मेरठ में मुर्गा कारोबारी ने 3 महीने की सैलरी मांगने पर दो कर्मचारियों को बंधक बनाकर बेल्ट से पीटा, वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल
मेरठ में बर्बरता का मामला, मजदूरी मांगने पर कर्मचारियों की बेरहमी से पिटाई
उत्तर प्रदेश के मेरठ से सोमवार को एक ऐसा मामला सामने आया जिसने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया. यहां लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र में रहने वाले एक मुर्गा कारोबारी ने अपने दो कर्मचारियों को कमरे में बंधक बनाकर बेरहमी से पीटा. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद पुलिस हरकत में आ गई है. आरोपी कारोबारी का नाम शान कुरैशी बताया जा रहा है, जबकि पीड़ित कर्मचारियों के नाम साजिद और समीर हैं. आरोप है कि दोनों कर्मचारी तीन महीने से अपनी बकाया सैलरी मांग रहे थे, लेकिन कारोबारी ने न सिर्फ पैसे देने से इनकार किया बल्कि उन पर मुर्गा चोरी का झूठा आरोप लगाकर उनकी पिटाई शुरू कर दी
तीन महीने की सैलरी बनी विवाद की वजह
जानकारी के अनुसार, साजिद और समीर लिसाड़ी गेट क्षेत्र में शान कुरैशी के मुर्गा कारोबार में काम करते थे. दोनों ने तीन महीने की मेहनत के बाद जब अपनी सैलरी मांगी तो शान कुरैशी भड़क गया. उसने आरोप लगाया कि दोनों ने मुर्गा चोरी किया है और इसी बहाने उन्हें सबक सिखाने की ठानी. इसके बाद आरोपी ने दोनों को अपने कमरे में बुलाया, दरवाजा बंद किया और बेल्ट से पीटना शुरू कर दिया. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि आरोपी बार-बार बेल्ट से वार कर रहा है और दोनों कर्मचारी दर्द से कराह रहे हैं
वायरल वीडियो ने बढ़ाई पुलिस की सक्रियता
इस घटना का पूरा वीडियो कमरे में मौजूद एक अन्य युवक ने अपने मोबाइल फोन से रिकॉर्ड किया. वीडियो में पिटाई का हर दृश्य साफ तौर पर दिख रहा है. आरोपी बिना किसी डर के कर्मचारियों को पीट रहा है, जबकि कमरे में बैठे युवक के चेहरे पर भी डर के भाव हैं. यही वीडियो सोशल मीडिया पर डाला गया, जिसके बाद यह तेजी से वायरल हो गया. वीडियो के वायरल होते ही लोगों में आक्रोश फैल गया और पुलिस पर कार्रवाई का दबाव बढ़ गया. फिलहाल पुलिस वीडियो के आधार पर पीड़ितों की पहचान कर रही है ताकि उन्हें न्याय दिलाया जा सके
स्थानीय लोगों में गुस्सा, आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
घटना के बाद लिसाड़ी गेट क्षेत्र में लोगों में गुस्सा देखने को मिला. स्थानीय निवासियों का कहना है कि मजदूरों से इस तरह का अमानवीय व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. इलाके के कई लोगों ने सोशल मीडिया पर आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. वहीं कुछ लोगों ने पीड़ितों की आर्थिक मदद की अपील भी की है, ताकि वे इस मानसिक और शारीरिक आघात से उबर सकें
पुलिस ने की जांच शुरू, पीड़ितों की तलाश जारी
मेरठ पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है. लिसाड़ी गेट थाने के प्रभारी ने बताया कि वायरल वीडियो की जांच की जा रही है और आरोपी की पहचान की पुष्टि हो चुकी है. फिलहाल पुलिस पीड़ित कर्मचारियों की तलाश में जुटी है ताकि उनकी शिकायत दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जा सके. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में दोषी को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा
मजदूर अधिकारों और कानून पर सवाल
यह मामला केवल एक घटना भर नहीं है, बल्कि यह मजदूरों के अधिकारों और उनके साथ होने वाले अन्याय का एक उदाहरण है. भारत के श्रम कानून साफ तौर पर कहते हैं कि हर कर्मचारी को समय पर वेतन मिलना चाहिए और उसके साथ अमानवीय व्यवहार नहीं किया जा सकता. बावजूद इसके, देश के कई हिस्सों में मजदूर ऐसे अत्याचार का शिकार बनते हैं. इस घटना ने एक बार फिर से इस मुद्दे को सुर्खियों में ला दिया है कि श्रमिकों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कानूनों का सख्ती से पालन जरूरी है
सोशल मीडिया पर बढ़ा दबाव
वायरल वीडियो ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है. ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लोग अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. कई यूजर्स ने मेरठ पुलिस और यूपी सरकार को टैग करते हुए आरोपी की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की है. कुछ लोगों का कहना है कि ऐसे मामलों में त्वरित न्याय होना चाहिए ताकि बाकी लोग इससे सबक लें. वहीं, कुछ लोग पीड़ितों के परिवार की मदद के लिए आगे आने की अपील कर रहे हैं
न्याय की उम्मीद
फिलहाल इस घटना से जुड़े सभी सबूत पुलिस के पास हैं और उम्मीद है कि जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. पीड़ितों के सामने आए इस दर्दनाक अनुभव ने मजदूर वर्ग के लिए एक चेतावनी भी दी है कि अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाना जरूरी है, लेकिन इसके साथ ही कानूनी सहायता और समर्थन भी बेहद अहम है. अब देखना होगा कि मेरठ पुलिस और प्रशासन इस मामले में कितनी तेजी से कदम उठाता है और पीड़ितों को न्याय दिलाता है


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