केदारनाथ से उड़ा हेलिकॉप्टर, गौरीकुंड में बना आग का गोला! 23 महीने के मासूम समेत 7 की मौत, चारधाम हेली सेवा बैन


गौरीकुंड में हेलिकॉप्टर क्रैश में 23 महीने के मासूम समेत 7 की मौत, खराब मौसम बना वजह, सरकार ने चारधाम हेली सेवा बैन की।


केदारनाथ की घाटी में भोर में चीख-पुकार, धुएं में तब्दील हुआ आर्यन एविएशन का हेलिकॉप्टर

उत्तराखंड की पवित्र धरा केदारनाथ में उस वक्त मातम पसर गया जब रविवार सुबह तकरीबन 5:20 बजे एक हेलिकॉप्टर आसमान से आग के गोले की शक्ल में नीचे आ गिरा। हादसा उस वक्त हुआ जब आर्यन एविएशन का हेलिकॉप्टर यात्रियों को लेकर केदारनाथ मंदिर से गुप्तकाशी की ओर रवाना हुआ था। बीच रास्ते में मौसम की बेरुखी ने तबाही मचा दी और महज कुछ ही मिनटों में आसमान में उड़ी उम्मीदें राख हो गईं।

हेलिकॉप्टर में कौन-कौन था सवार, कैसे टूटा परिवारों का नसीब

हेलिकॉप्टर में कुल सात लोग सवार थे। इनमें पायलट के साथ पांच यात्री और एक 23 महीने का शिशु शामिल था। उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी (UCADA) की पुष्टि के अनुसार मरने वालों में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तराखंड के श्रद्धालु शामिल हैं। सभी श्रद्धालु केदारनाथ धाम के दर्शन कर लौट रहे थे, लेकिन किसी को क्या पता था कि ये सफर उनकी जिंदगी का आखिरी होगा।

पायलट ने किया था आखिरी प्रयास, लेकिन कुदरत के सामने हार गया

घटना के चश्मदीद जिला पर्यटन विकास अधिकारी और हेली सेवा नोडल अधिकारी राहुल चौबे के मुताबिक, घाटी में अचानक मौसम खराब हो गया। पायलट ने हिम्मत नहीं हारी और हेलिकॉप्टर को सुरक्षित निकालने की कोशिश की। लेकिन तेज़ हवाएं, भारी कुहासा और बारिश ने उसे असफल कर दिया। देखते ही देखते हेलिकॉप्टर सीधे नीचे आ गिरा और क्रैश होते ही उसमें आग लग गई।

गौरीकुंड के जंगलों में मची चीख-पुकार, रेस्क्यू में जुटी SDRF-NDRF

हेलिकॉप्टर क्रैश की खबर मिलते ही आसपास के ग्रामीण, SDRF और NDRF की टीमें मौके पर पहुंची। लेकिन जब तक टीम पहुंचती, तब तक हेलिकॉप्टर जलकर खाक हो चुका था। शवों की हालत इतनी बुरी थी कि पहचान कर पाना मुश्किल हो गया। राहत कार्य में लगे जवानों के मुताबिक, जलते मलबे में से शवों को निकालना बेहद चुनौतीपूर्ण रहा।

सरकार का बड़ा फैसला, चारधाम हेली सेवाओं पर तत्काल रोक

हादसे के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त निर्णय लेते हुए चारधाम यात्रा में हेलिकॉप्टर सेवाओं पर रोक लगा दी है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अब हेली ऑपरेशन के लिए नए नियम बनेंगे, जिसमें मौसम की मॉनिटरिंग से लेकर उड़ान की अनुमति तक हर चीज पर सख्ती होगी। इससे पहले 8 दिन पहले भी एक हेलिकॉप्टर को बीच सड़क पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी, जिससे प्रशासन पहले से ही सतर्क था।

हादसे की वजह बना मौसम, लेकिन उठने लगे ऑपरेटर पर सवाल

मौसम की खराबी को हादसे की सबसे बड़ी वजह माना जा रहा है, लेकिन सवाल ये भी उठ रहे हैं कि क्या ऑपरेटर कंपनी ने मौसम की चेतावनी को नजरअंदाज किया? आर्यन एविएशन पर इससे पहले भी उड़ानों को लेकर सवाल उठ चुके हैं। DGCA ने जांच के आदेश दे दिए हैं और कंपनी की फ्लाइट लॉग बुक, एयर ट्रैफिक कंट्रोल रिकॉर्ड और मौसम रिपोर्ट की स्क्रूटनी की जा रही है।

हेलिकॉप्टर क्रैश में आग क्यों लगी? सामने आया बड़ा कारण

अधिकारियों के मुताबिक, हेलिकॉप्टर के ईंधन टैंक में करीब 260 लीटर एविएशन फ्यूल था। जब हेलिकॉप्टर पहाड़ी चट्टानों से टकराया, तो जोरदार धमाके के साथ ईंधन लीक हुआ और चिंगारी ने उसे आग में तब्दील कर दिया। यही वजह रही कि हादसे में किसी को बचने का मौका तक नहीं मिला।

23 महीने का मासूम… जिसने अभी बोलना भी नहीं सीखा था

हादसे में सबसे दिल दहला देने वाली बात रही 23 महीने के उस मासूम की मौत, जो अपनी मां की गोद में था। श्रद्धालु परिवार गुप्तकाशी लौट रहा था, क्योंकि अगले दिन उन्हें घर के लिए रवाना होना था। मासूम की मासूमियत अब राख में बदल चुकी है और पूरा देश इस त्रासदी पर शोक में डूब गया है।

चारधाम यात्रा पर मंडराता खतरा, लोगों में डर का माहौल

ये पहला मौका नहीं है जब केदारनाथ यात्रा के दौरान ऐसा हादसा हुआ हो। इससे पहले भी वर्ष 2022 में केदारनाथ के निकट हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ था, जिसमें पायलट समेत छह लोगों की जान गई थी। अब एक बार फिर ऐसी घटना ने सरकार और श्रद्धालुओं को झकझोर दिया है। लोग डर के साये में यात्रा करने को मजबूर हैं।

CM धामी बोले – “श्रद्धालुओं की सुरक्षा से समझौता नहीं होगा”

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना के बाद आपात बैठक बुलाई और संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि अब हेली ऑपरेशंस के लिए SOP (Standard Operating Procedure) को दोबारा परिभाषित किया जाए। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है और इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

DGCA ने शुरू की उच्चस्तरीय जांच, ऑपरेटर के लाइसेंस पर लटक रही तलवार

DGCA (डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन) ने आर्यन एविएशन के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। जांच में अगर लापरवाही पाई जाती है, तो कंपनी का हेलिकॉप्टर ऑपरेटिंग लाइसेंस रद्द किया जा सकता है। साथ ही, यात्रियों की बीमा पॉलिसी और हेलीकॉप्टर के एयरवर्दी प्रमाणपत्र की भी समीक्षा की जा रही है।

रेस्क्यू टीमों का संघर्ष, मुश्किल हालात में भी नहीं हारी हिम्मत

SDRF और NDRF की टीमें 9000 फीट ऊंचाई पर रेस्क्यू में लगी थीं। घना कोहरा, बारिश और पहाड़ी इलाकों की कठिन परिस्थितियों के बावजूद जवानों ने तीन घंटे में सभी शवों को बरामद किया। शवों को हेलिकॉप्टर के जरिए ऋषिकेश लाया गया जहां पोस्टमार्टम के बाद उन्हें परिजनों को सौंपा जाएगा।

श्रद्धालुओं में रोष, ऑपरेटर कंपनी पर दर्ज हो FIR की मांग

मरने वालों के परिजनों और केदारनाथ में मौजूद श्रद्धालुओं ने सरकार से मांग की है कि आर्यन एविएशन कंपनी पर गैर इरादतन हत्या की FIR दर्ज की जाए। कई लोगों ने दावा किया कि मौसम पहले से खराब था लेकिन फिर भी उड़ान की अनुमति दी गई। प्रशासनिक स्तर पर किसकी लापरवाही थी, इसकी जांच का इंतजार है।

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