मीरगंज तहसील में कांग्रेस ने किसानों की समस्याओं को लेकर धरना दिया, SDM को ज्ञापन सौंप जल्द समाधान की मांग की।
इरफान हुसैन की रिपोर्ट
मीरगंज में कांग्रेस का किसान आंदोलन: तेज गर्मी में भी डटे कार्यकर्ता
बरेली जिले की मीरगंज तहसील मुख्यालय पर कांग्रेस पार्टी ने किसानों की बुनियादी समस्याओं को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। पार्टी के कार्यकर्ता दोपहर की तेज गर्मी में भी सैकड़ों की संख्या में जुटे और उप-जिलाधिकारी त्रिप्ति गुप्ता को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा। इसमें किसानों को हो रही दिक्कतों—जैसे बिजली की अनियमित आपूर्ति, खाद की किल्लत और फसल सिंचाई में बाधाओं—का त्वरित समाधान करने की मांग की गई।
ज्ञापन में उठाए गए मुद्दे: बिजली, खाद और खेती की जटिलता
ज्ञापन के माध्यम से कांग्रेस ने साफ कहा कि किसानों की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। बिजली की कमी के चलते समय से खेतों की सिंचाई नहीं हो पा रही है, जिससे फसलें बर्बाद हो रही हैं। वहीं खाद की किल्लत ने किसानों की चिंता को और बढ़ा दिया है। ज्ञापन में इन सभी समस्याओं के शीघ्र समाधान की बात दोहराई गई।
जिला महासचिव मिर्जा मुराद वेग का बयान
कांग्रेस के जिला महासचिव मिर्जा मुराद वेग ने मीडिया को बताया कि, "किसानों को आज खेती करने के लिए जिन बुनियादी संसाधनों की जरूरत है, वो तक समय पर नहीं मिल रहे हैं। सरकार का रवैया पूरी तरह उपेक्षापूर्ण है। किसानों को बिजली, खाद, बीज और सिंचाई के लिए बार-बार अफसरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।"
जिला अध्यक्ष अशफाक सकलैनी ने ठोका सियासी वार
जिला कांग्रेस अध्यक्ष अशफाक सकलैनी ने भी धरना स्थल से तीखे शब्दों में सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि, "यह धरना कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर जिला स्तरीय किसान जनहित आंदोलन का हिस्सा है। हम किसानों की आवाज को दबने नहीं देंगे। सरकार अगर समस्याओं का हल नहीं निकालती, तो हम उग्र आंदोलन करेंगे।"
धरने में जुटे ग्रामीण किसान, बोले- खेत सूखे हैं, जेब खाली
धरना स्थल पर कई ग्रामीण किसान भी शामिल हुए। उनका कहना था कि लगातार बिजली कटौती से फसलों की सिंचाई नहीं हो पा रही है। एक किसान रामस्वरूप ने कहा, "सरकार ने मुफ्त बिजली देने की बात कही थी, लेकिन अब खेतों को बिजली मिलना ही बंद हो गया है।" वहीं एक अन्य महिला किसान सुशीला देवी ने बताया कि, "खाद लेने पर कोटे से वापस भेज दिया जाता है या ब्लैक में खरीदनी पड़ती है।"
कांग्रेस ने चेताया: समय पर समाधान नहीं हुआ तो होगा बड़ा आंदोलन
धरने के दौरान कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर प्रशासन किसानों की समस्याओं का समाधान समय पर नहीं करता है तो आगे और भी बड़े स्तर पर आंदोलन किए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रदर्शन महज एक शुरुआत है, और यदि मांगें नहीं मानी गईं तो वे राज्य स्तर तक इसे पहुंचाएंगे।
प्रशासन की प्रतिक्रिया: ज्ञापन पर कार्रवाई का भरोसा
धरने के बाद उप-जिलाधिकारी त्रिप्ति गुप्ता ने ज्ञापन प्राप्त कर कांग्रेस नेताओं को आश्वस्त किया कि किसानों की समस्याओं पर प्राथमिकता से विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संबंधित विभागों को निर्देश दिए जाएंगे कि वे स्थिति का जायजा लेकर समाधान सुनिश्चित करें।
आंदोलन से राजनीतिक तापमान में उबाल
इस विरोध प्रदर्शन ने मीरगंज की सियासी जमीन को गर्म कर दिया है। माना जा रहा है कि कांग्रेस आने वाले चुनावों में किसानों की इसी नाराजगी को मुख्य मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने की रणनीति बना रही है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में पार्टी अपना जनाधार फिर से मजबूत करने के लिए किसानों की पीड़ा को प्लेटफॉर्म बना रही है।


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