लखनऊ के अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही से मासूम की मौत: ऑक्सीजन पाइप से फेफड़े में छेद, परिजनों का दावा- इलाज के नाम पर वसूले 50 हजार, फिर भी नहीं बचा सके डॉक्टर


लखनऊ के निजी अस्पताल में ऑक्सीजन पाइप से फेफड़ा फटने का आरोप, मासूम की मौत, परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया


लखनऊ में निजी अस्पताल की लापरवाही से मासूम की मौत, फेफड़े में हुआ छेद

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। ठाकुरगंज इलाके में स्थित एक निजी अस्पताल में तीन साल के मासूम बच्चे जियान की मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टरों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि ऑक्सीजन सपोर्ट देने के दौरान बच्चे के फेफड़े में पाइप से छेद हो गया, जिसकी वजह से उसकी हालत बिगड़ती चली गई और आखिरकार उसकी जान चली गई। इस घटना ने एक बार फिर निजी अस्पतालों की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

खेलते समय लगी थी चोट, पांच दिन से अस्पताल में भर्ती था मासूम

परिजनों के अनुसार, जियान को करीब पांच दिन पहले खेलते समय हल्की चोट लगी थी। चोट लगने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई थी, जिसके बाद परिजन उसे ठाकुरगंज के खोया मंडी के पास स्थित एक निजी अस्पताल में लेकर पहुंचे। शुरुआत में बच्चे की हालत सामान्य बताई गई थी, लेकिन फिर डॉक्टरों ने बताया कि उसे खास इलाज की जरूरत है।

परिजन ने बताया कि अस्पताल में डॉ. विनीत बच्चे का इलाज कर रहे थे। डॉक्टरों ने परिजनों को कहा कि जियान को एक जरूरी इंजेक्शन लगाना पड़ेगा जिसकी कीमत 50 हजार रुपये है। काफी मिन्नतों के बाद डॉक्टर ने 46 हजार रुपये में इंजेक्शन लगाने पर सहमति दी। इसके बावजूद बच्चे की तबीयत में कोई सुधार नहीं आया।

ऑक्सीजन पाइप से फेफड़े में हुआ छेद, फिर बिगड़ती गई हालत

जियान के चाचा शादाब ने बताया कि बच्चे को ऑक्सीजन सपोर्ट देने के लिए मुंह में पाइप डाली गई। इसी दौरान डॉक्टरों की कथित लापरवाही सामने आई। शादाब का दावा है कि पाइप डालते समय डॉक्टरों ने सावधानी नहीं बरती और बच्चे के फेफड़े में छेद हो गया। इसके बाद उसकी हालत तेजी से खराब होती चली गई।

रविवार रात जियान को आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। परिजनों ने डॉक्टरों से लगातार बच्चे की स्थिति के बारे में पूछा, लेकिन उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। सोमवार की सुबह अस्पताल प्रशासन ने जियान की मौत की सूचना दी।

इलाज में लापरवाही पर परिजनों का आरोप, अस्पताल की चुप्पी

बच्चे की मौत के बाद परिजनों में आक्रोश है। उन्होंने अस्पताल प्रशासन पर गलत इलाज और घोर लापरवाही का आरोप लगाया है। परिजनों का कहना है कि अगर डॉक्टर समय रहते सही इलाज करते और सावधानी बरतते, तो जियान की जान बचाई जा सकती थी।

परिजनों ने बताया कि इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूली गई, लेकिन बच्चे को बचाने में अस्पताल पूरी तरह नाकाम रहा। उन्होंने डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

सीएमओ ने दिए जांच के आदेश, पुलिस भी सक्रिय

घटना की जानकारी मिलते ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. बीबी सिंह ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल से इलाज के सभी दस्तावेज मंगवाए जा रहे हैं और मेडिकल टीम से रिपोर्ट तलब की गई है।

वहीं परिजनों ने ठाकुरगंज थाने में अस्पताल के खिलाफ लिखित शिकायत दी है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

निजी अस्पतालों की जवाबदेही पर फिर उठे सवाल

इस घटना ने एक बार फिर निजी अस्पतालों की जवाबदेही और इलाज की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिजन अस्पताल प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। फिलहाल अस्पताल की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

लखनऊ के स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि पूरे मामले की गहन जांच की जाएगी और अगर डॉक्टरों की लापरवाही साबित होती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मासूम की मौत ने किया सिस्टम पर सवाल खड़ा

तीन साल के मासूम जियान की मौत ने प्रदेश के हेल्थ सिस्टम पर गहरा सवाल खड़ा कर दिया है। निजी अस्पतालों में इलाज के नाम पर भारी रकम वसूलना और फिर भी मरीज की जान न बचा पाना अब आम हो चला है। इस घटना से शहर में आक्रोश फैल गया है और परिजन न्याय की मांग कर रहे हैं।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ