आगरा ब्लाइंड मर्डर केस में पुलिस ने 20 महीने बाद बड़ा खुलासा किया। मामा ने भांजे का गला घोंटा और शव नीले ड्रम में पेट्रोल डालकर जलाया।
आगरा ब्लाइंड मर्डर केस का सनसनीखेज खुलासा
उत्तर प्रदेश के आगरा में हुए एक ब्लाइंड मर्डर केस ने पुलिस और परिजनों को करीब 20 महीने तक परेशान रखा। आखिरकार पुलिस ने इस रहस्य से पर्दा उठाते हुए मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। यह मामला फरवरी 2024 का है, जब मलपुरा क्षेत्र से 19 वर्षीय युवक राकेश लापता हुआ था और बाद में उसका अधजला शव बरामद हुआ।
19 वर्षीय राकेश का रहस्यमयी लापता होना
18 फरवरी 2024 को राकेश अचानक घर से गायब हो गया था। परिजनों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने उसकी तलाश शुरू की लेकिन दो दिन बाद 20 फरवरी को मलपुरा क्षेत्र में एक अधजला शव मिला। शव की हालत इतनी खराब थी कि पहचान मुश्किल हो गई। शव के पास से युवक की बाइक बरामद हुई, जिससे पुलिस को शक हुआ कि यह राकेश ही हो सकता है।
डीएनए टेस्ट से हुई पहचान
चेहरा जल जाने की वजह से शव की पहचान मुश्किल थी। पुलिस ने लापता युवक की मां और बरामद शव का डीएनए टेस्ट कराया। जांच में यह पुष्टि हुई कि शव उसी राकेश का है जो 18 फरवरी से लापता था। इसके बाद पुलिस ने मामले की गहराई से जांच शुरू की।
नीले ड्रम से जुड़ा खौफनाक सच
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि राकेश की हत्या उसके ही रिश्तेदारों ने की थी। हत्या के बाद शव को नीले ड्रम में रखा गया और फिर पेट्रोल डालकर जला दिया गया। इस सनसनीखेज खुलासे ने पूरे इलाके को हिला दिया।
हत्या के पीछे ब्लैकमेलिंग का एंगल
पुलिस की पूछताछ में आरोपी मामा देवीराम ने बताया कि राकेश ने उसकी नाबालिग बेटी के नहाते हुए वीडियो बना लिए थे और उसे ब्लैकमेल कर रहा था। इस कारण उसने अपने भतीजे नित्यानंद के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची।
कैसे रची गई हत्या की साजिश
देवीराम ने राकेश को शादी की बात कहकर अपनी दुकान पर बुलाया। वहां मफलर और तार से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी गई। इसके बाद शव को नीले ड्रम में डालकर लोडर गाड़ी से सैंया क्षेत्र में नदी किनारे ले जाया गया। वहां ड्रम में पेट्रोल डालकर शव को जला दिया गया।
सबूत मिटाने की कोशिश
हत्या के बाद आरोपी ने राकेश के दोनों मोबाइल फोन, हत्या में इस्तेमाल मफलर और तार को नदी में फेंक दिया। इसके बाद वह अपनी दुकान बंद कर दिल्ली भाग गया और वहां नौकरी करने लगा। इस दौरान पुलिस लगातार आरोपी की तलाश में जुटी रही।
पुलिस को गुमराह करने की कोशिश
15 सितंबर 2025 को जब पुलिस ने तकनीकी साक्ष्य और मोबाइल सर्विलांस के जरिए आरोपी को गिरफ्तार किया तो वह लगातार पुलिस को गुमराह करता रहा। लेकिन उसके मोबाइल से मिले ऑडियो क्लिप ने पूरे मामले की गुत्थी सुलझा दी।
पुलिस की मेहनत और 20 महीने की जांच
करीब 20 महीने तक चले इस केस में पुलिस को कई बार निराशा हाथ लगी, लेकिन सर्विलांस और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने आरोपी तक पहुंच बनाई। मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है जबकि उसका भतीजा और सह-अभियुक्त अब भी फरार है। उसकी तलाश जारी है।
इलाके में सनसनी
इस सनसनीखेज हत्याकांड के खुलासे ने इलाके में हड़कंप मचा दिया है। लोग अब तक हैरान हैं कि एक मामा अपने ही भांजे की इतनी बेरहमी से हत्या कर सकता है। पुलिस अब फरार आरोपी की तलाश में दबिश दे रही है।
आगरा का यह ब्लाइंड मर्डर केस इस बात की मिसाल है कि अपराधी कितना भी चालाक क्यों न हो, कानून के शिकंजे से बच नहीं सकता। 20 महीने बाद पुलिस ने इस गुत्थी को सुलझाकर साबित कर दिया कि न्याय में देर हो सकती है लेकिन अंधकार ज्यादा दिन तक टिक नहीं सकता।


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