आंगन में खून से सनी मां-बाप की लाश, घर में तीन बच्चे—संपत्ति विवाद में रिश्तेदारों ने किया कत्ल!

 
रायगढ़ के भेंड्रा गांव में आदिवासी दंपति की डंडे से पीट-पीटकर हत्या, संपत्ति विवाद में रिश्तेदार गिरफ्तार, तीन बच्चे हुए अनाथ।

रायगढ़ में खून से सनी सनसनी: संपत्ति विवाद में आदिवासी दंपति की हत्या

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे क्षेत्र को हिला दिया है। घरघोड़ा थाना क्षेत्र के भेंड्रा गांव में एक आदिवासी दंपति की बेरहमी से हत्या कर दी गई। दोनों का शव उनके ही घर के आंगन में खून से लथपथ पाया गया। इस निर्मम वारदात ने न सिर्फ इलाके में सनसनी फैला दी, बल्कि तीन छोटे बच्चों को माता-पिता के साये से हमेशा के लिए वंचित कर दिया। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से दोनों मृतक दंपति के रिश्तेदार बताए जा रहे हैं।

घर के आंगन में पड़ा मिला खून से लथपथ शव

घटना भेंड्रा गांव की है, जहां सोमवार की सुबह ग्रामीणों ने घर के आंगन में खून से सने दो शव देखे। तुरंत पुलिस को सूचना दी गई। मृतकों की पहचान गुरुवर सिंह राठिया (35) और उनकी पत्नी मनीता राठिया (30) के रूप में हुई। दोनों के शरीर पर गहरे घावों के निशान थे और आसपास खून फैला हुआ था। यह देखकर पूरे गांव में दहशत फैल गई। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो घर में तीन छोटे बच्चे डरे-सहमे बैठे थे।

हत्या से पहले किया गया था निर्मम हमला

पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि दंपति पर सोते समय हमला किया गया। हमलावरों ने डंडे से ताबड़तोड़ वार किए और दोनों को मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद शवों को घसीटकर आंगन में फेंक दिया गया ताकि घटना को आत्महत्या या दुर्घटना का रूप दिया जा सके। लेकिन खून के धब्बों और टूटी हुई चीज़ों से साफ पता चल रहा था कि घर के भीतर संघर्ष हुआ था।

फोरेंसिक और डॉग स्क्वायड ने संभाली जांच

घटना की गंभीरता को देखते हुए रायगढ़ पुलिस ने मौके पर फोरेंसिक विशेषज्ञों और डॉग स्क्वायड की टीम बुलवाई। टीम ने घटनास्थल से खून के नमूने, हथियारों के निशान और संदिग्ध पदचिन्ह एकत्र किए। पुलिस को शक है कि हत्या के बाद आरोपी गांव से भागने की फिराक में थे। डॉग स्क्वायड ने पास के खेतों तक कुछ सुराग दिए, जिसके आधार पर पुलिस ने इलाके में नाकेबंदी की और कुछ ही घंटों में दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

संपत्ति विवाद से जुड़ा मामला

एसपी दिव्यांग पटेल ने बताया कि शुरुआती जांच में यह हत्या संपत्ति विवाद से जुड़ी पाई गई है। मृतक दंपति और आरोपी रिश्तेदारों के बीच जमीन के बंटवारे को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने क्रोध और लालच में यह खौफनाक कदम उठाया। मृतकों के पास पांच एकड़ खेती की जमीन थी, जिसे लेकर पारिवारिक तनाव बना हुआ था।

तीन छोटे बच्चे हुए अनाथ

सबसे मार्मिक पहलू यह है कि मृतक दंपति अपने पीछे तीन मासूम बच्चों को छोड़ गए हैं। इनमें सबसे बड़ा बेटा केवल पांच साल का है, दूसरा तीन साल का और सबसे छोटी नौ महीने की बच्ची है। घटना के समय बच्चे घर के भीतर सो रहे थे। जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो बच्चे रोते हुए अपनी मां-पिता को पुकार रहे थे। फिलहाल बच्चों को ग्राम पंचायत की देखरेख में रखा गया है और परिजनों से संपर्क किया जा रहा है।

पुलिस की तत्परता से खुला राज़

मामले की जानकारी मिलते ही रायगढ़ के एसपी दिव्यांग पटेल, एडिशनल एसपी आकाश मरकाम, धरमजयगढ़ एसडीओपी सिद्धार्थ तिवारी और साइबर सेल प्रभारी अनिल विश्वकर्मा मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि आरोपियों की पहचान मृतक के रिश्तेदारों के रूप में हुई है। दोनों ने पहले दंपति के घर में प्रवेश किया, उन्हें डंडों से मारा और फिर मौके से फरार हो गए। पुलिस ने तकनीकी साक्ष्य और डॉग स्क्वायड की मदद से दोनों को कुछ घंटों में गिरफ्तार कर लिया।

गांव में पसरा मातम, लोग सन्न

भेंड्रा गांव में इस डबल मर्डर के बाद मातम छाया हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि गुरुवर और मनीता मेहनतकश और शांत स्वभाव के लोग थे। वे कभी किसी से झगड़ा नहीं करते थे। गांव वालों को विश्वास नहीं हो रहा कि इतनी निर्दयता से उनकी हत्या कर दी गई। कई लोगों की आंखें नम थीं जब शवों को पोस्टमार्टम के लिए रवाना किया गया।

फोरेंसिक रिपोर्ट से होगा असली खुलासा

फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से खून के धब्बे, उंगलियों के निशान और संभावित हथियारों के सैंपल इकट्ठा किए हैं। पुलिस का कहना है कि फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद हत्या की पूरी कहानी स्पष्ट हो जाएगी। हालांकि प्रारंभिक साक्ष्य इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि यह पूरी तरह पूर्व नियोजित हत्या थी।

रायगढ़ पुलिस की सतर्कता पर उठे सवाल

स्थानीय लोगों का कहना है कि इलाके में पहले भी छोटे-मोटे विवाद होते रहे हैं, लेकिन पुलिस ने कई बार शिकायतों को हल्के में लिया। अगर पहले ही विवाद को गंभीरता से सुलझाया गया होता, तो शायद यह घटना टल सकती थी। ग्रामीणों ने मांग की है कि आरोपियों को जल्द सजा दी जाए ताकि ऐसे अपराधों पर रोक लगे।

मासूमों का भविष्य अधर में

इस वारदात ने तीन बच्चों के भविष्य पर गहरा प्रश्नचिह्न लगा दिया है। फिलहाल प्रशासन ने अस्थायी रूप से बच्चों को बाल संरक्षण गृह भेजने का निर्णय लिया है। वहीं समाजसेवी संस्थाएं उनकी मदद के लिए आगे आ रही हैं। गांव के लोग भी बच्चों की जिम्मेदारी उठाने की बात कर रहे हैं, लेकिन यह घटना समाज को यह सोचने पर मजबूर करती है कि लालच इंसान को किस हद तक गिरा सकता है।

पुलिस का दावा – जल्द सजा मिलेगी आरोपियों को

एसपी दिव्यांग पटेल ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ हत्या की धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त डंडा भी बरामद कर लिया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि केस को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में ले जाकर दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाई जाएगी।

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