प्रेमी संग रहने की ख्वाहिश में औरैया की प्रियंका ने अपने 4 बेटों को नदी में फेंका, कोर्ट ने सुनाई मौत की सजा, प्रेमी को उम्रकैद।
प्रेम में अंधी मां बनी बच्चों की जल्लाद
उत्तर प्रदेश के औरैया जिले से दिल दहला देने वाली एक घटना सामने आई है, जहां एक मां ने प्रेमी के कहने पर अपने ही चार मासूम बेटों को नदी में फेंक दिया। यह घटना 27 जून 2024 की है जब फफूंद थाना क्षेत्र के बरुआ गांव की रहने वाली प्रियंका ने अपने चचेरे देवर और प्रेमी आशीष उर्फ डैनी के साथ मिलकर इस घिनौनी साजिश को अंजाम दिया। प्रियंका के तीन बच्चों की मौत हो गई, लेकिन सबसे बड़ा बेटा किसी तरह बच निकला और उसने पुलिस को पूरी कहानी बता दी।
बच्चों की हत्या के पीछे प्रेमी की खौफनाक शर्त
कोर्ट में दर्ज साक्ष्यों और अभियोजन पक्ष की दलीलों के अनुसार, प्रियंका का अपने चचेरे देवर आशीष उर्फ डैनी से प्रेम संबंध था। आशीष ने प्रियंका को कहा था कि अगर वह उसके साथ रहना चाहती है तो पहले अपने बच्चों को खत्म करना होगा। इस नृशंस सोच से प्रभावित होकर प्रियंका ने अपने चार बेटों को तालेपुर स्थित सेंगर नदी में ले जाकर एक-एक कर नदी में फेंक दिया। इनमें से तीन मासूम बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि सबसे बड़ा बेटा सोनू किसी तरह जान बचाकर भाग निकला।
सोनू की गवाही बनी मौत की सजा की वजह
सोनू ने गांव वालों को पूरी घटना की जानकारी दी और पुलिस को बुलाया। पुलिस ने घटना की गंभीरता को समझते हुए तत्काल मामला दर्ज किया और प्रियंका को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पूरे मामले में सोनू की गवाही निर्णायक साबित हुई। कोर्ट में सोनू ने बताया कि उसकी मां ने खुद उन्हें नदी में फेंका था और ये सब उसके प्रेमी के कहने पर हुआ।
अदालत ने प्रियंका को सुनाई मृत्युदंड
इस मामले की सुनवाई औरैया जिला न्यायालय में हुई, जहां विशेष सत्र न्यायाधीश ने इसे जघन्य अपराध मानते हुए प्रियंका को मृत्युदंड की सजा सुनाई। वहीं, प्रियंका के प्रेमी आशीष उर्फ डैनी को आजीवन कारावास की सजा दी गई है। डीजीसी अभिषेक मिश्रा ने बताया कि अदालत में कुल सात गवाहों को पेश किया गया, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण गवाह सोनू ही था। अदालत ने सोनू की गवाही को पूर्ण रूप से विश्वसनीय मानते हुए प्रियंका को दोषी ठहराया।
पति की मौत के बाद गहराया प्रेमजाल
जानकारी के अनुसार, प्रियंका के पति की पहले ही संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी थी। इसके बाद प्रियंका और आशीष के बीच नजदीकियां बढ़ीं। गांव वालों के अनुसार, दोनों का संबंध कई वर्षों से था और प्रियंका की अपने बच्चों से दूरी भी इसी प्रेम संबंध का नतीजा थी। पति की मौत के बाद प्रियंका और आशीष एक साथ रहने की योजना बना चुके थे और बच्चे उनके लिए ‘बाधा’ बन चुके थे।
जघन्य अपराध को देखते हुए कोर्ट का सख्त फैसला
न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि समाज में ऐसी मां को जीने का अधिकार नहीं होना चाहिए, जो अपने ही खून के रिश्ते को इस कदर कुचल दे। न्यायधीश ने फैसले में लिखा कि यह ‘रेयरेस्ट ऑफ द रेयर’ मामला है, जिसमें किसी मां ने अपनी ममता को प्रेम की हवस में कुचल दिया। अदालत ने प्रियंका को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई।
ग्रामीणों में आक्रोश और भय
घटना के बाद पूरे गांव में मातम का माहौल है। तीन बच्चों की लाशें जब बाहर निकाली गई थीं, तो गांव वाले सन्न रह गए थे। लोगों को अब भी यकीन नहीं हो रहा कि एक मां इस हद तक गिर सकती है। ग्रामीणों ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि न्याय हुआ है लेकिन जिन मासूमों की जान गई, उन्हें अब कोई वापस नहीं ला सकता।


0 टिप्पणियाँ
आपका विचार हमारे लिए महत्वपूर्ण है, कृपया अपनी राय नीचे लिखें।