हाथरस में जमीन विवाद को लेकर दो बेटियों ने तहसील परिसर में पिता की डंडों से पिटाई कर दी, वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल।
जमीन विवाद बना पारिवारिक बवाल की वजह
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे प्रदेश को स्तब्ध कर दिया है। सासनी तहसील परिसर में एक बुजुर्ग पिता को उसकी अपनी ही दो बेटियों ने लाठी-डंडों से बुरी तरह पीट दिया। यह पूरा मामला संपत्ति विवाद से जुड़ा हुआ है, जिसमें बेटियों का आरोप है कि उनके पिता उनकी सहमति के बिना पुश्तैनी जमीन बेचने की कोशिश कर रहे थे। यह घटना उस समय हुई जब पिता तहसील परिसर में जमीन से संबंधित प्रक्रिया के लिए पहुंचे थे। इस पूरी वारदात का वीडियो किसी ने मौके पर बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया, जो देखते ही देखते वायरल हो गया।
तहसील परिसर में सरेआम हमला, किसी ने नहीं की मदद
इस घटना का सबसे चिंताजनक पहलू यह रहा कि सासनी तहसील जैसे व्यस्त सरकारी परिसर में इतनी बड़ी घटना हुई और वहां मौजूद भीड़ तमाशबीन बनकर खड़ी रही। किसी ने भी बुजुर्ग को रोकने या बेटियों को समझाने की जहमत नहीं उठाई। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि बेटियां हाथ में डंडे लेकर अपने पिता पर लगातार प्रहार कर रही हैं, और आसपास खड़े लोग केवल मोबाइल कैमरे से वीडियो बनाते नजर आ रहे हैं।
बुजुर्ग पिता, जो कि नगला खंडा गांव के निवासी हैं, जमीन बेचने के इरादे से तहसील पहुंचे थे। इसी बीच उनकी दो विवाहित बेटियां भी वहां आ धमकीं। बताया जा रहा है कि पिता ने बेटियों से बिना सलाह-मशविरा किए जमीन बेचने की योजना बनाई थी, जिससे नाराज होकर दोनों बेटियां वहां पहुंच गईं और विवाद के बाद मारपीट की नौबत आ गई।
बेटियों के आरोप: नशे की लत और संपत्ति हड़पने की साजिश
घटना के बाद सामने आए वीडियो में बेटियां पुलिस से शिकायत करते हुए दिख रही हैं। उनका कहना है कि उनके पिता को नशे की लत है और कुछ बाहरी लोग उनका फायदा उठाकर संपत्ति को हड़पने की कोशिश कर रहे हैं। बेटियों का कहना है कि जमीन उनके अधिकार की है और पिता को उसे बेचने का कोई हक नहीं है, खासकर बिना बेटियों की सहमति के।
बेटियों ने यह भी दावा किया कि उनके पिता ने जानबूझकर इस सौदे की जानकारी उनसे छिपाई और सीधे तहसील जाकर कागजात पूरे करने का प्रयास किया। जब उन्हें इस बात की भनक लगी, तो वे तुरंत तहसील पहुंचीं और उन्हें रोकने का प्रयास किया। बात इतनी बढ़ गई कि दोनों बेटियों ने मौके पर ही लाठियां उठा लीं और तहसील के गेट पर पिता की बेरहमी से पिटाई शुरू कर दी।
पिता गंभीर रूप से घायल, फिर भी बेटियों ने ले जाया अपने साथ
हैरानी की बात यह भी रही कि जब यह सब हुआ, तब किसी ने न तो पुलिस को तुरंत सूचित किया और न ही बुजुर्ग को रोकने का प्रयास किया गया। कहा जा रहा है कि मारपीट के बाद बेटियों ने खुद ही अपने पिता को घायल अवस्था में वहां से ले गईं। ऐसे में यह भी जांच का विषय बन गया है कि आखिर मारपीट के बाद भी दोनों महिलाएं किस परिस्थिति में अपने पिता को साथ ले जा सकीं।
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि बुजुर्ग को गंभीर चोटें आई हैं, लेकिन बेटियों ने किसी भी मेडिकल सहायता के बजाय उन्हें अपने साथ घर ले जाना ही उचित समझा। अब यह भी जांच का विषय है कि कहीं ये बेटियां अपने पिता पर और अत्याचार तो नहीं कर रहीं?
पुलिस ने वीडियो के आधार पर जांच शुरू की
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद हाथरस पुलिस हरकत में आई। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने वीडियो को अपने कब्जे में लिया है और अब उसकी सत्यता और घटनाक्रम की पूरी जांच की जा रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अभी किसी पक्ष की ओर से लिखित तहरीर नहीं मिली है, लेकिन वीडियो साक्ष्य के आधार पर वे प्रथम दृष्टया जांच कर रहे हैं।
साथ ही पुलिस ने तहसील परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगालनी शुरू कर दी है ताकि यह पता चल सके कि घटना के समय कौन-कौन मौजूद था और क्या वास्तव में बेटियों के आरोप सही हैं या नहीं।
सोशल मीडिया पर बंटे लोग: बेटियों की आलोचना और सहानुभूति
इस घटना के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ गई है। एक पक्ष जहां बेटियों की निंदा कर रहा है और उन्हें 'कलयुगी औलाद' कह रहा है, वहीं दूसरा पक्ष बेटियों के बयान को सही मानते हुए उनका समर्थन कर रहा है। कुछ लोगों का कहना है कि बेटियां जमीन की मालिक भी हो सकती हैं और अगर उनके पिता ने बिना जानकारी के सौदा किया तो यह नैतिक और कानूनी रूप से गलत है।
वहीं कई लोग यह भी पूछ रहे हैं कि यदि बेटियों की बात सही भी हो, तो क्या यह तरीका ठीक था? क्या किसी भी परिस्थिति में अपने पिता को सार्वजनिक रूप से पीटना उचित ठहराया जा सकता है?
तहसील परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर भी उठे सवाल
इस पूरे मामले ने सासनी तहसील की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक ओर यह परिसर सरकारी कामकाज के लिए निर्धारित है, वहीं दूसरी ओर यह एक ऐसी जगह बन गया जहां खुलेआम मारपीट हो गई और कोई भी सुरक्षाकर्मी मौके पर दिखाई नहीं दिया। न ही वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों ने स्थिति को संभालने की कोशिश की और न ही कोई तत्काल पुलिस बल बुलाया गया।
अब इस बात की भी जांच हो रही है कि उस दिन तहसील में सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी थी या नहीं, और यदि थी तो वे घटना के समय कहां थे।
पारिवारिक संपत्ति विवादों का बढ़ता ग्राफ
यह कोई पहला मामला नहीं है जहां संपत्ति को लेकर परिवार में हिंसा तक की नौबत आई हो। भारत में संपत्ति विवाद दशकों से पारिवारिक कलह का सबसे बड़ा कारण रहे हैं। विशेष रूप से ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में जहां पीढ़ियों से एक ही जमीन पर कई परिवारों का दावा होता है, वहां ऐसी घटनाएं आम होती जा रही हैं।
इस घटना ने फिर से यह साबित कर दिया है कि अगर समय रहते कानूनी उपाय और पारिवारिक संवाद नहीं अपनाया गया, तो मामूली विवाद भी खतरनाक रूप ले सकते हैं।
प्रशासन की अगली कार्रवाई क्या होगी?
फिलहाल पुलिस प्रशासन वीडियो की वैधता, बेटियों के आरोप और पिता की स्थिति को ध्यान में रखते हुए मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि जांच के बाद मामला किस दिशा में बढ़ता है। क्या बेटियों पर मारपीट का मुकदमा चलेगा? या फिर पिता की भूमि विक्रय प्रक्रिया ही विवादास्पद साबित होगी?
इस घटना ने जहां एक ओर पारिवारिक रिश्तों की मर्यादा को झकझोर कर रख दिया, वहीं दूसरी ओर कानून व्यवस्था, सामाजिक मूल्यों और प्रशासनिक सतर्कता पर भी गहरे प्रश्न खड़े कर दिए हैं।


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