101 लीटर गंगाजल को दांतों से खींच लाया शिवभक्त, बोले- जब तक 'गौ माता' को राष्ट्र माता का दर्जा नहीं मिलेगा, तब तक चैन नहीं



मुजफ्फरनगर के रुतवा गुर्जर दांतों से 101 लीटर गंगाजल खींचते हुए कांवड़ यात्रा कर रहे हैं, मांग- गौ माता को राष्ट्र माता घोषित किया जाए


101 लीटर गंगाजल को दांतों से खींच रहा अनोखा शिवभक्त

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में इस बार कांवड़ यात्रा का दृश्य कुछ खास है। यहां एक शिवभक्त रुतवा गुर्जर ने ऐसी श्रद्धा और समर्पण की मिसाल पेश की है, जिसे देखकर लोग चौंक गए हैं। रुतवा 101 लीटर गंगाजल से भरी भारी बुग्गीनुमा कांवड़ को अपने दांतों से खींचकर हरिद्वार से मेरठ तक की लंबी यात्रा पर निकले हैं। उनका मकसद है कि गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिलवाया जाए।

हरिद्वार से मेरठ की कठिन यात्रा, दांतों से निभा रहे प्रण

मेरठ जिले के खरखौंदा थाना क्षेत्र के छत्रीगढ़ गांव निवासी रुतवा गुर्जर 29 जून को हरिद्वार के हर की पौड़ी से कांवड़ उठाकर निकले हैं। उनकी यात्रा का मार्ग कठिन है, लेकिन वो बिना थके रोजाना 10 किलोमीटर पैदल चलकर अपनी कांवड़ को मंजिल की ओर बढ़ा रहे हैं। रुतवा ने अपनी विशेष कांवड़ को लोहे की चेन से जोड़ रखा है, जिसे वह दांतों से खींचते हुए चलते हैं। उनका कहना है कि यह उनकी श्रद्धा और संकल्प का प्रतीक है।

'गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करें' - रुतवा की स्पष्ट मांग

रुतवा गुर्जर ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मैं यह यात्रा इसलिए कर रहा हूं क्योंकि मेरी एक ही मांग है – गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा मिलना चाहिए। जब तक सरकार यह कदम नहीं उठाएगी, तब तक मैं ऐसे ही श्रद्धा के साथ अपने प्रयास करता रहूंगा।” रुतवा ने बताया कि वह बजरंग दल से भी जुड़े हैं और गौ सेवा को ही अपना धर्म मानते हैं।

दांतों से खींची फॉर्च्यूनर, स्कॉर्पियो और कैंटर भी

रुतवा गुर्जर केवल गंगाजल ही नहीं, बल्कि भारी वाहनों को भी अपने दांतों से खींचने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने बताया, “मैंने दांतों से फॉर्च्यूनर, स्कॉर्पियो और यहां तक कि कैंटर गाड़ी भी खींची है। मेरा अगला लक्ष्य है कि 50 किलो वजन को दांतों से पकड़कर 1 किलोमीटर चलूं।” ये बातें न केवल उनकी भक्ति बल्कि अद्भुत शारीरिक क्षमता को भी दर्शाती हैं।

9 लोगों की टीम, पूरी यात्रा में साथ

इस अद्वितीय कांवड़िए के साथ 9 लोगों की एक टीम है, जो यात्रा में उनका सहयोग कर रही है। ये सभी लोग न केवल उनकी भक्ति के साक्षी हैं बल्कि सुरक्षा और आवश्यकताओं की भी देखभाल करते हैं। रुतवा का कहना है कि “भगवान शिव की कृपा से सब आसान हो जाता है।”

कोई दिक्कत नहीं, सरकार से सुविधाओं की सराहना

रुतवा ने बताया कि उन्हें अब तक यात्रा में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आई है। उन्होंने योगी सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं की तारीफ करते हुए कहा कि रास्ते में पानी, चिकित्सा और विश्राम की उचित सुविधाएं मिल रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि “सरकार को अन्य सामाजिक मुद्दों पर भी ध्यान देना चाहिए, जैसे कि गौ रक्षा और सनातन संस्कृति की सुरक्षा।”

पहली बार लाई गई ऐसी बुग्गीनुमा कांवड़

रुतवा की यह कांवड़ बिल्कुल अलग और पहली बार देखने को मिली है। उन्होंने कहा कि “हर भक्त की अलग-अलग मनोकामना होती है। मैं अपने तरीके से यह यात्रा कर रहा हूं। जितनी हमारी शक्ति और लिमिट है, उसी के अनुसार कांवड़ ला रहे हैं।”

23 जुलाई को होगा जल अर्पण

रुतवा गुर्जर की यह भक्ति यात्रा 23 जुलाई को पूर्ण होगी, जब वह मेरठ पहुंचकर भगवान शिव को जल अर्पित करेंगे। इस यात्रा की हर एक झलक शिवभक्ति, परंपरा और साहस की मिसाल बन चुकी है।

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