गोरखपुर का साइको किलर अजय निषाद काले कपड़ों में महिलाओं पर करता था हमला, DJ की आवाज निकाल जेल में कैदियों को करता है एंटरटेन।
काले कपड़ों में घूमने वाला वहशी: अजय निषाद का खौफनाक अपराधों से भरा इतिहास
गोरखपुर जिले के झगहा थाना क्षेत्र के एक छोटे से गांव में जब अंधेरा होता था, तो डर के साए में महिलाएं घरों में कैद हो जाती थीं। वजह थी एक ऐसा साइको किलर, जो काले कपड़े पहनकर नंगे पांव आता था और अकेली महिलाओं पर रॉड से हमला करता था। उसका नाम अजय निषाद था—एक ऐसा युवक, जो प्यार में मिले धोखे के बाद महिलाओं का दुश्मन बन गया। अजय का अपराधों का तरीका इतना क्रूर और असामान्य था कि सुनकर रोंगटे खड़े हो जाएं।
प्यार में धोखा, फिर बना महिलाओं का कातिल
अजय निषाद की कहानी एक टूटे हुए दिल से शुरू होती है। साल 2022 में अजय को एक लड़की से प्रेम हुआ। उसने जब उस लड़की को अपने प्यार का इज़हार किया, तो बदले में उसे अपमान और मारपीट झेलनी पड़ी। लड़की के परिवारवालों ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया, जिसके चलते उसे 6 महीने जेल में बिताने पड़े। जेल से छूटने के बाद उसका व्यक्तित्व बदल चुका था। उसके भीतर महिलाओं के प्रति घृणा की भावना इतनी गहरी हो चुकी थी कि उसने उन्हें अपना शिकार बनाना शुरू कर दिया।
रात का शिकारी, अंधेरे का आतंक
साल 2024 में झगहा थाना क्षेत्र के राजधानी गांव और मंगलपुर टोला में एक के बाद एक पांच महिलाओं पर हमले हुए। इन हमलों में एक महिला की जान भी चली गई। अजय हमेशा काले कपड़े पहनकर, नंगे पांव आता था और रॉड से सो रही महिलाओं के सिर पर वार करता था। उसने ज्यादातर वही घर चुने जहां सन्नाटा रहता था और सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे होते थे। जहां कैमरे लगे होते, वहां वह अपना चेहरा ढक लेता। इन घटनाओं ने गांव में खौफ का माहौल खड़ा कर दिया।
हत्या और लूटपाट का खौफनाक सिलसिला
साइको किलर अजय निषाद की गतिविधियां केवल हमलों तक सीमित नहीं थीं। वह लूटपाट भी करता था। हमले के बाद वह महिलाओं के गहने और पैसे भी लूट लेता था। पुलिस के अनुसार, पांच महीनों में वह कई घटनाओं को अंजाम दे चुका था। घटना के समय वह अक्सर एक ही जैसे काले शर्ट और पैंट में नजर आता था, जिसे वह शनि भगवान की भक्ति का प्रतीक मानता था।
जेल में भी अजीब हरकतें, कैदियों को DJ की धुन पर करता है ‘मनोरंजन’
जब पुलिस ने नवंबर 2024 में उसे गिरफ्तार किया और जेल भेजा, तो उसके व्यवहार ने जेल में बंद कैदियों को भी चौंका दिया। अजय निषाद को नींद नहीं आती थी। रात के समय वह अपने मुंह से DJ की आवाज़ें निकालता था। उसका यह अजीब शौक पहले DJ चलाने की उसकी पुरानी आदत से जुड़ा हुआ है। जेल प्रशासन के अनुसार, वह कई बार पूरी रात DJ की बीट निकालता रहता है, जिससे बाकी कैदी पहले परेशान और बाद में उसके 'शो' के आदी हो गए हैं।
खुद को मानता है शनि भक्त, पहनता है सिर्फ काले कपड़े
पुलिस पूछताछ में अजय ने बताया कि वह शनिदेव का भक्त है और इसलिए हमेशा काले कपड़े पहनता है। उसे ऐसा लगता है कि काले कपड़े उसे शक्ति देते हैं। यही नहीं, जब उसे गुस्सा आता है तो वह नंगे पांव घर से निकलता है और महिला को अपना शिकार बनाता है। अजय के मुताबिक, उसे गुस्सा आने पर ही वह वारदात को अंजाम देता था, और इस प्रक्रिया में उसे मानसिक ‘सुकून’ मिलता था।
पुलिस के लिए बना था पहेली, छह महीने तक खाली हाथ रही टीमें
इन घटनाओं से परेशान गांववालों ने कई बार पुलिस को सूचित किया लेकिन अंधेरे में काम कर रहा यह साइको किलर हर बार पुलिस की पकड़ से बच निकलता। आखिरकार नवंबर 2024 में जब पुलिस ने अजय को रंगे हाथों पकड़ा, तब जाकर इन घटनाओं की कड़ियां जुड़ीं। गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने जब उससे पूछताछ की, तो उसने अपने सारे अपराध स्वीकार कर लिए। पुलिस के लिए यह एक बड़ी सफलता थी, लेकिन गांव वालों के लिए वह अब भी डर की एक कहानी है।
बचपन, पढ़ाई और अपराध की ओर बढ़ते कदम
अजय निषाद एक सामान्य किसान परिवार से आता है। वह हाईस्कूल तक ही पढ़ सका था। आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण उसने पढ़ाई छोड़ दी और DJ का काम करने लगा। इसी दौरान उसकी मुलाकात उस लड़की से हुई, जिसके इनकार ने उसकी जिंदगी की दिशा ही बदल दी। प्रेम में असफलता और जेल की यातना ने उसे मानसिक रूप से असंतुलित कर दिया, जिसका नतीजा समाज को खूनी हमलों के रूप में भुगतना पड़ा।
महिला सुरक्षा पर बड़ा सवाल
इस मामले ने गोरखपुर ही नहीं, पूरे प्रदेश में महिला सुरक्षा को लेकर चिंता पैदा कर दी है। एक व्यक्ति कैसे बिना किसी हथियार के महीनों तक महिलाओं को अपना शिकार बनाता रहा, यह सिस्टम की असफलता को दर्शाता है। गांव में CCTV की कमी, पुलिस गश्त की लापरवाही और सामाजिक सतर्कता की अनदेखी ने अजय को हमलों के लिए एक सुरक्षित माहौल प्रदान किया।
क्या अब भी है खतरा?
भले ही अजय निषाद अब जेल में है, लेकिन उसके व्यवहार और मानसिकता को देखकर विशेषज्ञों का मानना है कि वह एक गंभीर साइको पैथ है जिसे काउंसलिंग और मनोवैज्ञानिक इलाज की जरूरत है। अगर उसे सही समय पर उचित इलाज नहीं मिला तो भविष्य में वह और भी खतरनाक हो सकता है।

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