झांसी पुलिस ने इंस्टाग्राम-व्हाट्सएप पर फर्जी गर्लफ्रेंड बनकर युवकों को ब्लैकमेल करने वाले दो शातिर ठगों को पकड़ा।
झांसी में सोशल मीडिया पर ब्लैकमेलिंग गैंग का पर्दाफाश
उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में सोशल मीडिया पर फर्जी प्रोफाइल और अश्लील चैटिंग के सहारे भोले-भाले युवकों को ब्लैकमेल करने वाले गिरोह का खुलासा हुआ है। रक्सा थाना पुलिस ने दो ऐसे शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम पर नकली गर्लफ्रेंड बनकर युवकों से दोस्ती करते थे। इसके बाद चैटिंग के दौरान उन्हें अश्लील वीडियो भेजते और फिर उन्हीं वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर पैसों की वसूली करते थे। पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों से तीन मोबाइल और पांच सिम कार्ड बरामद किए हैं, जिनमें कई अश्लील चैट्स और वीडियो मिले हैं।
कैसे चलता था ब्लैकमेलिंग का खेल
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपियों ने पहले सोशल मीडिया पर युवतियों के नाम और तस्वीरों से आकर्षक प्रोफाइल बनाए। फिर इन आईडी से वे भोले-भाले युवकों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते थे। जैसे ही दोस्ती पक्की होती, आरोपी चैटिंग के बहाने अश्लील बातचीत शुरू कर देते। धीरे-धीरे बातचीत का स्तर बढ़ाकर पीड़ितों को अश्लील वीडियो भेजे जाते और बाद में यही वीडियो हथियार बन जाते। आरोपियों की धमकी होती कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं की गई तो वीडियो को सार्वजनिक कर दिया जाएगा। इस डर से कई युवक ब्लैकमेलर्स को पैसे भी दे चुके थे।
पुलिस को मिली मुखबिर की सूचना
रक्सा थाना प्रभारी राहुल सिंह राठौर ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में युवकों से लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि उन्हें सोशल मीडिया पर फर्जी प्रोफाइल से फंसाकर ब्लैकमेल किया जा रहा है। इसी बीच शनिवार शाम को मुखबिर से खबर मिली कि रामगढ़ बस स्टैंड के पास दो संदिग्ध युवक घूम रहे हैं। पुलिस टीम ने तुरंत घेराबंदी कर दोनों को पकड़ लिया। गिरफ्तारी के बाद आरोपियों की पहचान गजराज लोधी निवासी मायापुर जिला शिवपुरी और संदीप लोधी निवासी पिछोर जिला शिवपुरी (मध्यप्रदेश) के रूप में हुई। दोनों ने पूछताछ में अपना अपराध स्वीकार कर लिया।
डिजिटल साक्ष्यों की जांच में जुटी पुलिस
गिरफ्तार आरोपियों से जब्त मोबाइल फोन और सिम कार्ड्स की फॉरेंसिक जांच कराई जा रही है। पुलिस को शक है कि इन मोबाइल में बड़ी संख्या में अश्लील वीडियो और चैट मौजूद हैं, जिनकी मदद से अन्य पीड़ितों की भी पहचान की जा सकेगी। पुलिस इस पूरे नेटवर्क का खुलासा करने के लिए साइबर विशेषज्ञों की मदद ले रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस गिरोह में और लोग भी शामिल थे।
पुलिस की चेतावनी और अपील
रक्सा थाना प्रभारी ने लोगों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर अनजान प्रोफाइल्स से दोस्ती करने से बचें। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधी अब युवतियों के नाम से आकर्षक प्रोफाइल बनाकर लोगों को जाल में फंसा रहे हैं। ऐसे मामलों में सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है। साथ ही उन्होंने कहा कि किसी भी तरह के संदिग्ध चैट या मैसेज मिलने पर तुरंत पुलिस को सूचना दें।
अदालत में पेशी और जेल भेजे गए आरोपी
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें कोर्ट में पेश किया। अदालत ने दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पुलिस अब उनकी गतिविधियों और संभावित नेटवर्क की गहनता से पड़ताल कर रही है।
यह पूरी घटना बताती है कि कैसे डिजिटल युग में साइबर ठग तकनीक और सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर भोले-भाले लोगों की कमजोरी का फायदा उठाते हैं। झांसी पुलिस की इस कार्रवाई से उन युवकों को राहत मिली है जो लंबे समय से ऐसे ठगों के जाल में फंसे हुए थे।


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