शिमला में खौफनाक हादसा: चट्टान से टकराई JCB, 300 मीटर नीचे खाई में समाई, ड्राइवर की हालत नाजुक―वीडियो वायरल



हिमाचल के शिमला हाईवे पर मलबा हटा रही JCB पर गिरी चट्टान, 300 मीटर नीचे खाई में गिरी, ड्राइवर गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती।


शिमला हाईवे पर दिल दहला देने वाला हादसा

हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में कुमारसैन थाना क्षेत्र के भराड़ा में शनांद स्थित नोग कैंची के पास एक दर्दनाक हादसा हो गया। शनिवार दोपहर करीब 3 बजे एक जेसीबी मशीन सड़क से मलबा हटा रही थी, तभी पहाड़ी से गिरी विशाल चट्टान ने मशीन को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि जेसीबी अनियंत्रित होकर करीब 300 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। इस हादसे में मशीन का चालक गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे काफी मशक्कत के बाद खाई से बाहर निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

मलबा हटाने के दौरान हुआ हादसा

जानकारी के मुताबिक, यह घटना उस वक्त हुई जब राष्ट्रीय उच्च मार्ग संख्या 5 को पहाड़ी से गिरे मलबे की वजह से बंद किया गया था। सड़क से मलबा हटाकर यातायात सामान्य करने के लिए विभाग द्वारा जेसीबी मशीन तैनात की गई थी। दोपहर करीब 1 बजे से ही मार्ग अवरुद्ध था और दो घंटे बाद काम चल ही रहा था कि अचानक पहाड़ी से फिर से एक विशाल चट्टान लुढ़की और सीधे जेसीबी से टकरा गई। टक्कर के बाद पूरी मशीन संतुलन खो बैठी और खाई में जा गिरी।

300 मीटर गहरी खाई में जा गिरी जेसीबी

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि चट्टान गिरते ही जोरदार धमाका हुआ और कुछ ही पलों में जेसीबी आंखों से ओझल हो गई। हादसे की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जेसीबी खाई में 300 मीटर नीचे जा गिरी। यह सब कुछ सैकड़ों लोगों की आंखों के सामने हुआ। लोग मदद के लिए दौड़े लेकिन गहरी खाई में पहुंचना बेहद मुश्किल था। स्थानीय प्रशासन को सूचना दी गई और रेस्क्यू टीम ने तुरंत मोर्चा संभाला।

ड्राइवर की हालत चिंताजनक

खाई में गिरी जेसीबी से चालक को निकालने में प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी। घायल ड्राइवर को तत्काल कुमारसैन के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। डॉक्टरों के मुताबिक उसे सिर और रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोटें आई हैं। घायल चालक की पहचान अब तक उजागर नहीं हो सकी है, लेकिन उसकी स्थिति को देखते हुए उसे आईसीयू में रखा गया है।

ट्रैफिक जाम से जूझा शिमला-रामपुर हाइवे

हादसे के बाद शिमला-रामपुर हाइवे पूरी तरह से ठप हो गया। दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। यात्री घंटों तक फंसे रहे और मलबा हटाने का काम फिर से शुरू किया गया। प्रशासन की ओर से बैकअप मशीन मंगाई गई है ताकि जल्द से जल्द मार्ग को बहाल किया जा सके। हाईवे पर इस तरह की दुर्घटनाएं मानसून सीजन में आम हो जाती हैं, लेकिन इस बार हादसा मशीन पर हुआ, जिसने काम कर रहे कर्मचारी की जान पर बन आई।

लोगों में दहशत का माहौल

घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि उन्होंने इससे पहले इतना भयावह दृश्य कभी नहीं देखा था। मशीन की गति, टक्कर की तीव्रता और खाई में गिरने का नज़ारा रोंगटे खड़े कर देने वाला था। जेसीबी के गिरते ही लोगों की चीखें निकल पड़ीं और सभी सकते में आ गए। घटनास्थल पर काफी देर तक अफरा-तफरी बनी रही।



प्रशासन ने शुरू किया जांच कार्य

कुमारसैन थाना पुलिस और राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण की टीम मौके पर पहुंच चुकी है। हादसे की वजह जानने के लिए जांच शुरू कर दी गई है। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि बारिश के चलते पहाड़ियों से लगातार चट्टानें गिर रही हैं और यही इस दुर्घटना की सबसे बड़ी वजह बनी। फिलहाल प्रशासन लोगों से अपील कर रहा है कि वे पहाड़ी इलाकों में यात्रा करते वक्त अत्यधिक सतर्कता बरतें और मौसम विभाग की चेतावनी को गंभीरता से लें।

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