प्रयागराज में तांत्रिक के कहने पर दादा ने पोते की बलि दी, शव के नौ टुकड़े किए. पुलिस ने अब तांत्रिक को गिरफ्तार कर उगले राज.
प्रयागराज में बलि कांड से सनसनी
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुए 11वीं कक्षा के छात्र की निर्मम हत्या ने पूरे प्रदेश को दहला दिया है. इस केस में पुलिस ने पहले ही आरोपी दादा को गिरफ्तार किया था, लेकिन अब मामले का असली सूत्रधार तांत्रिक मुन्नालाल पुलिस के शिकंजे में आ गया है. जांच में सामने आया है कि दादा ने अपने पोते की बलि तांत्रिक के कहने पर ही दी थी. शव को नौ टुकड़ों में काटकर अलग-अलग दिशाओं में फेंकना भी उसी की सलाह थी. इस सनसनीखेज खुलासे के बाद गांव और आसपास के इलाके में डर और गुस्से का माहौल है.
हत्या का खुलासा और आरोपी की गिरफ्तारी
यह घटना 26 अगस्त को सामने आई थी जब छात्र पीयूष सिंह उर्फ यश की गुमशुदगी की खबर आई. यश रिश्ते में आरोपी सरन सिंह का पोता था. उसी दिन उसे स्कूल जाते समय घर बुलाया गया और वहीं पर उसकी नृशंस हत्या कर दी गई. हत्या के बाद शव के टुकड़े किए गए जिन्हें आसपास की दिशाओं में फेंका गया. पुलिस ने जांच के बाद आरोपी दादा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
तांत्रिक की गिरफ्तारी से जुड़े राज
गिरफ्तार दादा सरन सिंह से पूछताछ के बाद पुलिस को तांत्रिक की भूमिका का पता चला. आरोपी ने कुबूल किया कि उसने यह हत्या किसी निजी दुश्मनी या संपत्ति विवाद में नहीं बल्कि तंत्र-मंत्र के प्रभाव में आकर की. तांत्रिक मुन्नालाल, जो कौशांबी जिले के धुस्कहा गांव का रहने वाला है, लंबे समय से तंत्र-मंत्र का काम करता था और दिहाड़ी मजदूरी भी करता था. पुलिस ने रविवार शाम उसे प्रयागराज के करेली थाना क्षेत्र के लेबर चौराहे से गिरफ्तार किया.
कब और कैसे मिला तांत्रिक से दादा
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी दादा सरन सिंह अपने बेटे और बेटी की आत्महत्या से बेहद परेशान था. इसी दौरान उसकी मुलाकात मुन्नालाल से हुई थी. बातचीत के दौरान तांत्रिक ने उसे समझाया कि उसके घर पर बुरी आत्माओं का साया है और उनसे छुटकारा पाने के लिए किसी की बलि देनी होगी. धीरे-धीरे उसका विश्वास जीतकर उसने उसे इस खौफनाक अपराध की ओर धकेल दिया.
बलि की तैयारी और तांत्रिक की खौफनाक सलाह
तांत्रिक ने सरन सिंह को साफ कहा कि अगर वह अपने जीवन की परेशानियों से छुटकारा पाना चाहता है तो उसे अपने ही पोते की बलि देनी होगी. यही नहीं उसने यह भी बताया कि शव के नौ टुकड़े करके उन्हें दक्षिण-पश्चिम और उत्तर दिशा में फेंकना जरूरी है ताकि आत्माएं शांत हो जाएं. इसी गुमराह करने वाली बातों के चलते सरन सिंह ने मासूम पोते की जान ले ली.
पूछताछ में तांत्रिक का कबूलनामा
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने जब मुन्नालाल से सख्ती से पूछताछ की तो उसने कबूल किया कि उसने ही सरन सिंह को बलि की सलाह दी थी. उसने यह भी माना कि उसने पहली बार किसी को बलि दिलाई है. हालांकि पुलिस को शक है कि उसके पास और भी काले राज हो सकते हैं. फिलहाल पुलिस उससे लगातार पूछताछ कर रही है और उसकी पुराने रिकॉर्ड और संपर्कों की जांच की जा रही है.
इलाके में फैला खौफ और लोगों की प्रतिक्रिया
इस खौफनाक वारदात के बाद पूरे प्रयागराज और कौशांबी इलाके में सनसनी फैल गई है. ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें कभी अंदाजा भी नहीं था कि दिहाड़ी मजदूरी करने वाला मुन्नालाल इस तरह के काले कारनामों में लिप्त है. कई लोगों का कहना है कि तंत्र-मंत्र और झाड़-फूंक के नाम पर इस तरह की घटनाएं समाज के लिए घातक हैं.
पुलिस की आगे की कार्रवाई
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अभी तांत्रिक से गहन पूछताछ की जा रही है. यह भी पता लगाया जा रहा है कि उसने और किन-किन लोगों को गुमराह किया है. पुलिस इस मामले में आरोपपत्र तैयार करने के साथ-साथ यह भी जांच कर रही है कि क्या मुन्नालाल के तार किसी बड़े तांत्रिक गिरोह से जुड़े हैं.
तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास पर बहस
इस वारदात ने एक बार फिर से तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. शिक्षा के बावजूद समाज में ऐसे लोग मौजूद हैं जो अंधविश्वास के जाल में फंस जाते हैं और अपराध तक कर बैठते हैं. प्रयागराज की यह घटना इस बात का ज्वलंत उदाहरण है कि किस तरह एक तांत्रिक के बहकावे में आकर एक दादा ने अपने ही पोते की जान ले ली.


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