मुख्तार अंसारी का बेटा उमर अंसारी गाजीपुर से कासगंज जेल शिफ्ट, अब भाई अब्बास के साथ रहेंगे. फर्जी दस्तावेज केस में जेल में बंद.
मुख्तार अंसारी का बेटा उमर गाजीपुर से कासगंज जेल शिफ्ट
उत्तर प्रदेश में माफिया मुख्तार अंसारी के परिवार से जुड़ी खबरें लगातार सुर्खियां बटोर रही हैं। इसी कड़ी में शनिवार सुबह बड़ा बदलाव किया गया जब उनके छोटे बेटे उमर अंसारी को गाजीपुर जेल से कासगंज जेल शिफ्ट कर दिया गया। प्रशासन ने इस कदम के पीछे सुरक्षा कारणों का हवाला दिया है। इस बदलाव के बाद अब उमर अपने बड़े भाई और विधायक अब्बास अंसारी के साथ कासगंज जेल में दिन काटेंगे।
क्यों बदली गई उमर अंसारी की जेल?
पुलिस और प्रशासन ने उमर अंसारी की जेल शिफ्टिंग को लेकर आधिकारिक तौर पर सुरक्षा कारणों का हवाला दिया है। उमर के खिलाफ फर्जी दस्तावेज तैयार करने का मामला दर्ज है। आरोप है कि उन्होंने अपनी मां अफशां अंसारी के नकली हस्ताक्षर करके जब्त की गई संपत्तियों को छुड़ाने के लिए कोर्ट में नकली दस्तावेज पेश किए। इसी केस में 4 अप्रैल 2025 को उनकी गिरफ्तारी हुई थी और तभी से वे गाजीपुर जेल में बंद थे।
फर्जी दस्तावेज केस की पूरी कहानी
उमर अंसारी पर आरोप है कि उन्होंने कोर्ट में अपने पिता मुख्तार अंसारी की जब्त की गई संपत्तियों को वापस पाने के लिए नकली दस्तावेज जमा किए। इसमें उनकी मां अफशां अंसारी के साइन फर्जी बताए गए। इस मामले में मोहम्मदाबाद थाने में केस दर्ज किया गया था। पुलिस जांच के बाद उमर की गिरफ्तारी हुई। दिलचस्प बात यह है कि अफशां अंसारी भी लंबे समय से फरार हैं और उन पर 50 हजार का इनाम घोषित है। उनके खिलाफ लगभग 13 केस दर्ज हैं, जिनमें संपत्ति विवाद और अवैध कब्जों से जुड़े मामले शामिल हैं।
अब्बास अंसारी पहले से कासगंज जेल में
कासगंज जेल में पहले से ही अब्बास अंसारी बंद हैं। साल 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में भड़काऊ भाषण देने के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया था। 31 मई 2025 को कोर्ट ने उन्हें 2 साल की सजा और 3 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। हालांकि, हाल ही में हाईकोर्ट से उन्हें कुछ राहत मिली है। उमर के जेल बदलने के बाद अब दोनों भाई एक ही जेल में रहेंगे।
मुख्तार अंसारी की मौत और परिवार की मुश्किलें
मुख्तार अंसारी, जिनका नाम पूर्वांचल की राजनीति और अपराध की दुनिया में लंबे समय तक गूंजता रहा, उनकी मौत लगभग तीन साल पहले बांदा जेल में हार्ट अटैक से हुई थी। परिवार ने उस समय उनकी मौत को साजिश बताया था और आरोप लगाया था कि इसमें जेल प्रशासन और अन्य लोग शामिल थे। हालांकि जेल अधिकारियों ने यह साफ किया था कि हार्ट अटैक से कुछ घंटे पहले ही उन्हें इलाज के लिए मंडलीय कारागार से मेडिकल कॉलेज लाया गया था, जहां उनकी मौत हो गई।
उमर अंसारी का भविष्य और राजनीतिक असर
उमर अंसारी का नाम सीधे तौर पर किसी राजनीतिक पद से नहीं जुड़ा है, लेकिन उनके खिलाफ चल रहे मामलों ने परिवार की राजनीतिक छवि पर बड़ा असर डाला है। मुख्तार अंसारी के निधन के बाद उनके परिवार पर लगातार कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है। अब्बास अंसारी की गिरफ्तारी और सजा के बाद उमर का जेल जाना भी उसी क्रम की कड़ी है।
प्रशासनिक रणनीति और सुरक्षा का तर्क
उत्तर प्रदेश में माफिया नेटवर्क को तोड़ने के लिए योगी सरकार लगातार कड़े कदम उठा रही है। मुख्तार अंसारी का नेटवर्क लंबे समय तक पूर्वांचल से लेकर लखनऊ तक फैला रहा, लेकिन अब उनकी मौत के बाद परिवार कानूनी मामलों और संपत्ति विवादों में उलझा हुआ है। उमर की जेल शिफ्टिंग को प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से जरूरी बताया है ताकि जेल के भीतर और बाहर किसी भी तरह की संभावित गड़बड़ी से बचा जा सके।
कासगंज जेल में उमर और अब्बास की मौजूदगी
अब कासगंज जेल में दोनों भाइयों का रहना कई मायनों में चर्चा का विषय बन गया है। सूत्रों का कहना है कि जेल प्रशासन ने दोनों को विशेष निगरानी में रखा है। साथ ही यह भी संभावना जताई जा रही है कि दोनों भाई एक-दूसरे से जेल में मुलाकात कर सकते हैं। हालांकि जेल नियमों के तहत उन्हें सामान्य कैदियों की तरह ही व्यवहार मिलेगा।
जनता और राजनीतिक हलचल
उमर अंसारी की जेल शिफ्टिंग की खबर फैलते ही गाजीपुर और कासगंज दोनों जगहों पर राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गईं। विरोधी दल इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर हो सकते हैं, जबकि अंसारी परिवार के समर्थकों का कहना है कि यह सब राजनीतिक दबाव में हो रहा है।
उमर अंसारी का गाजीपुर से कासगंज जेल शिफ्ट होना सिर्फ एक प्रशासनिक कदम भर नहीं है, बल्कि इसका सीधा संबंध सुरक्षा और राजनीतिक समीकरणों से भी है। अब देखना यह होगा कि जेल बदलने के बाद उमर और अब्बास अंसारी का भविष्य किस दिशा में जाता है और परिवार पर कानूनी शिकंजा किस हद तक कसता है।


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