यूपी में फिर चली तबादला एक्सप्रेस: 8 IPS अफसरों का बड़ा फेरबदल, कानपुर-श्रावस्ती के SP हटाए गए… देखें पूरी लिस्ट


उत्तर प्रदेश सरकार ने 8 IPS अफसरों का तबादला किया, कानपुर-श्रावस्ती-SP बदले गए, नई नियुक्तियों की पूरी लिस्ट यहां देखें।


यूपी में चला तबादला एक्सप्रेस

उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से बड़े स्तर पर पुलिस विभाग में फेरबदल देखने को मिला है। सरकार ने आठ आईपीएस अधिकारियों का तबादला करते हुए कई जिलों के पुलिस कप्तानों की जिम्मेदारियों को बदल दिया है। यह आदेश प्रदेश में कानून-व्यवस्था को और मजबूत करने तथा प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाने के उद्देश्य से जारी किया गया है। तबादला एक्सप्रेस के इस सफर में कानपुर देहात, श्रावस्ती और शामली जैसे जिलों के एसपी को बदल दिया गया है।

कानपुर देहात में नई तैनाती

कानपुर देहात के पुलिस अधीक्षक अरविंद मिश्रा को उनके पद से हटाकर लखनऊ में आर्थिक अपराध शाखा (EOW) का एसपी बना दिया गया है। उनकी जगह श्रद्धा नरेंद्र पांडे को कानपुर देहात का नया पुलिस कप्तान नियुक्त किया गया है। श्रद्धा पांडे से उम्मीद की जा रही है कि वे जिले में कानून व्यवस्था को और मजबूत बनाएंगी तथा अपराध नियंत्रण में नई रणनीतियों का उपयोग करेंगी।

श्रावस्ती के कप्तान बदले

श्रावस्ती जिले के एसपी घनश्याम को उनके पद से हटा दिया गया है और उन्हें विजिलेंस विभाग में एसपी की नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। श्रावस्ती में अब राहुल भाटी नए पुलिस अधीक्षक होंगे। प्रशासनिक स्तर पर इस बदलाव से श्रावस्ती की कानून व्यवस्था को नया दिशा देने की योजना है।

शामली के एसपी का तबादला

शामली के पुलिस अधीक्षक आरएस गौतम को पीटीएस मुरादाबाद का एसपी बनाया गया है। उनकी जगह नरेंद्र प्रताप सिंह को शामली जिले का नया एसपी नियुक्त किया गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि जिले की सुरक्षा व्यवस्था और अपराध नियंत्रण में यह बदलाव कारगर साबित होगा।

अन्य महत्वपूर्ण बदलाव

इस फेरबदल में लाखन सिंह यादव को सेनानायक 38वीं वाहिनी पीएसी अलीगढ़ की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा प्रवीन रंजन सिंह को नोएडा पुलिस कमिश्नरेट में डीसीपी नियुक्त किया गया है। इन बदलावों से प्रशासनिक संतुलन बनाए रखने और प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बेहतर पुलिसिंग का प्रयास किया जा रहा है।

प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने का प्रयास

उत्तर प्रदेश सरकार समय-समय पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले करती रही है ताकि व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त रखा जा सके। इस बार भी जो आदेश जारी किया गया है, उसका मकसद प्रदेश की कानून-व्यवस्था को और सुदृढ़ करना तथा अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां देकर प्रशासनिक दक्षता बढ़ाना है।

अधिकारियों से बड़ी उम्मीदें

नई नियुक्तियों के साथ अधिकारियों से यह अपेक्षा है कि वे अपने-अपने जिलों में अपराध पर नियंत्रण रखें और आम जनता के लिए सुरक्षा का माहौल सुनिश्चित करें। सरकार की नीति यही है कि हर अधिकारी को समय-समय पर नई जिम्मेदारी दी जाए ताकि वे प्रशासनिक कार्यों में और अधिक दक्षता ला सकें।

प्रदेश की कानून व्यवस्था पर असर

इन तबादलों का सीधा असर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर पड़ने की संभावना है। विशेष रूप से कानपुर देहात, श्रावस्ती और शामली जैसे जिलों में जहां हाल ही में अपराध के मामले सुर्खियों में रहे हैं, वहां नए कप्तानों से बेहतर पुलिसिंग और जनता को राहत की उम्मीद जताई जा रही है।

भविष्य की रणनीति

उत्तर प्रदेश पुलिस हमेशा से ही अपराध नियंत्रण और जनता की सुरक्षा के लिए नई रणनीतियां अपनाती रही है। इन तबादलों को उसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। अब देखना होगा कि नए पुलिस कप्तान अपने-अपने जिलों में किस तरह से अपराध पर लगाम लगाते हैं और प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप जनता को राहत पहुंचाते हैं।


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