बागपत में युवक ने 500 की शर्त में यमुना नदी में छलांग लगाई। तेज बहाव में बहकर लापता हुआ, वीडियो वायरल, पुलिस और SDRF तलाश में जुटी।
बागपत में दर्दनाक हादसा: शर्त के चक्कर में यमुना में कूद गया युवक
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां एक युवक ने महज 500 रुपए की शर्त जीतने के लिए अपनी जान दांव पर लगा दी। निवाड़ा गांव का रहने वाला 20 वर्षीय जुनैद अपने दोस्तों के साथ यमुना नदी किनारे गया था। वहां आपस में मजाक-मजाक में लगी शर्त इतनी खतरनाक साबित होगी, इसका अंदाजा किसी को नहीं था। दोस्तों ने उसे चुनौती दी कि अगर वह उफनती यमुना में छलांग लगाएगा तो उसे 500 रुपए इनाम मिलेंगे। इस शर्त को जीतने की चाह में जुनैद ने बिना सोचे-समझे नदी में छलांग लगा दी, लेकिन जैसे ही वह पानी में उतरा, तेज बहाव उसे अपने साथ बहा ले गया। कुछ ही पलों में वह आंखों से ओझल हो गया और फिर वापस नहीं लौट पाया।
मोबाइल पर कैद हुआ हादसा, वायरल हुआ वीडियो
इस पूरे हादसे को जुनैद के दोस्तों ने अपने मोबाइल कैमरे में रिकॉर्ड कर लिया। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि वह नदी में कूदते ही तेज लहरों में फंस जाता है और बाहर निकलने की कोशिश करता है। कुछ ही सेकंड में उसका संघर्ष खत्म हो जाता है और वह पानी की धारा में बहकर गायब हो जाता है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसे देखकर लोग दंग रह गए हैं। लोग बार-बार यही सवाल कर रहे हैं कि महज 500 रुपए के लिए कोई अपनी जान कैसे खतरे में डाल सकता है।
पुलिस और SDRF की टीम कर रही तलाश
घटना की जानकारी मिलते ही बागपत पुलिस मौके पर पहुंची और तुरंत गोताखोरों तथा SDRF की टीम को बुलाकर सर्च ऑपरेशन शुरू कराया। लेकिन लगातार हो रही बारिश और हथिनीकुंड बैराज से छोड़े जा रहे पानी के कारण यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। तेज धारा के चलते गोताखोरों को तलाश में भारी कठिनाई आ रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पूरी कोशिश की जा रही है, लेकिन अब तक युवक का कोई सुराग नहीं लग पाया है।
दोस्तों पर भी होगी सख्त कार्रवाई
पुलिस ने साफ किया है कि इस घटना को हल्के में नहीं लिया जाएगा। जिन दोस्तों ने शर्त लगाई और वीडियो बनाया, उन पर मुकदमा दर्ज करने की तैयारी की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की गैरजिम्मेदाराना हरकत जानलेवा साबित हो सकती है और इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
गांव में पसरा मातम और दहशत
निवाड़ा गांव में इस घटना के बाद मातम का माहौल है। जुनैद के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव के लोग भी सदमे में हैं कि सिर्फ कुछ पैसों के लिए किसी की जिंदगी इस तरह खत्म हो सकती है। आसपास के लोग यमुना किनारे जुटे हुए हैं और युवक की तलाश में मदद कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह घटना एक बड़ी चेतावनी है कि पैसे और दिखावे के लिए इस तरह का जोखिम उठाना सीधे मौत को बुलावा देना है।
ग्रामीणों ने उठाई सुरक्षा की मांग
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि यमुना किनारे सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। गांववालों का कहना है कि आए दिन लोग नदी किनारे घूमने जाते हैं और कई बार लापरवाही से हादसे हो जाते हैं। अगर समय रहते सुरक्षात्मक इंतजाम किए जाएं और चौकसी बढ़ाई जाए तो इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता है।
वायरल वीडियो ने खड़ा किया बड़ा सवाल
यह मामला सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से वायरल हो गया है। लोग वीडियो देखकर हैरान हैं और तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोग इसे दोस्तों की गैरजिम्मेदारी बता रहे हैं तो कुछ इसे आजकल युवाओं में बढ़ती दिखावे की प्रवृत्ति से जोड़ रहे हैं। सवाल यह उठता है कि आखिर क्यों आज के युवा छोटी-छोटी शर्तों और दिखावे की वजह से अपनी जान को खतरे में डाल रहे हैं।
प्रशासन की सख्ती और सीख
पुलिस व प्रशासन की तरफ से साफ किया गया है कि इस घटना को नजीर के तौर पर लिया जाएगा और जिम्मेदार लोगों को सजा दी जाएगी। साथ ही, स्थानीय प्रशासन ने लोगों को अपील की है कि वे नदी किनारे इस तरह की खतरनाक गतिविधियों से बचें। जीवन से बढ़कर कोई शर्त या इनाम नहीं हो सकता। यह घटना युवाओं के लिए एक गहरी सीख है कि थोड़े से पैसे या मजाक के लिए अपनी जान दांव पर लगाना समझदारी नहीं, बल्कि मूर्खता है।
हादसे ने छोड़ा गहरा असर
यह हादसा न केवल बागपत जिले बल्कि पूरे प्रदेश के लोगों के लिए एक चेतावनी है। यह दिखाता है कि शर्त और मजाक कभी-कभी जानलेवा भी साबित हो सकते हैं। जुनैद के परिवार की हालत देखकर हर कोई सहमा हुआ है। गांव के लोग कह रहे हैं कि यह घटना हमेशा याद दिलाएगी कि लापरवाही कितनी भारी पड़ सकती है।
यह पूरी घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि सोशल मीडिया और दिखावे की होड़ ने युवाओं को किस तरह जोखिम उठाने पर मजबूर कर दिया है। प्रशासन और समाज दोनों की जिम्मेदारी है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता फैलाई जाए और कड़े कदम उठाए जाएं।


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