कानपुर कोर्ट की छठी मंजिल से कूदी स्टेनोग्राफर नेहा संखवार! परिजनों ने कहा- ‘खुदकुशी नहीं, हत्या हुई है’




कानपुर कोर्ट की छठी मंजिल से स्टेनोग्राफर नेहा संखवार की संदिग्ध मौत, परिवार ने आत्महत्या नहीं हत्या की आशंका जताई


कानपुर कोर्ट परिसर में मचा हड़कंप

कानपुर की अदालत परिसर में शनिवार दोपहर हुई एक दर्दनाक घटना ने पूरे शहर को दहला दिया. कोर्ट की छठी मंजिल से स्टेनोग्राफर नेहा संखवार के कूदने से मची अफरा-तफरी के बाद पूरा परिसर सन्न रह गया. 30 वर्षीय नेहा संखवार की मौके पर ही हालत गंभीर हो गई, जिन्हें तत्काल उर्सला अस्पताल ले जाया गया. डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया. इस घटना ने पूरे कानपुर न्यायिक क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है.

छठी मंजिल से छलांग या धक्का?

घटना शनिवार दोपहर लगभग 2:30 बजे की बताई जा रही है. नेहा संखवार रोज की तरह अपने काम पर कोर्ट पहुंची थीं. बताया जा रहा है कि वह कुछ देर तक अपने सेक्शन में काम करने के बाद ऊपर चली गईं. अचानक कोर्ट की छठी मंजिल से गिरने की आवाज सुनाई दी, जिसके बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई. जब नीचे देखा गया तो नेहा का शरीर जमीन पर पड़ा था. पुलिस और सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें फौरन अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी.

चार महीने पहले मिली थी नौकरी

नेहा संखवार के नाना जय प्रकाश संखवार ने बताया कि नेहा को महज चार महीने पहले ही यह सरकारी नौकरी मिली थी. वह बेहद मेहनती और संवेदनशील स्वभाव की थी. परिवार के मुताबिक, नेहा को हाल के दिनों में किसी बात की चिंता सता रही थी, पर उन्होंने कभी खुलकर कुछ नहीं बताया. जय प्रकाश ने यह भी कहा कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि एक “साजिशन हत्या” हो सकती है. उनका दावा है कि नेहा को धक्का दिया गया होगा या उसे छलांग लगाने के लिए मजबूर किया गया.

पिता कानूनगो, भाई दरोगा — परिवार में मातम

नेहा के पिता गोविंद प्रसाद फतेहपुर जिले में कानूनगो के पद पर कार्यरत हैं. उनके बड़े भाई भानु प्रताप वर्तमान में इटावा में पुलिस दरोगा के पद पर तैनात हैं. छोटी बहन निशा अभी पढ़ाई कर रही है. घटना की खबर मिलते ही पूरे परिवार में कोहराम मच गया. मां मनोज, भाई भानु और बहन निशा नेहा के शव को देखने के लिए कानपुर रवाना हो गए.

कोर्ट परिसर में सन्नाटा, सहकर्मी स्तब्ध

घटना के बाद अदालत परिसर में सभी कर्मचारियों और वकीलों के बीच सन्नाटा पसर गया. किसी को यकीन नहीं हो रहा था कि खुशमिजाज और मेहनती नेहा अचानक इस तरह कदम उठा सकती हैं. सहकर्मियों का कहना है कि उन्होंने नेहा को दोपहर में चाय ब्रेक के दौरान मुस्कुराते हुए देखा था. कुछ देर बाद ही यह घटना सामने आ गई.

पुलिस कमिश्नर खुद पहुंचे मौके पर

घटना की गंभीरता को देखते हुए कानपुर पुलिस आयुक्त रघुबीर लाल, डीसीपी ईस्ट सत्यजीत गुप्ता और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंचे. घटनास्थल को तुरंत सील कर दिया गया. पुलिस ने वहां से मिले सभी साक्ष्यों को कब्जे में ले लिया है. फोरेंसिक विशेषज्ञों ने आसपास की दीवारों और रेलिंग की जांच की, ताकि यह पता लगाया जा सके कि नेहा ने खुद छलांग लगाई या किसी ने उसे धक्का दिया.

फोरेंसिक जांच और सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, कोर्ट भवन के छठे मंजिल वाले हिस्से में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज निकाले जा रहे हैं. अगर कैमरा उस दिशा में मुड़ा हुआ है तो यह फुटेज मामले को सुलझाने में अहम सबूत साबित हो सकता है. पुलिस ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचने की बात कही है. फिलहाल पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और फोरेंसिक रिपोर्ट दोनों का इंतजार है.

मानसिक तनाव में थी या किसी दबाव में?

नेहा के परिवार का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से वह तनाव में थी. लेकिन वह यह नहीं बताती थी कि आखिर किस बात से परेशान है. वहीं पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या उसके साथ कार्यस्थल पर किसी ने अनुचित व्यवहार किया था या किसी अधिकारी से उसका विवाद हुआ था. कई सहकर्मियों से पूछताछ की जा रही है ताकि घटना के पीछे की असली वजह सामने आ सके.

चार महीने में ही क्यों बिगड़ा सब कुछ?

नेहा ने जून 2025 में ही अदालत परिसर में बतौर स्टेनोग्राफर नौकरी शुरू की थी. वह अपने काम में निपुण और अनुशासित मानी जाती थी. कोर्ट स्टाफ ने बताया कि वह अक्सर देर तक रुककर फाइलों का काम निपटाती थी. परिवार वालों का कहना है कि उन्हें नौकरी से बेहद उम्मीदें थीं. पर यह समझ नहीं आ रहा कि चार महीने में ही उसने इतना बड़ा कदम क्यों उठा लिया.

नाना ने जताई साजिश की आशंका

नेहा के नाना जय प्रकाश संखवार ने कहा, “मेरी पोती बहुत समझदार थी. वह कभी आत्महत्या नहीं कर सकती. जरूर किसी ने उसे मारा है या धक्का दिया है.” उन्होंने पुलिस से निष्पक्ष जांच की मांग की है. उन्होंने यह भी कहा कि नेहा के शरीर पर जो निशान मिले हैं, वे सिर्फ गिरने के नहीं लग रहे. यह बयान पुलिस के लिए जांच का नया एंगल खोल सकता है.

कोर्ट परिसर में लगे सुरक्षात्मक इंतजामों पर उठे सवाल

इस घटना के बाद अदालत परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगे हैं. यह सवाल किया जा रहा है कि छठी मंजिल जैसी ऊंचाई पर कोई कर्मचारी बिना किसी रोक-टोक के कैसे पहुंच गया और रेलिंग पार कर ली. कई वकीलों ने प्रशासन से कोर्ट परिसर में सुरक्षा बढ़ाने और ऊपरी मंजिलों पर सुरक्षा गार्ड तैनात करने की मांग की है.

पुलिस ने दर्ज किया केस, हत्या और आत्महत्या दोनों एंगल पर जांच

पुलिस कमिश्नर रघुबीर लाल ने बताया कि परिवार द्वारा हत्या की आशंका जताए जाने के बाद पुलिस दोनों एंगल से जांच कर रही है. फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से खून के धब्बे, मोबाइल फोन और अन्य निजी सामान बरामद किए हैं. यह भी देखा जा रहा है कि नेहा ने अपने मोबाइल में कोई सुसाइड नोट लिखा था या नहीं.

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से खुलेगा राज

नेहा का शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है. डॉक्टरों का कहना है कि गिरने की ऊंचाई इतनी थी कि मौके पर ही सिर और रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोटें आईं. हालांकि यह भी जांच की जा रही है कि गिरने से पहले उसके शरीर पर कोई चोट या संघर्ष के निशान तो नहीं हैं. रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि मौत आत्महत्या थी या हत्या.

पुलिस की कार्रवाई जारी

फिलहाल कानपुर पुलिस मामले की हर बारीकी से जांच कर रही है. पुलिस ने परिवार के बयान दर्ज कर लिए हैं. कोर्ट स्टाफ और सुरक्षाकर्मियों से पूछताछ जारी है. डीसीपी ईस्ट सत्यजीत गुप्ता ने कहा कि “हम हर एंगल से जांच कर रहे हैं. जो भी दोषी होगा, उसे किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा.”

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