कानपुर में 12 साल के लड़के ने 6 साल की बच्ची से किया दुष्कर्म, 8 साल का दोस्त बाहर पहरे पर खड़ा रहा। मोबाइल पर देखे अश्लील वीडियो बने वजह।
कानपुर का सनसनीखेज मामला
उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में जाजमऊ क्षेत्र से एक ऐसी घटना सामने आई जिसने लोगों की रूह तक कंपा दी। महज 12 साल का एक किशोर अपने ही मोहल्ले की 6 साल की मासूम बच्ची का रेप करने का आरोपी बन गया। इस वारदात में उसका 8 साल का दोस्त भी शामिल था, जो बाहर पहरे पर खड़ा रहा। पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया है और उन्हें जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए बाल संप्रेक्षण गृह भेजने की प्रक्रिया में जुटी है।
घटना कैसे हुई
यह वारदात बुधवार की रात छबीलेपुरवा मोहल्ले में हुई। बच्ची अपने घर के बाहर खेल रही थी तभी दो नाबालिग लड़कों ने उसे चॉकलेट का लालच देकर सुनसान मकान में बुलाया। अंदर जाते ही 12 वर्षीय आरोपी ने बच्ची के साथ जबरन रेप किया जबकि उसका 8 साल का साथी बाहर खड़ा होकर पहरेदारी करता रहा। लेकिन मासूम की चीखें सुनकर मोहल्ले के लोग वहां पहुंच गए।
भीड़ ने पकड़ा आरोपी
लोगों ने अंदर से आरोपी को दबोच लिया और बच्ची के परिवार को सूचित किया। आरोपी को तुरंत पुलिस के हवाले कर दिया गया। जबकि बाहर पहरा दे रहा 8 वर्षीय लड़का मौके से भाग निकला, लेकिन पुलिस ने बाद में उसे भी ढूंढकर पकड़ लिया।
मेडिकल जांच और बच्ची की हालत
बच्ची को तत्काल कांशीराम अस्पताल ले जाया गया जहां उसका मेडिकल परीक्षण किया गया। डॉक्टरों के अनुसार बच्ची की हालत स्थिर है, हालांकि वह मानसिक आघात में है। इस बीच पुलिस ने पीड़िता के परिवार की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया है।
पुलिस की कार्यवाही
एसीपी कैंट आकांक्षा पांडेय ने बताया कि दोनों नाबालिगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। चूंकि आरोपी नाबालिग हैं, इसलिए जुवेनाइल कोर्ट में पेश करके उन्हें बाल संप्रेक्षण गृह भेजा जाएगा। पुलिस का कहना है कि इस पूरे मामले में तेजी से कार्रवाई होगी।
अश्लील वीडियो बना अपराध की वजह
पूछताछ में खुलासा हुआ है कि दोनों लड़के अक्सर मोबाइल पर अश्लील वीडियो देखते थे। इसी की वजह से उनके दिमाग में अपराध करने का ख्याल आया और उन्होंने बच्ची को अपना शिकार बना लिया। इस खुलासे ने इंटरनेट और मोबाइल फोन की अनियंत्रित पहुंच को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
बच्ची के परिजन का दर्द
बच्ची के माता-पिता का कहना है कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि उनके पड़ोस के ही लड़के इस तरह की हैवानियत कर सकते हैं। परिवार सदमे में है और पूरे मोहल्ले में गुस्से का माहौल है। लोग बार-बार यही कह रहे हैं कि अब बच्चों की सुरक्षा को लेकर परिवार और समाज दोनों को जागरूक होना पड़ेगा।
इलाके में सनसनी
इस वारदात ने पूरे इलाके में खौफ और आक्रोश का माहौल बना दिया है। लोग दबी जुबान से कह रहे हैं कि इतनी छोटी उम्र में अपराध की राह पर जाना समाज के लिए खतरे की घंटी है। इस घटना ने हर माता-पिता को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर उनके बच्चे क्या देख रहे हैं और किस रास्ते पर बढ़ रहे हैं।
विशेषज्ञों की राय
मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि यह घटना बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और परवरिश पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। इतनी छोटी उम्र में अश्लील वीडियो देखना बच्चों के दिमाग को असामान्य रूप से प्रभावित करता है और वे गलत दिशा में बढ़ जाते हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि बच्चों पर अभिभावकों की निगरानी और इंटरनेट कंटेंट पर नियंत्रण बेहद जरूरी है।
कानून का नजरिया
भारतीय कानून में नाबालिगों के लिए अलग प्रावधान हैं। गंभीर अपराध करने पर भी उन्हें किशोर न्याय बोर्ड के सामने पेश किया जाता है और बाल संप्रेक्षण गृह भेजा जाता है। इस मामले में भी यही प्रक्रिया अपनाई जा रही है। पुलिस का कहना है कि बच्ची को न्याय दिलाने के लिए सभी कानूनी रास्ते अपनाए जाएंगे।
इंटरनेट और मोबाइल का खतरा
यह घटना इंटरनेट और मोबाइल फोन के गलत इस्तेमाल की भयावह तस्वीर दिखाती है। बच्चे बिना किसी रोक-टोक के स्मार्टफोन और इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। माता-पिता की थोड़ी सी लापरवाही बच्चों को गलत कंटेंट की दुनिया में धकेल सकती है, जो उनके जीवन को बर्बाद कर देती है।
समाज के लिए सबक
कानपुर की यह घटना एक चेतावनी है। यह सिर्फ एक बच्ची के साथ हुआ अपराध नहीं है बल्कि पूरे समाज के लिए आईना है कि बच्चों को सही मार्गदर्शन और संस्कार न दिए गए तो आने वाले समय में ऐसी घटनाएं और बढ़ेंगी। यह समय है कि हर परिवार अपने बच्चों पर नजर रखे और उन्हें मोबाइल और इंटरनेट की लत से बचाए।


0 टिप्पणियाँ
आपका विचार हमारे लिए महत्वपूर्ण है, कृपया अपनी राय नीचे लिखें।