80 करोड़ की ठगी, फर्जी IAS बना 'सरकारी बहाल अधिकारी': विवेक मिश्र का खुलासा हिला देगा!


लखनऊ में फर्जी IAS विवेक मिश्र ने 150 लोगों से 80 करोड़ की ठगी की। सोशल मीडिया से बनाया जाल, चिनहट से हुआ गिरफ्तार।

फर्जी IAS बना नौकरियां दिलाने वाला अफसर, 150 युवाओं के सपनों से खेल गया जालसाज विवेक मिश्र

राजधानी लखनऊ में एक ऐसे जालसाज का पर्दाफाश हुआ है जिसने नौकरियों की चाहत रखने वाले युवाओं के साथ करोड़ों की ठगी की। खुद को गुजरात कैडर का IAS अधिकारी बताने वाले डॉ. विवेक मिश्र ने सोशल मीडिया पर फर्जी पहचान बनाकर 150 लोगों से करीब 80 करोड़ रुपये की ठगी की। चिनहट थाना पुलिस ने गुरुवार को इस शातिर अपराधी को कमता क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। विवेक मिश्र के कारनामे इतने चौंकाने वाले हैं कि पुलिस और जांच एजेंसियां भी हैरान हैं।

गुजरात कैडर का सचिव बनकर दिया खुद को IAS का परिचय

2019 में शुरू हुई इस ठगी की कहानी तब सामने आई जब गोमती नगर के विकल्पखंड निवासी सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता डॉ. आशुतोष मिश्र ने चिनहट थाने में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि विवेक ने खुद को 2014 बैच का गुजरात कैडर का IAS अधिकारी और राज्य सरकार में सचिव बताकर न सिर्फ उन्हें, बल्कि सैकड़ों अन्य लोगों को सरकारी नौकरी का झांसा दिया। विवेक इतना माहिर था कि उसने फर्जी दस्तावेजों और नियुक्ति पत्रों का ऐसा जाल बुना जिसे असली समझकर लोग झांसे में आ गए।

बहनों को बताया IPS, लोगों को दिया डिप्टी SP बनने का झांसा

जांच में सामने आया कि विवेक ने अपनी दो बहनों निधि मिश्र और विधि मिश्र को भी इस खेल में शामिल किया। वह लोगों को यह कहकर बहकाता कि उसकी बहनें भी गुजरात कैडर की IPS अधिकारी हैं और वह उनकी मदद से मनचाही सरकारी नौकरी दिला सकता है। इस चालाकी भरे प्रचार के चलते लोग उसकी बातों पर विश्वास करने लगे और लाखों रुपये खर्च कर दिए। विवेक ने फर्जी नियुक्ति पत्र भी बांटे जिनमें जनसंपर्क अधिकारी, सूचना अधिकारी, डिप्टी SP (स्पोर्ट्स कोटे से) जैसे आकर्षक पद शामिल थे।

सोशल मीडिया बना सबसे बड़ा हथियार, युवतियों को बनाया निशाना

विवेक मिश्र की ठगी का सबसे मजबूत हथियार बना सोशल मीडिया। उसने कई फर्जी प्रोफाइल्स बनाकर खुद को हाईप्रोफाइल IAS अफसर की तरह पेश किया। खासकर युवतियों को निशाना बनाकर वह शादी का प्रस्ताव देता, जिससे उनके परिवार से नजदीकी बना लेता और फिर सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे वसूलता। उसने दर्जनों लोगों से लाखों की वसूली की और सभी को नकली दस्तावेज थमा दिए।

अधिवक्ता ने खोली साजिश की परतें, 4.5 लाख की ठगी से हुआ खुलासा

इस पूरे खेल का खुलासा तब हुआ जब अधिवक्ता डॉ. आशुतोष मिश्र को शक हुआ। उन्होंने अपने चार जूनियर अधिवक्ताओं से इस मामले की पड़ताल कराई। पता चला कि विवेक ने सिर्फ उनके ही नहीं, बल्कि 150 से ज्यादा लोगों से करीब 80 करोड़ रुपये की ठगी की है। आशुतोष के चारों जूनियर्स को भी नौकरी का झांसा देकर फर्जी नियुक्ति पत्र दिए गए थे और उनसे कुल 4.5 लाख रुपये ऐंठ लिए गए। इसके बाद उन्होंने चिनहट थाने में केस दर्ज कराया, जिसे पहले आर्थिक अपराध शाखा (EOW) और फिर CID को सौंपा गया।

गिरफ्तारी के बाद खुलने लगे राज, CID कर रही बहनों की भूमिका की जांच

विवेक मिश्र को गुरुवार को चिनहट पुलिस ने कमता इलाके से गिरफ्तार किया। मामले की जांच अब CID के इंस्पेक्टर रमेश चंद्र तिवारी कर रहे हैं। चिनहट थाने के इंस्पेक्टर दिनेश चंद्र मिश्र के अनुसार, विवेक की बहनों निधि मिश्र और विधि मिश्र की भूमिका की भी गंभीरता से जांच की जा रही है। फिलहाल दोनों बहनें फरार बताई जा रही हैं और उनके खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी चल रही है।

नौकरी की चाहत में फंसे सैकड़ों युवा, विवेक का नाम सुनते ही सहम उठे लोग

विवेक मिश्र का जाल इतना फैला हुआ था कि उसने उत्तर प्रदेश से लेकर गुजरात, दिल्ली और मध्य प्रदेश तक अपने शिकार बनाए। जिन युवाओं ने उसके झांसे में आकर पैसे दिए, वे अब मानसिक रूप से टूट चुके हैं। कई पीड़ितों ने नौकरी छोड़कर सरकारी नौकरी की आस में बड़ी रकम दी, लेकिन अब उनकी जमा पूंजी भी चली गई और भविष्य भी अधर में है। पुलिस को आशंका है कि ऐसे पीड़ितों की संख्या 150 से कहीं अधिक हो सकती है, इसलिए जांच और गहरी की जा रही है।

सरकारी पदों की बिक्री का ‘IAS मार्केट’, बड़ा रैकेट का संकेत

विवेक मिश्र द्वारा जनसंपर्क विभाग, खेल विभाग, पुलिस विभाग जैसे पदों पर लोगों को फर्जी तरीके से नियुक्त करने की योजना इस ओर इशारा करती है कि वह अकेला नहीं था, बल्कि यह एक संगठित रैकेट हो सकता है। जांच एजेंसियों को शक है कि विवेक के संपर्क में कुछ ऐसे सरकारी या पूर्व सरकारी अधिकारी भी हो सकते हैं जिन्होंने इस काम में उसका साथ दिया हो या जानबूझकर आंख मूंद ली हो। CID ऐसे संभावित लिंक की जांच में जुटी हुई है।

लाखों की ठगी, लेकिन रहन-सहन में हाई प्रोफाइल ठाठ

गिरफ्तार विवेक मिश्र का रहन-सहन किसी बड़े अधिकारी से कम नहीं था। वह महंगी गाड़ियों में घूमता, महंगे होटल्स और क्लब्स में पार्टी करता और सोशल मीडिया पर IAS टैग लगाकर लोगों को भ्रमित करता था। उसके खिलाफ पहले भी लखनऊ, दिल्ली और अहमदाबाद में कई शिकायतें मिल चुकी हैं, लेकिन वह हर बार पहचान बदलकर बचता रहा। अब जब चिनहट पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है, तो कई पीड़ितों ने राहत की सांस ली है।

जांच का दायरा बढ़ा, हो सकती हैं और गिरफ्तारियां

CID सूत्रों की मानें तो विवेक मिश्र की गिरफ्तारी के बाद जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है। उसकी बहनों के अलावा जिन युवतियों से उसने शादी का झांसा देकर ठगी की, उनके बयान भी लिए जा रहे हैं। साथ ही, जिन लोगों को फर्जी नियुक्ति पत्र दिए गए, उन्हें भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है। यह भी जांचा जा रहा है कि क्या विवेक ने किसी सरकारी विभाग के कर्मचारी की मदद से यह सब किया या सिर्फ फर्जी दस्तावेजों के सहारे पूरे नेटवर्क को खड़ा किया।

फर्जी IAS की गिरफ्तारी से मचा हड़कंप, कई नामी परिवार भी हुए शिकार

लखनऊ में फर्जी IAS की गिरफ्तारी की खबर फैलते ही पुलिस विभाग से लेकर नौकरशाही तक हलचल मच गई है। सूत्रों के अनुसार विवेक ने कई रिटायर्ड अफसरों और नामी लोगों के परिवारों को भी निशाना बनाया था। इन लोगों ने अपनी पहचान सार्वजनिक नहीं की है, लेकिन अब वे भी सामने आकर अपनी शिकायत दर्ज कराने की तैयारी में हैं। पुलिस ने जनता से अपील की है कि यदि कोई भी विवेक मिश्र द्वारा ठगी का शिकार हुआ हो तो सामने आकर पुलिस को जानकारी दें।

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