रायबरेली में दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या, राहुल गांधी बोले– कांग्रेस न्याय की लड़ाई में परिवार के साथ खड़ी है
रायबरेली में दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या से मचा हड़कंप
उत्तर प्रदेश के रायबरेली में शनिवार को एक भयावह घटना सामने आई जिसने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया। फतेहपुर जिले का रहने वाला हरिओम नामक युवक जब अपने ससुराल जमुनापुर जा रहा था, तब उसे स्थानीय लोगों ने ड्रोन चोर समझ लिया और भीड़ ने बेरहमी से उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी। युवक मानसिक रूप से अस्वस्थ बताया जा रहा है, लेकिन अफवाहों और डर ने इस निर्दोष की जान ले ली। इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में तनाव का माहौल है और राजनीतिक गलियारों में भी हलचल बढ़ गई है।
राहुल गांधी ने जताया शोक, पीड़ित परिवार से की बातचीत
कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इस दर्दनाक घटना पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने मृतक के पिता और भाई से व्यक्तिगत रूप से बात की और न्याय की लड़ाई में परिवार का पूरा साथ देने का आश्वासन दिया। राहुल गांधी ने कहा कि यह सिर्फ एक परिवार का दर्द नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए एक आईना है कि अफवाहें किस तरह इंसानियत को निगल रही हैं। उन्होंने लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठेगी और दोषियों को सजा दिलाने तक संघर्ष करेगी।
पवन खेड़ा बोले – “राहुल गांधी ने न्याय का संकल्प लिया है”
कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक्स (Twitter) पर लिखा कि रायबरेली में दलित युवक की लिंचिंग की घटना हृदयविदारक है। उन्होंने बताया कि राहुल गांधी ने पीड़ित परिवार से बात कर सांत्वना दी और भरोसा दिलाया कि न्याय जरूर मिलेगा। पवन खेड़ा ने कहा, “यह घटना न सिर्फ दर्दनाक है बल्कि यह दिखाती है कि अफवाहें और भीड़तंत्र हमारे समाज में कितना गहरा जहर घोल चुके हैं। राहुल गांधी ने स्पष्ट किया है कि कांग्रेस ऐसे हिंसक तत्वों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करेगी।”
सुप्रिया श्रीनेत ने सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी इस घटना पर उत्तर प्रदेश सरकार को घेरा। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “राहुल गांधी ने रायबरेली में नृशंसता से मारे गए मृतक के पिता और भाई से फ़ोन पर बात की है। उन्होंने न्याय की लड़ाई में परिवार को पूरा सहयोग देने का वादा किया है। दलितों के साथ ऐसी दरिंदगी किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बाबा के लोग यह बात ध्यान से सुन लें।”
सुप्रिया श्रीनेत के इस बयान के बाद विपक्ष ने भी इस मामले पर सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है और दलितों के खिलाफ अपराध लगातार बढ़ रहे हैं।
भीड़ ने ड्रोन चोर समझकर युवक को पीटा
पुलिस के अनुसार मृतक हरिओम दांडेपुर से जमुनापुर अपने ससुराल जा रहा था। इसी दौरान इलाके में फैली अफवाह के चलते कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया और ड्रोन से घरों को चिह्नित करने वाले गिरोह का सदस्य समझकर बेरहमी से पीट दिया। जब तक पुलिस मौके पर पहुंची, तब तक युवक की मौत हो चुकी थी।
गांव में पहले से ही यह अफवाह चल रही थी कि कुछ लोग ड्रोन उड़ाकर चोरी के लिए घरों को निशाना बना रहे हैं। इसी डर के कारण लोगों ने हरिओम को संदिग्ध मान लिया और उसकी जान ले ली।
पुलिस की कार्रवाई, पांच आरोपी गिरफ्तार
रायबरेली के पुलिस अधीक्षक (एसपी) यशवीर सिंह ने बताया कि मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही ऊंचाहार थाना प्रभारी (एसएचओ) संजय कुमार को लापरवाही के आरोप में लाइन हाजिर कर दिया गया है। एसपी ने बताया कि “स्थानीय पुलिस को पहले से जानकारी थी कि इलाके में ड्रोन को लेकर अफवाहें फैल रही हैं, लेकिन समय रहते कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया।”
पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ जारी है और घटना में शामिल अन्य लोगों की पहचान भी की जा रही है।
ड्रोन उड़ाने वालों की गिरफ्तारी से फैली थी दहशत
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, घटना से एक दिन पहले ही लखनऊ के मोहम्मद जुनैद और सीतापुर के मोहम्मद ओवैश को बिना अनुमति ड्रोन उड़ाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। ये दोनों फर्नीचर का कारोबार करते हैं और मनोरंजन के लिए ड्रोन से वीडियो बना रहे थे। हालांकि, उनकी इस हरकत ने स्थानीय लोगों के बीच डर फैला दिया था कि कुछ लोग ड्रोन से घरों को चोरी के लिए चिह्नित कर रहे हैं। इसी डर का परिणाम था कि निर्दोष हरिओम को भीड़ ने मार डाला।
मानवाधिकार संगठनों की प्रतिक्रिया
मानवाधिकार संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस घटना को भीड़तंत्र की खतरनाक प्रवृत्ति बताया है। उन्होंने कहा कि देश में लिंचिंग की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और समाज में डर और असुरक्षा का माहौल बन गया है। कई संगठनों ने मांग की है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए और अफवाह फैलाने वालों पर भी सख्त कदम उठाए जाएं।
प्रदेश सरकार ने जताया दुख, दिए जांच के आदेश
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस घटना पर दुख जताया है और उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं सभ्य समाज के लिए कलंक हैं।
सामाजिक तनाव और भीड़ का मनोविज्ञान
विशेषज्ञों का कहना है कि अफवाहें और भीड़ का मनोविज्ञान भारत जैसे समाज में एक बड़ा खतरा बन चुका है। सोशल मीडिया पर फैली आधी-अधूरी जानकारियां अक्सर हिंसा में बदल जाती हैं। रायबरेली की यह घटना उसी का उदाहरण है कि किस तरह डर और संदेह ने एक निर्दोष व्यक्ति की जान ले ली। समाजशास्त्रियों के अनुसार, यह सिर्फ एक अपराध नहीं बल्कि सामूहिक जिम्मेदारी की असफलता है।
राहुल गांधी की अपील – “नफरत नहीं, इंसाफ चाहिए”
राहुल गांधी ने इस घटना के बाद अपने संदेश में कहा कि भारत को नफरत और हिंसा से नहीं, बल्कि इंसाफ और करुणा से चलाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा कमजोर और वंचित वर्गों की आवाज बनेगी और न्याय सुनिश्चित करेगी। उन्होंने अफवाहों पर रोक लगाने और सामाजिक जागरूकता बढ़ाने की भी अपील की।
रायबरेली की यह घटना केवल एक हत्या नहीं, बल्कि हमारे समाज की संवेदनहीनता और अफवाहों की भयावह शक्ति की कहानी है। भीड़ का गुस्सा, पुलिस की लापरवाही और राजनीतिक प्रतिक्रियाओं के बीच सबसे बड़ी बात यह है कि एक निर्दोष दलित युवक अपनी जान गंवा बैठा। अब सवाल यह है कि क्या समाज इससे कुछ सीखेगा, या यह भी एक और घटना बनकर रह जाएगी। राहुल गांधी का वादा, पुलिस की कार्रवाई और सरकार के आदेश तब ही सार्थक होंगे जब हर निर्दोष व्यक्ति के लिए न्याय सुनिश्चित होगा।


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