ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बिजली अफसर का घमंडी ऑडियो शेयर कर जताई नाराजगी, बस्ती के SE प्रशांत सिंह को किया सस्पेंड
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा का फूटा गुस्सा, अफसर के व्यवहार से आहत होकर की सख्त कार्रवाई
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने एक ऐसा कदम उठाया जिसने न सिर्फ पूरे बिजली विभाग को हिला दिया, बल्कि सोशल मीडिया पर भी हलचल मचा दी। दरअसल, मंत्री ने खुद एक व्हाट्सऐप शिकायत के बाद एक ऑडियो शेयर किया जिसमें बिजली विभाग का एक वरिष्ठ अधिकारी उपभोक्ता से असंवेदनशील भाषा में बात करता सुना गया। इस घटना के बाद ऊर्जा मंत्री ने तत्काल प्रभाव से बस्ती जिले के अधीक्षण अभियंता प्रशांत सिंह को निलंबित कर दिया है।
WhatsApp पर आई शिकायत, नेता ने भेजा मंत्री को ऑडियो
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि एक वरिष्ठ नेता ने उन्हें व्हाट्सऐप पर एक मैसेज भेजकर जानकारी दी कि बस्ती के एक बड़े मोहल्ले में सुबह 10 बजे से बिजली नहीं है। रात 8 बजे तक जब कोई जिम्मेदार अधिकारी फोन नहीं उठा रहा था, तब अंततः अधीक्षण अभियंता को कॉल किया गया। लेकिन उस बातचीत की भाषा और लहजा मंत्री को इतना आपत्तिजनक लगा कि उन्होंने पूरा मामला सार्वजनिक कर दिया।
ऑडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर मचा बवाल
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक लंबा पोस्ट लिखा और उसमें उपभोक्ता और अधिकारी के बीच की बातचीत का ऑडियो भी शेयर किया। उन्होंने पोस्ट में लिखा कि एक पढ़े-लिखे नागरिक ने जब शिकायत दर्ज कराने के लिए बात की तो अधिकारी का व्यवहार बेहद असभ्य और उपेक्षापूर्ण था। यह किसी भी सार्वजनिक सेवा में कार्यरत अधिकारी के आचरण के अनुरूप नहीं है।
मंत्री ने कहा - ‘1912 विकल्प नहीं, पूरक है’
अपने पोस्ट में मंत्री शर्मा ने 1912 टोल फ्री नंबर की व्यवस्था पर भी सवाल उठाए। उन्होंने लिखा कि मैंने पहले भी UPPCL के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर से कहा था कि तकनीकी व्यवस्था केवल पूरक हो सकती है, उसका विकल्प नहीं। जनता को आज भी इंसानी संवाद और जवाबदेही चाहिए, जो अफसर नहीं दे पा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि टोल फ्री व्यवस्था के भरोसे जनता को छोड़ देना संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है।
अफसरों पर तंज - "अब नीम पर चढ़ गई तितलौकी"
ऊर्जा मंत्री ने अपने पोस्ट में तंज कसते हुए लिखा, “अफसरों ने फोन उठाना ही बंद कर दिया है। तितलौकी थी ही, अब नीम पर चढ़ गई।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विभाग में ऐसे अनेक फैसले लिए जा रहे हैं जो न केवल अमर्यादित हैं बल्कि जनता के हितों के खिलाफ भी हैं। साथ ही कहा कि अधिकारियों ने मीटिंग में गलत बयान देकर झूठी सफाई दी कि शिकायतें सिर्फ 1912 नंबर पर दर्ज होनी चाहिए, जबकि इस बाबत कोई औपचारिक निर्देश जारी नहीं हुआ।
अधिकारी प्रशांत सिंह पर गिरी गाज, तत्काल निलंबन
मामले की गंभीरता को देखते हुए ऊर्जा मंत्री ने कुछ ही घंटों में कार्रवाई करते हुए अधीक्षण अभियंता प्रशांत सिंह को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। मंत्री ने स्पष्ट किया कि उपभोक्ताओं के साथ ऐसा असंवेदनशील और अशोभनीय व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने विभाग के बाकी कर्मचारियों को चेतावनी दी कि यदि वे जनता से संवाद में मर्यादा नहीं रखेंगे और समस्याओं का समाधान नहीं करेंगे, तो उन्हें भी सख्त परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
मंत्री का खुला संदेश - 'जनता से संवाद जरूरी'
एके शर्मा ने दो टूक शब्दों में लिखा कि बिजली विभाग के हर कर्मचारी और अधिकारी को यह बात गांठ बांध लेनी चाहिए कि वे पब्लिक सर्वेंट हैं और जनता के प्रति जवाबदेह हैं। बातचीत में शालीनता और समस्या का समय पर समाधान ही किसी भी सरकारी सेवा की मूलभूत जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, “अभी भी समय है, सुधर जाइए, नहीं तो परिणाम गंभीर होंगे।”
क्यों बना ये मामला हाई-प्रोफाइल?
यह घटना इस वजह से और भी बड़ी बन गई क्योंकि शिकायतकर्ता एक वरिष्ठ राजनेता के क्षेत्र का नागरिक था और मंत्री तक सीधे पहुंच रखता था। मंत्री के पोस्ट और ऑडियो ने पूरे प्रदेश में विभागीय जिम्मेदारियों की पोल खोल दी। यह घटना बिजली विभाग के सिस्टम, जवाबदेही और तकनीकी हेल्पलाइन जैसी व्यवस्थाओं की खामियों को उजागर करती है।
क्या अब सुधरेंगे अफसर?
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के इस साहसिक कदम से निश्चित रूप से अफसरशाही पर असर पड़ेगा। जनता अब देख रही है कि उनके मंत्री उनकी शिकायतों को गंभीरता से लेते हैं और कार्रवाई भी होती है। अब देखना यह है कि क्या पूरे बिजली विभाग में यह चेतावनी असर करेगी या फिर जनता को भविष्य में भी ऐसे अनुभवों से दो-चार होना पड़ेगा।


0 टिप्पणियाँ
आपका विचार हमारे लिए महत्वपूर्ण है, कृपया अपनी राय नीचे लिखें।