मुरादाबाद SSP सतपाल अंतिल ने गोतस्करों को बचाने और मांस से भरी गाड़ी छिपाने वाले 10 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर विभाग को चेतावनी दी।
मुरादाबाद में पुलिस विभाग में हड़कंप
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है, जब एसएसपी सतपाल अंतिल ने एक ही आदेश में 10 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। यह कार्रवाई पुलिस अनुशासन, जिम्मेदारी और जीरो टॉलरेंस नीति की मिसाल मानी जा रही है। मामला सिर्फ लापरवाही का नहीं बल्कि गंभीर आरोपों का है—गोतस्करों को बचाने और मांस से भरी गाड़ी को छिपाने जैसे अपराध में शामिल होने पर इतनी बड़ी कार्रवाई सामने आई।
गोतस्करों के बचाव में पुलिस की भूमिका
जानकारी के मुताबिक, पाकबड़ा थाने में तैनात पुलिसकर्मियों ने ड्यूटी के दौरान गोतस्करों का साथ दिया और जब्त मांस से भरी गाड़ी को भी छिपाने की कोशिश की। यह पहली बार नहीं है, 10 दिन के भीतर पाकबड़ा थाना क्षेत्र में यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है जिसमें पुलिसकर्मी खुद संदेह के घेरे में आ गए।
निलंबित पुलिसकर्मियों की सूची
सस्पेंड किए गए पुलिसकर्मियों में थाना प्रभारी मनोज कुमार, उप निरीक्षक अनिल कुमार (चौकी प्रभारी ग्रोथ सेंटर), उप निरीक्षक महावीर सिंह, उप निरीक्षक तस्लीम (यूपी-112), मुख्य आरक्षी बंसत कुमार, मुख्य आरक्षी धीरेन्द्र कसाना, आरक्षी मोहित, आरक्षी मनीष, आरक्षी राहुल (यूपी-112) और आरक्षी चालक सोनू सैनी (यूपी-112) शामिल हैं। सभी पर अनुशासनहीनता और जिम्मेदारी निभाने में कोताही का आरोप है।
SSP सतपाल अंतिल का सख्त संदेश
एसएसपी सतपाल अंतिल ने साफ कहा कि पुलिस विभाग में जिम्मेदारी और अनुशासन सबसे ऊपर है। जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करना और कानून व्यवस्था बनाए रखना हर पुलिसकर्मी का पहला कर्तव्य है। उन्होंने दो टूक कहा कि ड्यूटी में लापरवाही या अनुशासनहीनता को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कार्रवाई का असर और चेतावनी
यह कार्रवाई सिर्फ निलंबन तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे पुलिस महकमे के लिए एक चेतावनी है। SSP की इस पहल से साफ संदेश गया है कि किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को अगर अपराधियों से मिलीभगत करते पकड़ा गया तो कठोर कार्रवाई तय है। सूत्रों का कहना है कि और भी पुलिसकर्मियों की शिकायतें अधिकारियों तक पहुंच चुकी हैं, जिन पर जांच के बाद कार्रवाई हो सकती है।
पुलिस पर जनता का भरोसा
मुरादाबाद में हुई इस सख्त कार्रवाई से जनता में पुलिस की छवि को सुधारने की कोशिश साफ दिख रही है। SSP का मानना है कि पुलिस तभी मजबूत होगी जब जनता का विश्वास उसमें अटूट रहेगा। ऐसे में भ्रष्टाचार, अपराधियों से मिलीभगत और जिम्मेदारी से भागने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कदम उठाना जरूरी है।
जीरो टॉलरेंस नीति की मिसाल
प्रदेश सरकार पहले ही कानून व्यवस्था सुधारने और पुलिस तंत्र को जवाबदेह बनाने की दिशा में सख्ती बरतने की बात कह चुकी है। SSP मुरादाबाद की इस कार्रवाई को उसी नीति का हिस्सा माना जा रहा है। जीरो टॉलरेंस का यह उदाहरण न सिर्फ मुरादाबाद बल्कि पूरे यूपी पुलिस महकमे के लिए एक सबक है।
पाकबड़ा थाना फिर विवादों में
पाकबड़ा थाना क्षेत्र का नाम बीते दिनों भी चर्चाओं में आया था जब यहां के कुछ पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई थी। अब फिर से वही थाना चर्चा में है। लगातार हो रही लापरवाही और गंभीर आरोपों ने इस थाने की छवि पर बड़ा दाग लगा दिया है।
आगे की जांच और संभावित कार्रवाई
सूत्र बताते हैं कि निलंबित पुलिसकर्मियों की भूमिका की गहन जांच की जा रही है। अगर जांच में आरोप पुख्ता साबित होते हैं तो सिर्फ निलंबन ही नहीं बल्कि विभागीय और कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। यह कदम पुलिस विभाग को अंदर से साफ करने और जनता में विश्वास बहाल करने का हिस्सा माना जा रहा है।
जनता और सरकार की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कार्रवाई जरूरी थी क्योंकि पुलिस अगर अपराधियों की मदद करेगी तो आम जनता किस पर भरोसा करेगी। वहीं, प्रशासनिक हलकों में इसे पुलिस विभाग को अनुशासन और जिम्मेदारी की ओर वापस लाने वाला कदम माना जा रहा है।


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