दोपहर 3:19 बजे पहुंची और शाम 6:22 बजे तक वहीं खड़ी रही. इस दौरान किसी ने कार के पास जाकर कोई गतिविधि की या नहीं, इसकी जांच पुलिस कर रही है. जांच अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश में हैं कि कार में कोई दूसरा व्यक्ति बैठा था या यह रिमोट या टाइमर से संचालित विस्फोट था.
धमाके के बाद की अफरा-तफरी
जैसे ही कार में धमाका हुआ, आसपास अफरा-तफरी मच गई. लोगों ने देखा कि कार के टुकड़े उड़कर दूर-दूर तक बिखर गए. धमाके के कारण नजदीकी दुकानों और पार्किंग में खड़ी अन्य गाड़ियों के शीशे टूट गए. कुछ सेकंडों में वहां पुलिस पहुंची और इलाके को खाली कराया गया. दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने मौके का मुआयना किया और कहा कि जांच के लिए हर पहलू पर गौर किया जा रहा है.
NIA और फॉरेंसिक टीम की एंट्री
घटना के कुछ ही घंटों के भीतर नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) और नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) की टीम घटनास्थल पर पहुंच गई. फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स ने कार के टुकड़ों से सैंपल इकट्ठा किए. अब जांच में यह देखा जा रहा है कि विस्फोटक का प्रकार क्या था और क्या यह किसी विशेष संगठन के सिग्नेचर स्टाइल जैसा है. शुरुआती रिपोर्टों में यह दावा किया जा रहा है कि कार में इस्तेमाल किया गया विस्फोटक RDX या अमोनियम नाइट्रेट आधारित था.
दिल्ली-फरीदाबाद लिंक से खुल सकते हैं रहस्य
दिल्ली पुलिस और हरियाणा पुलिस की संयुक्त जांच टीम ने फरीदाबाद के कई इलाकों में छापेमारी की है. यह भी पता लगाया जा रहा है कि फरीदाबाद में मौजूद किसी संदिग्ध ने इस कार को ब्लास्ट के लिए तैयार किया था या नहीं. फरीदाबाद में हाल ही में जैश से जुड़ी गतिविधियों का पता चलने के बाद जांच एजेंसियां सतर्क हो गई हैं.
खरीद के वक्त मौजूद तीन लोगों से पूछताछ
पुलिस सूत्रों के अनुसार जब यह कार खरीदी गई थी, उस समय वहां तीन लोग मौजूद थे. कार के प्रदूषण परीक्षण के दौरान भी इन तीनों को सीसीटीवी में देखा गया था. अब पुलिस यह पता लगा रही है कि ये तीनों कौन हैं और इनका ब्लास्ट से क्या संबंध है.
अमोनियम नाइट्रेट और जैश मॉड्यूल का शक
फरीदाबाद में कुछ दिन पहले बरामद हुई अमोनियम नाइट्रेट की खेप ने जांच की दिशा बदल दी है. यह समानता दिल्ली ब्लास्ट केस से जोड़ती है क्योंकि दोनों घटनाओं में एक जैसे रासायनिक पदार्थ मिलने की आशंका है. सुरक्षा एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या दिल्ली में ब्लास्ट करने वाले लोग इसी मॉड्यूल का हिस्सा थे.
पुलिस की रणनीति और सुरक्षा बढ़ी
ब्लास्ट के बाद दिल्ली पुलिस ने राजधानी में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है. प्रमुख स्थलों, बाजारों और मेट्रो स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. साथ ही दिल्ली की सभी एंट्री पॉइंट्स पर चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है. फरीदाबाद और नोएडा की सीमाओं पर भी नाकेबंदी की गई है ताकि कोई संदिग्ध भाग न सके.
जनता में डर, सरकार ने की सख्त कार्रवाई की घोषणा
इस घटना ने न केवल दिल्ली बल्कि पूरे देश को हिला दिया है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी इस मामले की रिपोर्ट मांगी है. गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस को पूरे केस की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए हैं. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि “जांच के सभी पहलुओं पर गौर किया जा रहा है और दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा.”
जांच में नई परतें खुलने की उम्मीद
जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं. सुरक्षा एजेंसियों को अब कार के इंजन नंबर, जीपीएस डेटा और फोन कॉल डिटेल से कुछ ठोस सुराग मिलने की उम्मीद है. यह भी माना जा रहा है कि ब्लास्ट में शामिल संदिग्ध ने किसी तकनीकी माध्यम से कार को रिमोट से ब्लास्ट किया हो.
दिल्ली ब्लास्ट केस सिर्फ एक आतंकी वारदात नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी गंभीर चुनौती बन चुका है. फरीदाबाद से लाल किले तक फैला यह नेटवर्क अब सुरक्षा एजेंसियों की जांच के दायरे में है. सवाल यह भी है कि आखिर इतनी सुरक्षा के बीच एक कार 11 घंटे तक घूमकर कैसे राजधानी के दिल में विस्फोट कर सकती है. इसका जवाब ही देश की सुरक्षा प्रणाली की मजबूती या कमजोरी को तय करेगा.


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