अमेठी में प्रसव के दौरान पत्नी की मौत की खबर सुनकर पति ने भी सदमे में दम तोड़ दिया, गांव में एक साथ उठी दोनों की अर्थी
अमेठी की दर्दनाक घटना: खुशियों के घर में छाया मातम
उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में एक ऐसी घटना हुई जिसने इंसानियत को झकझोर दिया. जायस थाना क्षेत्र के निखई गांव में पति-पत्नी की मौत ने पूरे इलाके को शोक में डुबो दिया. परिवार जिस दिन नवजीवन के आगमन की खुशी मनाने वाला था, उसी दिन घर मातम में बदल गया.
आकाश और ज्योति की शादी को अभी एक साल भी नहीं हुआ था. दोनों की जोड़ी को आदर्श दंपती कहा जाता था. परिवार में सभी खुश थे क्योंकि जल्द ही ज्योति मां बनने वाली थी. लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. प्रसव पीड़ा के दौरान ज्योति की तबीयत अचानक बिगड़ी और इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.
प्रसव पीड़ा के दौरान ज्योति की मौत, खुशी पल भर में मातम में बदली
घटना की शुरुआत शुक्रवार की सुबह हुई जब ज्योति को प्रसव पीड़ा हुई. परिवार ने तुरंत उसे नजदीकी अस्पताल पहुंचाया. डॉक्टर्स ने हालत गंभीर बताते हुए जिला अस्पताल रेफर किया. वहां डॉक्टरों ने पूरी कोशिश की, लेकिन ज्योति को बचाया नहीं जा सका. जैसे ही यह खबर गांव पहुंची, खुशियों की जगह चीख-पुकार गूंज उठी.
ज्योति की मौत की खबर सुनकर पति आकाश टूट गया. परिवार ने बताया कि आकाश लगातार रोता रहा और बार-बार यही कहता रहा, “ज्योति के बिना मैं नहीं जी पाऊंगा.” उसकी हालत धीरे-धीरे बिगड़ती चली गई.
पति आकाश ने सदमे में तोड़ा दम
पत्नी की मौत की खबर के बाद आकाश पूरी तरह बिखर गया था. गहरे सदमे में उसकी तबीयत अचानक बिगड़ने लगी. परिजन ने उसे संभालने की कोशिश की, लेकिन उसका शरीर मानो जवाब दे गया था. कुछ ही घंटे बाद आकाश ने भी दम तोड़ दिया. यह खबर सुनते ही गांव में मातम और गहरा गया.
परिजनों के अनुसार, आकाश की तबीयत पहले से बिल्कुल ठीक थी. लेकिन पत्नी की मौत का सदमा वह बर्दाश्त नहीं कर सका. उसकी धड़कनें धीरे-धीरे रुक गईं. यह दृश्य देखकर हर किसी की आंखें नम हो गईं.
एक साथ उठी दोनों की अर्थी, गांव में पसरा सन्नाटा
शनिवार की सुबह गांव से दो अर्थियां एक साथ उठीं — एक ज्योति की और दूसरी आकाश की. ऐसा मंजर था जिसने हर दिल को झकझोर दिया. बुजुर्गों ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में ऐसा दृश्य कभी नहीं देखा. पूरा गांव गम में डूबा रहा. लोग इसे ‘प्रेम की पराकाष्ठा’ बता रहे थे, तो कोई इसे ईश्वर की लीला कह रहा था.
दोनों का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में किया गया. जब चिता की लपटें उठीं तो परिजनों का विलाप पूरे गांव में गूंज गया. हर आंख नम थी, हर दिल दुख से भरा हुआ था.
परिजनों का बयान: “जहां बच्चे के आने की तैयारी थी, वहां मातम छा गया”
आकाश के पिता सत्य प्रकाश ने रोते हुए कहा, “बस पिछले साल ही बेटे की शादी हुई थी. दोनों बहुत खुश थे. किसकी नजर लग गई, समझ नहीं आता. कल तक घर में बच्चे के आने की तैयारी चल रही थी, आज सब खत्म हो गया.”
ज्योति के मायकेवालों की भी स्थिति बेहद खराब थी. उनकी मां बार-बार यही कह रही थीं कि “मेरी बेटी चली गई, अब दामाद भी नहीं रहा.” हर कोई इस त्रासदी से सदमे में है.
मोहब्बत की मिसाल बन गई दर्दनाक कहानी
यह घटना केवल एक पारिवारिक त्रासदी नहीं, बल्कि इंसानी भावनाओं की गहराई को भी उजागर करती है. आकाश ने जैसे ज्योति के बिना जीने से इनकार कर दिया. यह कहानी गांव में अब मोहब्बत की मिसाल बन गई है. लोग इसे सच्चे प्रेम की चरम अभिव्यक्ति कह रहे हैं.
लेकिन साथ ही यह समाज के लिए एक चेतावनी भी है कि प्रसव जैसी स्थितियों में महिलाओं को समय पर चिकित्सा सुविधा और बेहतर देखभाल कितनी जरूरी है.
चिकित्सा लापरवाही की भी जांच शुरू
गांव में शोक की लहर, रिश्तेदारों का तांता
गांव में लगातार रिश्तेदार और आसपास के लोग आकर परिजनों को ढांढस बंधा रहे हैं. लेकिन हर कोई जानता है कि इस दर्द को शब्दों से कम नहीं किया जा सकता. घर का हर कोना अब सन्नाटे से भरा है. दीवारों पर टंगे शादी के फोटो अब यादों के रूप में रह गए हैं.


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