खत्म हुई चौकी थानेदारी! अब बिना थानाध्यक्ष की अनुमति दरोगा नहीं कर सकेंगे पूछताछ, पुलिस कमिश्नर का सख्त फरमान


कानपुर पुलिस कमिश्नर का नया आदेश: अब चौकी प्रभारी बिना थानाध्यक्ष की अनुमति आरोपी से पूछताछ नहीं कर सकेंगे।


कानपुर पुलिस पर लगातार आरोप और नया आदेश

उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में पुलिस पर लगातार गंभीर आरोप लगते रहे हैं. लोगों ने शिकायत की कि चौकी में बुलाकर पुलिसकर्मी पूछताछ के नाम पर वसूली और उत्पीड़न करते हैं. कई पीड़ितों ने सीधे पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार से शिकायत भी की थी. इन घटनाओं को देखते हुए पुलिस कमिश्नर ने एक सख्त आदेश जारी किया है.

आदेश के मुताबिक अब कोई भी चौकी प्रभारी बिना संबंधित थाने के थानाध्यक्ष की अनुमति के किसी भी आरोपी को चौकी में नहीं बुला सकेगा और न ही पूछताछ कर सकेगा. यदि पूछताछ जरूरी हो तो थानाध्यक्ष से लिखित अथवा मौखिक अनुमति लेनी होगी और फिर आरोपी को थाने में बुलाकर पूछताछ की जाएगी.

चौकी में दरोगाओं पर लगे जबरन वसूली के आरोप

कानपुर कमिश्नरेट पुलिस पर लंबे समय से यह आरोप लग रहे थे कि चौकी इंचार्ज या दरोगा आरोपी या संदिग्ध व्यक्तियों को चौकी में बुलाकर पूछताछ के नाम पर धन वसूली करते हैं. आरोप यह भी था कि इस दौरान पीड़ितों को डराया-धमकाया जाता है और परिवारों पर दबाव बनाया जाता है.

इतना ही नहीं, कुछ मामलों में चौकी स्तर पर पूछताछ के चलते लोगों ने आत्महत्या तक कर ली थी. परिजनों ने पुलिस पर प्रताड़ना और जबरन वसूली के गंभीर आरोप लगाए थे. इन घटनाओं के बाद चौकियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे थे.

सीसीटीवी निगरानी और पारदर्शिता

कानपुर के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आशुतोष कुमार ने बताया कि शहर की सभी पुलिस चौकियों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम किया जा रहा है. जब तक यह काम पूरा नहीं होता, तब तक किसी भी चौकी प्रभारी को आरोपी से पूछताछ करने की अनुमति नहीं होगी. उनका कहना है कि सीसीटीवी से निगरानी बढ़ेगी और पूछताछ प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी.

क्यों लिया गया यह बड़ा फैसला

कमिश्नरेट पुलिस पर लग रहे आरोपों ने प्रशासन की छवि पर गहरा असर डाला था. कई मामलों में चौकी पर थानेदारी जैसी स्थिति बन गई थी, जहां दरोगा अपनी मर्जी से आरोपी को बुलाकर पूछताछ और वसूली कर लेते थे. इस रवैये से आम जनता का विश्वास डगमगाने लगा था.

कमिश्नर अखिल कुमार ने स्पष्ट किया कि आरोपी से पूछताछ अब सिर्फ थाने की सीमा में ही होगी और थानाध्यक्ष की निगरानी में होगी. इससे न सिर्फ जनता को राहत मिलेगी बल्कि पुलिस पर लगने वाले आरोपों को भी रोका जा सकेगा.

जनता को राहत की उम्मीद

इस आदेश के बाद आम जनता को राहत मिलने की उम्मीद है. लोग अब चौकी स्तर पर होने वाली ज्यादती और जबरन वसूली से बच सकेंगे. थाने में पूछताछ होने से कानूनी प्रक्रिया भी मजबूत होगी और अधिकारियों की जवाबदेही तय होगी.

लोगों का कहना है कि यह आदेश समय की मांग था. अगर आदेश का कड़ाई से पालन हुआ तो पुलिस और जनता के बीच विश्वास का रिश्ता फिर से मजबूत हो सकता है.

नतीजा और आगे की स्थिति

कानपुर पुलिस कमिश्नर का यह आदेश पुलिस चौकियों की कार्यप्रणाली में बड़ा बदलाव लाएगा. दरोगा अब बिना अनुमति किसी भी व्यक्ति को चौकी में नहीं बुला पाएंगे. साथ ही, सीसीटीवी कैमरों की निगरानी और थाने में होने वाली पूछताछ से पारदर्शिता बढ़ेगी.

हालांकि, असली परीक्षा इस आदेश के क्रियान्वयन में होगी. अगर पुलिस अधिकारी इस आदेश को गंभीरता से लागू करते हैं, तभी जनता को असल में राहत मिल पाएगी।


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