उज्जैन में युवक डॉक्टर के सामने बेहोश होकर गिरा, 41 मिनट तक CPR और 12 शॉक देकर डॉक्टर ने बचाई जान, वीडियो वायरल।
इलाज से पहले ही जिंदगी और मौत की जंग
मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के नागदा क्षेत्र में एक युवक की जान डॉक्टर की सतर्कता और टीम की मेहनत ने बचा ली। बुधवार को नागदा निवासी सन्नी गहलोत सीने में दर्द की शिकायत लेकर डॉ. सुनील चौधरी के चौधरी अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर में इलाज के लिए पहुंचा था। वह ओपीडी में डॉक्टर के पास पहुंचा ही था कि इलाज शुरू होने से पहले ही उसके साथ कुछ ऐसा हुआ जिसने सभी को स्तब्ध कर दिया।
डॉक्टर के सामने ही बेहोश होकर गिरा युवक
सन्नी डॉक्टर की ओपीडी में कुर्सी पर बैठा था और BP जांच करवा रहा था, तभी अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई। वो कुर्सी से गिरा और बेहोश हो गया। जब डॉक्टर सुनील चौधरी ने उसकी जांच की तो यह देखकर हैरान रह गए कि उसकी पल्स पूरी तरह बंद हो चुकी थी। इसका मतलब था कि सन्नी का हृदय काम करना बंद कर चुका था। स्थिति अत्यंत गंभीर थी और हर पल कीमती।
तुरंत शुरू हुआ CPR और इलेक्ट्रिक शॉक का दौर
डॉ. चौधरी और उनकी मेडिकल टीम ने बिना देरी किए ओपीडी के अंदर ही CPR (Cardiopulmonary Resuscitation) देना शुरू किया। इसके साथ ही इलेक्ट्रिक डिफाइब्रिलेटर मशीन से लगातार झटके (shocks) दिए गए। डॉक्टर ने पहले 12 मिनट तक CPR दिया, लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं आया। इसके बाद उन्होंने 12 बार इलेक्ट्रिक शॉक देकर सन्नी को होश में लाने की कोशिश की।
41 मिनट की संघर्षपूर्ण कोशिशों के बाद लौटी धड़कनें
पूरे 41 मिनट तक डॉक्टर और उनकी टीम ने CPR और इलेक्ट्रिक शॉक के माध्यम से सन्नी की जान बचाने की भरसक कोशिश की। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और सन्नी की बंद हो चुकी धड़कनें वापस चलने लगीं। यह क्षण डॉक्टर और मरीज दोनों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था।
डॉ. सुनील चौधरी ने बताया कि, "मेडिकल पढ़ाई के दौरान सिखाया गया था कि अगर पल्स बंद हो जाए तो 30 से 45 मिनट तक CPR और शॉक देने से जीवन बच सकता है। उसी गाइडलाइन को हमने पूरी निष्ठा से अपनाया।"
वायरल हो गया घटना का सीसीटीवी फुटेज
इस पूरी घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि सन्नी बीपी चेक करवा रहा था, तभी वह अचानक कुर्सी से नीचे गिर जाता है। डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ तुरंत हरकत में आते हैं और CPR शुरू करते हैं। यह वीडियो लोगों को भावुक कर रहा है और डॉक्टर की तत्परता की जमकर तारीफ हो रही है।
इंदौर रेफर किया गया मरीज, हालत स्थिर
सन्नी गहलोत को प्राथमिक उपचार के बाद उज्जैन से इंदौर के एक बड़े अस्पताल में रेफर किया गया, जहां फिलहाल उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। परिवार वालों ने डॉक्टर सुनील चौधरी और उनकी टीम का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि, "अगर समय रहते CPR और इलेक्ट्रिक शॉक न दिया जाता, तो शायद आज हमारा बेटा हमारे बीच नहीं होता।"
डॉक्टर की प्रोफेशनल दक्षता बनी मिसाल
इस घटना ने यह साबित कर दिया कि आपातकालीन स्थिति में मेडिकल स्टाफ की त्वरित प्रतिक्रिया और अनुभव कितनी बड़ी भूमिका निभाते हैं। डॉक्टर चौधरी की मेडिकल जानकारी, मशीनों की उपलब्धता और टीम वर्क ने मिलकर एक मृतप्राय युवक को नई जिंदगी दी।


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