लखनऊ में पुलिस ने फर्जी IAS सौरभ त्रिपाठी को गिरफ्तार किया। डिफेंडर, मर्सिडीज, फॉर्च्यूनर जैसी लग्जरी कारों से चलता था आरोपी।
लखनऊ में फर्जी IAS अधिकारी का भंडाफोड़
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पुलिस ने चेकिंग अभियान के दौरान एक ऐसे फर्जी IAS अधिकारी को गिरफ्तार किया है, जो लंबे समय से राजधानी में रौब झाड़ते हुए घूम रहा था। इस आरोपी की पहचान सौरभ त्रिपाठी के रूप में हुई है, जो मूल रूप से नोएडा का रहने वाला है और फिलहाल लखनऊ में रह रहा था। यह युवक खुद को भारतीय प्रशासनिक सेवा का वरिष्ठ अधिकारी बताकर आम लोगों को प्रभावित करता था और अधिकारियों तक पर दबाव बनाने की कोशिश करता था।
लग्जरी गाड़ियों में घूमता था फर्जी IAS
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि सौरभ त्रिपाठी डिफेंडर, मर्सिडीज, फॉर्च्यूनर और इनोवा क्रिस्टा जैसी लग्जरी गाड़ियों के काफिले के साथ शहर में घूमता था। इन गाड़ियों पर फर्जी पास और लाल-नीली बत्ती लगाई जाती थी, जिससे उसे सरकारी अधिकारी जैसा दर्जा मिलता और कोई आसानी से उस पर शक नहीं करता। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से छह लग्जरी गाड़ियां जब्त की हैं, जिनमें डिफेंडर और फॉर्च्यूनर भी शामिल हैं।
चेकिंग के दौरान हुआ खुलासा
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर वजीरगंज थाना प्रभारी की अगुवाई में कारगिल पार्क के पास पुलिस चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान आरोपी की गाड़ी (UP 16 DP 2828) रोकी गई। गाड़ी की पिछली सीट पर बैठा सौरभ त्रिपाठी ने शीशा नीचे करते हुए खुद को IAS बताया और अपना पहचान पत्र व विजिटिंग कार्ड दिखाया। साथ ही उसने पुलिस पर दबाव बनाने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के नाम गिनाने शुरू कर दिए।
लाल-नीली बत्ती और संदिग्ध जवाब से फंसा आरोपी
जब पुलिस ने गाड़ी के अंदर देखा तो उसमें लाल-नीली बत्ती रखी मिली। पूछताछ पर आरोपी ने गोलमोल जवाब दिए, जिससे पुलिस को शक गहराता गया। इसके बाद जब उससे गहन पूछताछ की गई तो उसका झूठ सामने आ गया और यह साफ हो गया कि वह खुद को फर्जी IAS बनाकर लोगों को धोखा दे रहा है।
धमकी देकर रौब झाड़ने की कोशिश
पूछताछ के दौरान सौरभ त्रिपाठी ने पुलिस टीम को धमकाने की कोशिश भी की। उसने कहा कि वह वरिष्ठ अधिकारियों से सीधा संपर्क रखता है और इस चेकिंग की उसे भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। हालांकि पुलिस ने सख्ती दिखाई और उसके bluff को वहीं पर काट दिया।
आरोपी के पास से बरामद सामान
पुलिस ने आरोपी के पास से एक डेल कंपनी का लैपटॉप, दो मोबाइल फोन, एक लेदर पर्स, आठ विभिन्न बैंकों के कार्ड, एक आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, एक डायरी और एक काले रंग का कार्ड होल्डर बरामद किया है। इन दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक सामान की जांच की जा रही है ताकि यह पता चल सके कि वह किस प्रकार के फर्जीवाड़े और ठगी की घटनाओं को अंजाम देता था।
कई राज्यों में कर चुका है ठगी
जांच में यह भी सामने आया है कि फर्जी IAS सौरभ त्रिपाठी सिर्फ लखनऊ ही नहीं बल्कि कई राज्यों के अलग-अलग जिलों में भी लोगों को ठग चुका है। उसका तरीका हमेशा एक जैसा था – पहले IAS अधिकारी बनकर रौब जमाना, फिर लोगों से नजदीकियां बढ़ाना और इसके बाद उन्हें अपने जाल में फंसा लेना।
पुलिस ने शुरू की गहन जांच
लखनऊ पुलिस अब यह जांच कर रही है कि आरोपी के तार किन-किन राज्यों और जिलों में जुड़े हुए हैं। साथ ही जब्त की गई लग्जरी गाड़ियों पर लगे फर्जी पास की भी जांच की जा रही है। पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी है कि इन गाड़ियों का इस्तेमाल किन वारदातों में किया गया और इनके मालिक कौन हैं।
हाई-प्रोफाइल जीवन जी रहा था फर्जी IAS
सौरभ त्रिपाठी लग्जरी गाड़ियों, ब्रांडेड सामान और उच्च स्तर के नेटवर्क का इस्तेमाल करके लोगों को यह विश्वास दिलाता था कि वह वाकई एक प्रभावशाली IAS अधिकारी है। उसका रहन-सहन और लाइफस्टाइल पूरी तरह से हाई-प्रोफाइल था। यही वजह थी कि आम लोग ही नहीं, बल्कि कुछ प्रभावशाली लोग भी उसके झांसे में आ जाते थे।
गिरफ्तारी के बाद बढ़ा सख्ती का दौर
इस मामले के सामने आने के बाद लखनऊ पुलिस ने ऐसे सभी लोगों पर नजर रखना शुरू कर दिया है, जो फर्जी पहचान बनाकर सरकारी अधिकारियों का रौब दिखाते हैं। पुलिस का मानना है कि इस तरह के मामलों में अपराधी आम जनता से लेकर प्रशासन तक को धोखा देते हैं और कभी-कभी गंभीर आपराधिक गतिविधियों को भी अंजाम दे सकते हैं।
ठग नेटवर्क के भंडाफोड़ की संभावना
पुलिस सूत्रों का कहना है कि आरोपी अकेले काम नहीं करता बल्कि उसके पीछे एक पूरा नेटवर्क हो सकता है। लग्जरी गाड़ियों का इस्तेमाल, फर्जी पास की उपलब्धता और बैंक कार्ड्स के जरिए ठगी की कोशिशें इस बात का संकेत देती हैं कि यह सिर्फ एक व्यक्ति का खेल नहीं बल्कि संगठित अपराध का हिस्सा भी हो सकता है।
पुलिस की बड़ी कामयाबी
लखनऊ पुलिस ने समय रहते इस फर्जी IAS को पकड़कर एक बड़ा अपराध रोकने में सफलता हासिल की है। इस गिरफ्तारी से न सिर्फ आरोपी का भंडाफोड़ हुआ है, बल्कि उन लोगों को भी सबक मिलेगा जो फर्जी पहचान बनाकर समाज और प्रशासन को गुमराह करते हैं।
यह पूरी घटना प्रशासनिक व्यवस्था और आम जनता के लिए चेतावनी है कि दिखावे और रौब-दाब से प्रभावित होकर किसी भी व्यक्ति पर आंख मूंदकर भरोसा न किया जाए। फर्जी IAS सौरभ त्रिपाठी की गिरफ्तारी से यह साफ हो गया है कि अपराधी किस हद तक जाकर लोगों को धोखा देने की कोशिश कर सकते हैं।


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