BHU के तेलगु विभाग के प्रोफेसर पर ‘हॉफ मर्डर’ हमला, पूर्व HOD ने भर्ती विवाद में दी सुपारी; 3 गिरफ्तार, 5 की तलाश
वाराणसी में BHU कैंपस में प्रोफेसर पर हमला: भर्ती विवाद से ‘हॉफ मर्डर’ तक का सफर
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) के तेलगु विभाग में हुए सनसनीखेज हमले ने पूरे शैक्षणिक जगत को हिला दिया है। पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष (HOD) प्रोफेसर बी. वेंकटेश्वरन भी शामिल हैं। आरोप है कि उन्होंने अपने ही विभाग के वर्तमान HOD और प्रोफेसर सीएस रामचंद्र मूर्ति पर ‘हॉफ मर्डर’ की सुपारी दी थी। यह हमला विभाग के अंदर चल रहे असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती विवाद से जुड़ा हुआ है, जो लंबे समय से दोनों के बीच तनाव का कारण बना हुआ था।
भर्ती प्रक्रिया से उपजा विवाद
पुलिस जांच में सामने आया कि बीएचयू के तेलगु विभाग में पिछले एक साल से असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती की प्रक्रिया चल रही थी। पूर्व HOD वेंकटेश्वरन अपने पुराने शिष्य मोदगु कासिम बाबू का चयन कराना चाहते थे, लेकिन यह नियमों के खिलाफ था। मौजूदा HOD प्रोफेसर राम मूर्ति ने इसका विरोध किया। यह विवाद धीरे-धीरे व्यक्तिगत रंजिश में बदल गया और स्थिति इतनी बिगड़ी कि पूर्व HOD ने उन्हें सबक सिखाने के लिए हमला कराने की योजना बना डाली।
सुपारी देकर ‘हॉफ मर्डर’ का प्लान
पुलिस के अनुसार, वेंकटेश्वरन ने स्थानीय बदमाशों और छात्रों को मिलाकर प्रोफेसर राम मूर्ति पर हमला करने का प्लान बनाया। उन्होंने गणेश पासी, सूरज दुबे समेत कुल आठ लोगों को इसमें शामिल किया। शुरू में योजना थी कि प्रोफेसर को कैंपस के बाहर पीटा जाएगा, लेकिन बाद में रेकी करने के बाद आरोपियों ने तय किया कि हमला विश्वविद्यालय परिसर में ही किया जाए।
कैंपस में खौफनाक वारदात
हमले के दिन आरोपी कैंपस के भीतर पहुंचे और रॉड से प्रोफेसर राम मूर्ति पर ताबड़तोड़ वार किए। इस हमले में उनके हाथ-पैर बुरी तरह टूट गए और वह गंभीर रूप से घायल हो गए। हमले की खबर फैलते ही कैंपस में अफरा-तफरी मच गई। घायल प्रोफेसर को तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
गिरफ्तारी और आगे की कार्रवाई
वाराणसी पुलिस ने तुरंत एक विशेष टीम गठित कर इस वारदात की जांच शुरू की। कार्रवाई करते हुए पुलिस ने प्रोफेसर बी. वेंकटेश्वरन समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। बाकी पांच आरोपियों की तलाश में पुलिस की टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं।
पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे
गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में वेंकटेश्वरन ने माना कि उन्होंने ‘हॉफ मर्डर’ की सुपारी दी थी, ताकि राम मूर्ति हमेशा के लिए अपाहिज हो जाएं और विभाग में उनकी पकड़ खत्म हो जाए। उन्होंने यह भी कबूल किया कि वह पिछले कई महीनों से इस हमले की योजना बना रहे थे और इसके लिए उन्होंने छात्रों और बाहरी लोगों को शामिल किया था।
BHU प्रशासन और शिक्षकों में आक्रोश
इस घटना ने BHU के शिक्षकों और प्रशासन को झकझोर दिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा है कि कैंपस में इस तरह की आपराधिक घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं शिक्षकों ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए हैं और मांग की है कि भविष्य में ऐसे विवादों को समय रहते सुलझाया जाए।
वाराणसी पुलिस की सख्त चेतावनी
पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी ने चेतावनी दी है कि कैंपस या शहर में कानून-व्यवस्था बिगाड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले को लेकर पुलिस ने कहा कि जल्द ही बाकी आरोपी भी सलाखों के पीछे होंगे और इस साजिश के हर पहलू का पर्दाफाश किया जाएगा।
घटना से जुड़ी पृष्ठभूमि
BHU के तेलगु विभाग में लंबे समय से गुटबाजी की खबरें आती रही हैं। असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती को लेकर इस बार विवाद ने खतरनाक मोड़ ले लिया, जहां शैक्षणिक मतभेद एक हिंसक वारदात में बदल गए। प्रोफेसर राम मूर्ति को गंभीर चोटें आईं और यह मामला न सिर्फ विश्वविद्यालय बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है।
यह वारदात सिर्फ एक व्यक्तिगत रंजिश या भर्ती विवाद की कहानी नहीं है, बल्कि यह सवाल खड़ा करती है कि हमारे उच्च शिक्षण संस्थानों में आपसी मतभेद किस हद तक बढ़ सकते हैं। पुलिस और प्रशासन के लिए यह मामला एक मिसाल बन सकता है कि ऐसे विवादों को समय रहते सुलझाना कितना जरूरी है।


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