मेरठ में बीजेपी पार्षद और ट्रैफिक इंस्पेक्टर की भिड़ंत का वीडियो वायरल, चालान वापस न करने पर TI विनय शाही चार्ज से हटाए गए।
मेरठ में ट्रैफिक इंस्पेक्टर और बीजेपी पार्षद आमने-सामने
उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले से एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें ट्रैफिक इंस्पेक्टर (TI) विनय कुमार शाही और बीजेपी पार्षद अरुण मचल के बीच सड़क पर तीखी बहस होती दिख रही है। मामला एक बाइक के चालान को लेकर शुरू हुआ, लेकिन देखते ही देखते पुलिस अधिकारी और जनप्रतिनिधि के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि यह सीधे उच्चाधिकारियों और पार्टी नेताओं तक पहुंच गया। अब इस मामले में बड़ा एक्शन लेते हुए ट्रैफिक इंस्पेक्टर को चार्ज से हटा दिया गया है।
रेलवे रोड चौराहे पर हुआ विवाद
यह पूरा मामला मेरठ शहर के व्यस्त इलाके रेलवे रोड चौराहे का है। मंगलवार की दोपहर ट्रैफिक इंस्पेक्टर विनय कुमार शाही नियमित रूप से वाहनों की जांच कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने एक मोटरसाइकिल चालक को रोका, जिसके पास वाहन के पूरे कागजात नहीं थे। नियमों के तहत TI ने चालान काट दिया। बताया जा रहा है कि वह व्यक्ति बीजेपी का कार्यकर्ता था।
चालान कटने पर भड़के बीजेपी पार्षद
जब यह बात स्थानीय पार्षद अरुण मचल तक पहुंची, तो वे मौके पर पहुंच गए। उन्होंने टीआई से कहा कि चालान वापस कर दिया जाए क्योंकि वह व्यक्ति “अपना कार्यकर्ता” है। लेकिन इंस्पेक्टर विनय शाही ने ट्रैफिक नियमों का हवाला देते हुए चालान वापस करने से मना कर दिया। यहीं से दोनों के बीच कहासुनी शुरू हो गई।
“बीजेपी से क्या मतलब?” – इंस्पेक्टर का जवाब
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि पार्षद अरुण मचल खुद को बीजेपी का जनप्रतिनिधि बताते हुए कहते हैं, “क्या आपको बीजेपी से कोई नाराजगी है?” इस पर इंस्पेक्टर विनय शाही जवाब देते हैं, “बीजेपी से क्या मतलब? मैं अपना काम कर रहा हूं।” इसके बाद बहस बढ़ती चली जाती है और दोनों की आवाजें ऊंची हो जाती हैं। मौके पर भीड़ इकट्ठी हो जाती है और किसी ने पूरा वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया।
वीडियो वायरल, मामला पहुंचा ऊपर तक
वीडियो वायरल होने के बाद मामला सीधे पार्टी नेतृत्व और पुलिस प्रशासन तक पहुंच गया। बताया जा रहा है कि मेरठ जिले के कई बीजेपी नेताओं ने इस घटना को “जनप्रतिनिधि का अपमान” बताते हुए एसएसपी कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई। साथ ही उन्होंने कहा कि इंस्पेक्टर ने पार्टी के पार्षद से अभद्र व्यवहार किया।
TI विनय कुमार शाही पर कार्रवाई
शिकायत मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) मेरठ ने मामले की जांच के आदेश दिए। प्राथमिक जांच में पाया गया कि बहस के दौरान दोनों पक्षों ने अनुशासनहीन व्यवहार किया, लेकिन पुलिस अधिकारी के तौर पर विनय शाही को संयम रखना चाहिए था। इसके बाद प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए TI विनय कुमार शाही को चार्ज से हटा दिया और उन्हें लाइनहाजिर कर दिया।
पुलिस का आधिकारिक बयान लंबित
हालांकि, वायरल वीडियो को लेकर मेरठ पुलिस की ओर से अभी तक कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, पूरे प्रकरण की जांच सिटी मजिस्ट्रेट और एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की संयुक्त टीम कर रही है। जांच पूरी होने के बाद ही यह तय होगा कि इंस्पेक्टर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी या नहीं।
पार्षद का बयान — “हमारे कार्यकर्ता का अपमान हुआ”
बीजेपी पार्षद अरुण मचल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ट्रैफिक पुलिस आम लोगों से अभद्रता करती है। “मैं मौके पर सिर्फ इतना कहने गया था कि नियमों के साथ इंसानियत भी जरूरी है, लेकिन इंस्पेक्टर साहब ने मुझे ही अपमानित कर दिया,” उन्होंने कहा। पार्षद ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस का रवैया बीजेपी कार्यकर्ताओं के प्रति “शत्रुतापूर्ण” है।
पुलिसकर्मियों में नाराजगी
दूसरी ओर, ट्रैफिक पुलिस विभाग के कई कर्मचारियों ने इस कार्रवाई को “अनुचित” बताया। उनका कहना है कि इंस्पेक्टर विनय शाही ने सिर्फ नियमों के तहत चालान काटा था और उन्हें चार्ज से हटाना गलत संदेश देता है। कुछ पुलिसकर्मियों का कहना है कि अब अधिकारी किसी जनप्रतिनिधि के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले दस बार सोचेंगे।
नियम बनाम राजनीति की बहस
यह मामला कानून और राजनीति के टकराव का एक नया उदाहरण बन गया है। एक ओर पुलिस अधिकारी नियमों के पालन की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जनप्रतिनिधि इसे जनता की सुविधा का मामला बता रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर बहस छिड़ गई है। कुछ लोग पुलिस के पक्ष में हैं तो कुछ पार्षद के।
SSP ऑफिस में मंथन
मामले के तूल पकड़ने के बाद एसएसपी मेरठ ने मंगलवार देर शाम उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में तय हुआ कि विभागीय आचार संहिता के तहत आगे की कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने यह भी कहा कि “जनप्रतिनिधि और पुलिस के बीच मर्यादा बनाए रखना दोनों की जिम्मेदारी है।”
वायरल वीडियो ने बढ़ाई गर्मी
वायरल वीडियो में यह भी साफ दिख रहा है कि विवाद के दौरान सड़क पर ट्रैफिक ठप हो गया था। कई राहगीर इस झगड़े को देखते रहे और कुछ ने मोबाइल से वीडियो रिकॉर्ड किया। देखते ही देखते वीडियो व्हाट्सएप और सोशल मीडिया पर फैल गया। कई यूजर्स ने लिखा कि “यह मेरठ का कानून बनाम राजनीति वाला दृश्य है।”

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