दिल्ली में छात्राओं के यौन शोषण के आरोपी बाबा चैतन्यानंद गिरफ्तार, फर्जी UN-BRICS ID कार्ड, दो पासपोर्ट और करोड़ों के घोटाले का खुलासा।
स्वामी चैतन्यानंद की गिरफ्तारी से हड़कंप
दिल्ली पुलिस ने लंबे समय से फरार चल रहे स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती को गिरफ्तार कर लिया है। वसंत कुंज स्थित एक निजी मैनेजमेंट संस्थान की 17 छात्राओं ने उन पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे। कई महीनों की खोजबीन के बाद पुलिस को बाबा आगरा के एक होटल से मिला। गिरफ्तारी के बाद बाबा को कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस गिरफ्तारी ने न केवल छात्राओं को न्याय की उम्मीद दी है बल्कि एक बड़े फर्जीवाड़े के जाल को भी उजागर कर दिया है।
फर्जी पहचान और आई कार्ड का खेल
गिरफ्तारी के समय बाबा के पास से दो फर्जी पहचान पत्र और तीन मोबाइल फोन बरामद किए गए। इन पहचान पत्रों में से पहला कार्ड यूनाइटेड नेशन का था जिसमें बाबा खुद को परमानेंट एंबेसडर बताता था। दूसरा आई कार्ड BRICS देशों के ज्वाइंट कमीशन का था, जिसमें वह खुद को इंडिया का स्पेशल इन्वॉय घोषित करता था। दोनों ही दस्तावेज पूरी तरह फर्जी निकले। इस खुलासे से साफ हो गया कि बाबा ने वर्षों तक अपनी पहचान छुपाने और प्रभाव जमाने के लिए अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के नाम का दुरुपयोग किया।
फरारी के दौरान होटल बदलता रहा बाबा
पुलिस जांच में सामने आया है कि गिरफ्तारी से बचने के लिए स्वामी चैतन्यानंद ने पिछले कुछ महीनों में 15 से ज्यादा होटलों में ठहराव किया। कभी वृंदावन, कभी मथुरा और कभी आगरा के होटलों में बाबा फरारी काटता रहा। अपनी पहचान छुपाने के लिए वह अलग-अलग नाम और पहचान पत्रों का इस्तेमाल करता रहा।
शारदा पीठ की प्रॉपर्टी पर कब्जा और घोटाला
पुलिस ने बताया कि वर्ष 1998 में दिल्ली के उपराज्यपाल ने वसंत कुंज क्षेत्र में शारदा पीठ को एक प्लॉट आवंटित किया था। बाबा को मठ का अटॉर्नी बनाकर सीमित अधिकार दिए गए थे, लेकिन 2008 में उसने बिना अनुमति के संस्थान का नाम बदलकर “श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट” कर दिया। आरोप है कि फर्जी दस्तावेजों के जरिए इस मठ की प्रॉपर्टी को किराए पर चढ़ा दिया गया और करीब 40 करोड़ रुपए का घोटाला किया गया।
दो पासपोर्ट और अलग-अलग पहचान
जांच में सबसे बड़ा खुलासा यह हुआ कि बाबा के पास दो पासपोर्ट हैं। पहला पासपोर्ट “स्वामी पार्थ सारथी” के नाम से बना था, जबकि दूसरा “स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती” के नाम से। दोनों पासपोर्ट में पिता और मां के नाम अलग-अलग दर्ज हैं। पहले पासपोर्ट में पिता का नाम स्वामी घनानंद पुरी और मां का नाम शारदा अंबा लिखा गया है, वहीं दूसरे पासपोर्ट में पिता का नाम स्वामी दयानंद सरस्वती और मां का नाम शारदा अम्बल दर्शाया गया है। इतना ही नहीं, पहले पासपोर्ट में जन्मस्थान दार्जिलिंग दर्ज है जबकि दूसरे में तमिलनाडु। इस फर्जीवाड़े से साफ है कि बाबा ने कई पहचानें बनाकर सरकारी एजेंसियों को गुमराह किया।
बैंक अकाउंट्स और आर्थिक घपला
बाबा की करतूत यहीं खत्म नहीं होती। पुलिस जांच में सामने आया कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में उसके दो अलग-अलग नामों से खाते खोले गए थे। दोनों खातों में अलग-अलग दस्तावेजों के आधार पर लेन-देन किया जा रहा था। इससे यह साफ हो गया कि बाबा ने फर्जी पहचान के जरिए न केवल पासपोर्ट बल्कि बैंकिंग सिस्टम को भी धोखा दिया।
छात्राओं के यौन शोषण का आरोप
दिल्ली के वसंत कुंज स्थित निजी प्रबंधन संस्थान में पढ़ने वाली 17 छात्राओं ने बाबा पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। छात्राओं ने बताया कि बाबा ने धार्मिक और आध्यात्मिक गुरु के नाम पर उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान किया। इन गंभीर आरोपों के बाद दिल्ली पुलिस ने कई टीमों का गठन किया और बाबा की तलाश शुरू की। आखिरकार पुलिस की मेहनत रंग लाई और आरोपी को आगरा से दबोच लिया गया।
अग्रिम जमानत याचिका खारिज
गिरफ्तारी से ठीक पहले बाबा ने अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी। लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी और आखिरकार बाबा पकड़ा गया। फिलहाल अदालत में पेशी के बाद इस मामले में आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू होगी।
समाज को झटका देने वाला खुलासा
स्वामी चैतन्यानंद की गिरफ्तारी और उसके फर्जी साम्राज्य के उजागर होने से समाज को गहरा झटका लगा है। एक धार्मिक और आध्यात्मिक छवि के पीछे इतना बड़ा फर्जीवाड़ा और अपराध छुपा होगा, इसका किसी को अंदाजा नहीं था। पुलिस की जांच जारी है और आने वाले समय में बाबा के और भी गुनाहों का पर्दाफाश हो सकता है।
स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती का मामला केवल यौन शोषण तक सीमित नहीं है बल्कि यह धार्मिक आस्था के नाम पर चल रहे एक बड़े फर्जीवाड़े और आर्थिक घोटाले का आईना भी है। यह केस बताता है कि कैसे नकली पहचान और फर्जी दस्तावेजों के सहारे समाज में प्रभाव जमाने वाले लोग असल में बड़े अपराधी निकल सकते हैं। दिल्ली पुलिस की जांच अब बाबा के सहयोगियों और नेटवर्क तक पहुंच रही है, जिससे आने वाले दिनों में और भी चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।


0 टिप्पणियाँ
आपका विचार हमारे लिए महत्वपूर्ण है, कृपया अपनी राय नीचे लिखें।