अलीगढ़ के मंदिरों पर लिखा ‘I Love Muhammad’, भड़का माहौल! करणी सेना ने दी 48 घंटे में कार्रवाई की चेतावनी


अलीगढ़ के मंदिरों की दीवारों पर ‘I Love Muhammad’ लिखने से मचा बवाल, करणी सेना ने पुलिस को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया


अलीगढ़ में धार्मिक उकसावे का मामला, मंदिरों पर लिखे गए विवादित नारे

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में लोधा थाना क्षेत्र के बुलाकी गड़ी गांव और उसके आसपास के इलाकों में शुक्रवार की सुबह अचानक धार्मिक तनाव का माहौल बन गया जब स्थानीय लोगों ने मंदिरों की दीवारों पर ‘I Love Muhammad’ लिखा देखा। इस लिखावट के सामने आते ही पूरे इलाके में हलचल मच गई। लोगों ने इसे हिंदू धार्मिक स्थलों के प्रति अपमान और उकसावे की साजिश बताया। स्थानीय पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शांति व्यवस्था बनाए रखी, लेकिन हिंदू संगठनों में आक्रोश फैल गया

रातोंरात लिखे गए स्लोगन, गांव में फैला तनाव

ग्रामीणों के अनुसार यह घटना 24 अक्टूबर 2025 की रात से जुड़ी है। रात या सुबह-सुबह किसी अज्ञात व्यक्ति या समूह ने 4 से 5 मंदिरों की दीवारों पर ‘I Love Muhammad’ के शब्द स्प्रे पेंट और चाक से लिख दिए। इनमें बुलाकी गड़ी के प्रमुख शिव मंदिर और हनुमान मंदिर भी शामिल हैं। जैसे ही सुबह भक्त दर्शन करने पहुंचे तो उन्हें यह विवादित नारा दिखाई दिया, जिसके बाद पूरे गांव में हड़कंप मच गया। कई महिलाओं ने मंदिर में पूजा बंद कर दी और बड़ी संख्या में लोग घटनास्थल पर एकत्रित हो गए

करणी सेना की एंट्री, कहा— धार्मिक भावनाओं का अपमान बर्दाश्त नहीं

मामले की जानकारी मिलते ही करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ज्ञानेंद्र चौहान के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ता बुलाकी गड़ी पहुंचे। उन्होंने मौके पर मंदिरों का निरीक्षण किया और प्रदर्शन करते हुए पुलिस प्रशासन पर नरमी बरतने का आरोप लगाया। करणी सेना ने स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर 48 घंटे के भीतर आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती तो बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा। वहीं ग्रामीणों ने कहा कि यह काम बाहरी तत्वों का है, जो सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं

पुलिस ने संभाला मोर्चा, शांति समिति की बैठक बुलाई

जैसे ही मामला तूल पकड़ने लगा, लोधा थाना पुलिस और अलीगढ़ के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। एसपी सिटी और क्षेत्राधिकारी ने शांति समिति की बैठक आयोजित की जिसमें हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के प्रतिनिधि मौजूद थे। पुलिस ने समझाइश देते हुए कहा कि किसी भी सूरत में कानून अपने हाथ में न लें। हालांकि पुलिस ने विवादित लिखावट को तुरंत मिटवा दिया जिससे कुछ कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताई कि इससे सबूत नष्ट हो गए हैं

पुलिस पर नरमी के आरोप, सबूत मिटाने का विवाद

करणी सेना और स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने मामले को दबाने की कोशिश की। उनका कहना है कि अगर लिखावट के निशान कुछ समय तक रहने दिए जाते तो जांच में सहायता मिल सकती थी। दूसरी ओर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह कदम शांति बनाए रखने के लिए जरूरी था ताकि किसी प्रकार का तनाव या हिंसा न फैले। पुलिस ने बताया कि मंदिरों के आसपास सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है और गांव में ड्रोन से निगरानी की जा रही है

जांच में जुटी पुलिस, 2 संदिग्धों की पहचान

अलीगढ़ पुलिस ने घटना की जांच के लिए 2 से 3 विशेष टीमों का गठन किया है। इन टीमों को सीसीटीवी, मोबाइल लोकेशन और इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर आरोपियों की पहचान करने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस का दावा है कि दो संदिग्धों की पहचान कर ली गई है जो बाहरी व्यक्ति हैं और जल्द ही गिरफ्त में होंगे। पुलिस ने यह भी कहा कि मामला बेहद संवेदनशील है, इसलिए जांच की हर प्रक्रिया पूरी सावधानी से की जा रही है ताकि किसी निर्दोष पर आंच न आए

केस दर्ज करने की तैयारी

घटना को लेकर पुलिस ने बताया कि आईपीसी की धाराओं के तहत केस दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है। हालांकि अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है, लेकिन विभागीय स्तर पर तैयारी पूरी है। वहीं एसएसपी अलीगढ़ ने बयान दिया कि यह घटना गंभीर है और इसका पर्दाफाश 48 घंटे में कर दिया जाएगा। उन्होंने अपील की कि किसी भी व्यक्ति को अफवाहों पर ध्यान न देना चाहिए

स्थानीय मुस्लिम समाज ने जताई नाराजगी, कहा— शरारती तत्वों का काम

स्थानीय मुस्लिम समुदाय ने इस घटना की निंदा की है और कहा कि इसका मकसद दोनों समुदायों के बीच दरार पैदा करना है। मुस्लिम प्रतिनिधियों ने पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि दोषियों को समुदाय से जोड़ना गलत होगा क्योंकि यह काम कुछ शरारती तत्वों का है जो अलीगढ़ की गंगा-जमुनी तहजीब को बदनाम करना चाहते हैं। इस बीच दोनों समुदायों के बुजुर्गों ने शांति बनाए रखने की अपील की और मंदिरों में भजन-कीर्तन का आयोजन कर माहौल को शांत करने का प्रयास किया

बढ़ी सुरक्षा, PAC और RRF की तैनाती

तनाव की स्थिति को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने पूरे लोधा क्षेत्र में पीएसी और आरआरएफ की अतिरिक्त टुकड़ियां तैनात कर दी हैं। ड्रोन कैमरों से गांव की निगरानी की जा रही है। पुलिस ने चप्पे-चप्पे पर जवानों की तैनाती की है ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके। पुलिस सूत्रों के अनुसार, अलीगढ़ पुलिस मुख्यालय में इस मामले की निगरानी स्वयं डीआईजी स्तर के अधिकारी कर रहे हैं

करणी सेना ने दिया अल्टीमेटम

करणी सेना के पदाधिकारियों ने कहा कि अगर पुलिस ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो जिला मुख्यालय पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह केवल मंदिरों का नहीं बल्कि पूरे हिंदू समाज का अपमान है। कार्यकर्ताओं ने ऐलान किया कि मंदिरों की सुरक्षा के लिए स्वयंसेवक तैनात किए जाएंगे। वहीं कुछ लोगों ने इस घटना को ‘आई लव मोहम्मद’ नामक चल रहे सोशल मीडिया ट्रेंड से जोड़ा जो हाल के महीनों में कई जिलों में विवाद का कारण बन चुका है

‘आई लव मोहम्मद’ ट्रेंड का विवादित इतिहास

जानकारों के मुताबिक, ‘आई लव मोहम्मद’ कैंपेन सितंबर 2025 से यूपी के विभिन्न हिस्सों में देखा गया है। बरेली, कानपुर, मुरादाबाद और फर्रुखाबाद में ऐसे स्लोगन या पोस्टर लगने के बाद झगड़े और मारपीट की घटनाएं हुई थीं। अब अलीगढ़ में भी इसी पैटर्न पर यह मामला सामने आया है। सुरक्षा एजेंसियां इस बात की जांच कर रही हैं कि कहीं यह कोई संगठित नेटवर्क तो नहीं जो प्रदेश में सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की साजिश रच रहा है

प्रशासन की अपील— अफवाहों पर ध्यान न दें

एसएसपी अलीगढ़ ने कहा कि सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की भड़काऊ पोस्ट या मैसेज फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि जांच पूरी होने तक संयम बरतें। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। वहीं लोधा थाना प्रभारी ने कहा कि मंदिरों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और चौकीदारों को अलर्ट मोड पर रखा गया है

अलीगढ़ की यह घटना न केवल धार्मिक संवेदनशीलता को झकझोरती है, बल्कि यह दिखाती है कि कैसे कुछ तत्व समाज में जहर घोलने की कोशिश करते हैं। पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारी है कि दोषियों को पकड़कर सख्त सजा दिलाई जाए ताकि भविष्य में ऐसी कोई घटना दोबारा न हो। फिलहाल अलीगढ़ प्रशासन अलर्ट मोड पर है और पूरा जिला प्रशासन मामले पर पैनी नजर रखे हुए है।

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