लोकायुक्त ने रिटायर्ड अफसर के फ्लैट से 4.2 किलो सोना, 7.1 किलो चांदी, कैश और करोड़ों की संपत्ति जब्त की, 829% ज्यादा संपत्ति मिली
इंदौर में लोकायुक्त का बड़ा एक्शन: रिटायर्ड अधिकारी के ठिकानों से करोड़ों का सोना-चांदी, कैश, प्रॉपर्टी का खुलासा
मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त की मुहिम लगातार तेज होती जा रही है। बुधवार सुबह जब लोग अपने रोजमर्रा के कामों में व्यस्त थे, तभी प्रदेश के चार बड़े शहरों — इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और अलीराजपुर — में एक साथ सनसनी फैल गई। सेवानिवृत्त जिला आबकारी अधिकारी धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया के कई ठिकानों पर लोकायुक्त विभाग की विशेष टीम ने धावा बोला और इस छापेमारी में जो कुछ सामने आया, उसने सबको चौंका दिया। जांच एजेंसी ने 18.59 करोड़ रुपए की अवैध और अनुपातहीन संपत्ति का खुलासा किया है, जो अधिकारी की वैध आय से 829% अधिक है।
तड़के 6 बजे शुरू हुआ ऑपरेशन, कई शहरों में एक साथ मारी रेड
लोकायुक्त महानिदेशक योगेश देशमुख और इंदौर के पुलिस अधीक्षक राजेश सहाय के नेतृत्व में बुधवार सुबह 6 बजे यह कार्रवाई एक साथ शुरू की गई। इंदौर में भदौरिया के प्रमुख ठिकानों में कैलाशकुंज पलासिया स्थित फ्लैट नंबर 201, 402 और 403 को टारगेट किया गया, जबकि अन्य टीमों ने उज्जैन, ग्वालियर और अलीराजपुर में स्थित उनके परिसरों पर छापेमारी की।
कैलाशकुंज के फ्लैट नंबर 201 में भारी मात्रा में कीमती सामान मिला। तलाशी में लोकायुक्त टीम को 1.13 लाख रुपए नकद, 4.2 किलो सोना, 7.1 किलो चांदी, महंगी घड़ियां, साड़ियां, इत्र, हथियार और लग्जरी सामान मिले। फ्लैट से जुड़े दस्तावेज और बैंक लॉकर की जानकारी भी टीम के हाथ लगी।
कैश, गहनों और महंगे सामानों की भरमार
छापेमारी के दौरान टीम को करोड़ों की चल-अचल संपत्ति मिली। अकेले कैलाशकुंज स्थित फ्लैट से बरामद सामान की अनुमानित कीमत लगभग 9.66 करोड़ रुपए है। यह जानकारी खुद लोकायुक्त टीम ने मीडिया को दी। साथ ही यह भी बताया गया कि भदौरिया के बेटे और बेटी ने 2.85 करोड़ रुपए उधार देने का एग्रीमेंट किया था, जो जांच के घेरे में है।
अन्य ठिकानों से भी करोड़ों की संपत्ति का खुलासा
लोकायुक्त की एक टीम ने इंदौर के यशवंत ग्रीन स्कीम नंबर 114 स्थित फ्लैट एफ-401 में छापा मारा, जहां से 50.32 लाख रुपए की चल संपत्ति मिली। वहीं, काउंटीवॉक कॉलोनी में 4700 वर्गफीट के प्लॉट पर बन रहे तीन मंजिला आलीशान मकान की कीमत लगभग 3.36 करोड़ रुपए आंकी गई।
बिजनेस स्कीम पार्क में स्थित उनके ऑफिस से भी कई अहम दस्तावेज जब्त किए गए, जो निवेश और भूमि सौदों से जुड़े बताए जा रहे हैं।
ग्वालियर के पैतृक घर से भी बरामद हुई संपत्ति
ग्वालियर स्थित धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया के पैतृक घर की भी तलाशी ली गई। यहां से 22.78 लाख रुपए की चल-अचल संपत्ति का पता चला। साथ ही अलीराजपुर स्थित पुराने सरकारी क्वार्टर में कुछ संदिग्ध कागजात मिले हैं, जिन्हें जब्त कर जांच के लिए भेजा गया है।
कुल 18.59 करोड़ की संपत्ति, जबकि पूरी नौकरी में आय महज 2 करोड़
लोकायुक्त की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया की वैध आय लगभग 2 करोड़ रुपए आंकी गई है, जबकि उनके पास 18.59 करोड़ रुपए की संपत्ति पाई गई। इस हिसाब से उनकी कुल संपत्ति 829.66 प्रतिशत अनुपातहीन है, जो भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।
आबकारी विभाग में लंबे समय तक की तैनाती
धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया 1987 में आबकारी विभाग में भर्ती हुए थे। उन्होंने प्रदेश के कई जिलों में अपनी सेवाएं दीं। शुरुआत में उन्होंने अलीराजपुर में पदभार संभाला और बाद में लंबे समय तक इंदौर में ही पदस्थ रहे। अगस्त 2025 में वे सेवानिवृत्त हुए। उनके खिलाफ पहले भी विभागीय जांच की बातें सामने आ चुकी थीं, लेकिन हर बार मामला दबा दिया गया।
करोड़ों की प्रॉपर्टी में बेटे-बेटी की भूमिका भी जांच के दायरे में
लोकायुक्त को जांच के दौरान भदौरिया के बेटे और बेटी के नाम से कई एग्रीमेंट, संपत्ति के कागजात, निवेश के प्रमाण और बैंकिंग लेन-देन के दस्तावेज मिले हैं। इनमें से एक एग्रीमेंट में 2.85 करोड़ रुपए उधार देने की बात सामने आई है, जिसे जांच एजेंसियां संदिग्ध मान रही हैं।
प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि परिवार के सदस्य फर्जी कंपनियों के जरिए निवेश और प्रॉपर्टी डीलिंग कर रहे थे। इस पूरे मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
आगे की जांच शुरू, दस्तावेजों को जब्त कर भेजा गया फॉरेंसिक लैब
लोकायुक्त ने कार्रवाई के बाद जब्त सभी दस्तावेजों को आगे की कानूनी प्रक्रिया के लिए फॉरेंसिक लैब भेज दिया है। इसके अलावा बैंक लॉकर, जमीन के रजिस्ट्रेशन और निवेश से जुड़ी फाइलों को भी क्रॉस चेक किया जा रहा है।
राज्य सरकार को भी इस पूरे मामले की जानकारी दे दी गई है और संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही आय से अधिक संपत्ति मामले में FIR दर्ज की जाएगी।
शासन और आमजन में हलचल, भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई की मांग तेज
इस मामले ने मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ नई बहस छेड़ दी है। रिटायर्ड अफसर के यहां मिली करोड़ों की अवैध संपत्ति से जनता में नाराजगी है। सोशल मीडिया पर लोग इस कार्रवाई की सराहना कर रहे हैं और अन्य भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ भी ऐसी ही सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने मांगी रिपोर्ट
खबरों के अनुसार, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यालय ने भी इस छापे की पूरी रिपोर्ट मांगी है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा है कि दोषी चाहे रिटायर्ड हो या वर्तमान में सेवाएं दे रहा हो, उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


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