मेरठ में एक वफादार डॉग ने जहरीले सांप से लड़कर मालिक के बेटे की जान बचाई, खुद मौत को गले लगा लिया। इंसानियत को शर्मसार कर गई वफादारी।
जहरीले खतरे से भिड़ी ‘मिनी’… वफादारी की मिसाल बन गई ये फिमेल डॉग
उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में एक दिल छू लेने वाली लेकिन रौंगटे खड़े कर देने वाली घटना ने लोगों को हैरान कर दिया। एक पालतू फिमेल अमेरिकन बुली नस्ल की डॉग ने अपने मालिक के बेटे की जान बचाने के लिए जहरीले सांप से भिड़कर अपनी जान गंवा दी। ‘मिनी’ नाम की यह फिमेल डॉग आज मेरठ के लोगों के लिए वफादारी की जीती-जागती मिसाल बन चुकी है।
कोल्हू वाले किसान के घर में देर रात घटी घटना
यह घटना मेरठ के एक किसान अजय कुमार उर्फ कल्लू के घर की है, जो अपने गांव में कोल्हू चलाते हैं। उनका 23 वर्षीय इकलौता बेटा वंश मंगलवार देर रात अपने कमरे में सो रहा था। जबकि बाकी परिवार के सदस्य गर्मी की वजह से छत पर सो रहे थे। रात करीब 1 बजे वंश की नींद खुली तो उसके होश उड़ गए।
चारपाई पर चढ़ने की कोशिश कर रहा था सांप
वंश ने देखा कि एक सांप उसकी चारपाई की तरफ बढ़ रहा था और उस पर चढ़ने की कोशिश कर रहा था। डर और खतरे के बीच उसने खुद को बचाने की कोशिश की, लेकिन असली हीरो उस वक्त कमरे में दाखिल हुई उनकी फिमेल डॉग 'मिनी' साबित हुई।
भौंकते हुए कूदी सांप पर, डसने के बावजूद नहीं रुकी
‘मिनी’ ने जैसे ही कमरे में सांप को देखा, वह भौंकते हुए उस पर टूट पड़ी। घर वालों के मुताबिक मिनी ने सांप पर टूटकर हमला किया और उसे चारपाई से दूर कर दिया। लेकिन इस बहादुरी में उसे सांप ने डस लिया। कुछ ही मिनटों में ज़हर असर करने लगा और 'मिनी' तड़पने लगी।
बेटे की जान बच गई, लेकिन चली गई ‘मिनी’
वंश तो किसी तरह इस खौफनाक मंजर से बच गया, लेकिन ‘मिनी’ की सांसे थम चुकी थीं। उसकी आंखों में अब भी अपने मालिक के बेटे की सलामती का संतोष साफ दिख रहा था। यह पल घरवालों के लिए भावुक और हमेशा के लिए याद रहने वाला बन गया।
जहरीले सांप को पकड़ा गया, नहर में छोड़ा गया
परिवार के अन्य सदस्य भी शोर सुनकर नीचे पहुंचे। उन्होंने तुरंत डंडे की मदद से उस जहरीले सांप को किसी तरह काबू में लिया और एक डिब्बे में बंद कर दिया। बाद में सांप को पास की नहर में छोड़ दिया गया। इस दौरान परिवार ने घटना का वीडियो भी रिकॉर्ड किया।
रेंजर्स को नहीं मिली जानकारी, परिवार ने खुद संभाली स्थिति
इस घटना के बाद वन विभाग या स्थानीय रेंजर को कोई सूचना नहीं दी गई। परिवार का कहना था कि उनके लिए उस वक्त सबसे जरूरी बात बेटे की जान बचाना और डॉग को सम्मान देना था। मिनी की बहादुरी की चर्चा पूरे गांव में हो रही है।
गांव में छाया मातम, अंतिम विदाई में उमड़ा जनसैलाब
जब मिनी को गांव में अंतिम विदाई दी गई, तो यह किसी इंसान के अंतिम संस्कार जैसा दृश्य था। ग्रामीणों की आंखें नम थीं, और हर कोई यही कह रहा था कि अगर वफादारी का दूसरा नाम होता तो वो 'मिनी' होती।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है वफादारी की यह कहानी
इस घटना के बाद मिनी की बहादुरी की कहानी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। लोग इस वफादार डॉग को सलाम कर रहे हैं और उसे इंसानियत की मिसाल बता रहे हैं। मिनी के नाम की चर्चाएं अब सिर्फ गांव ही नहीं, पूरे ज़िले में हो रही हैं।
वफादारी सिर्फ कहानी नहीं, मिनी ने साबित किया
कहते हैं कुत्ता इंसान का सबसे वफादार दोस्त होता है। लेकिन बहुत कम मौकों पर यह बात ऐसे जीवंत और चौंकाने वाले तरीकों से सामने आती है। मेरठ की यह घटना उसी सच्चाई को न सिर्फ सामने लाती है, बल्कि एक नई परिभाषा भी गढ़ती है – वफादारी की।
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