AI171 विमान हादसे में 31 शवों की हुई डीएनए से पहचान, 192 एंबुलेंस से शवों को परिजनों तक पहुंचा रही सरकार, रूपाणी की रिपोर्ट पेंडिंग
शवों की पहचान का सिलसिला शुरू, परिजनों को सौंपे जा रहे पार्थिव शरीर
गुजरात के अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे के तीसरे दिन डीएनए सैंपल के ज़रिए शवों की पहचान का काम तेज़ी से जारी है। अब तक 31 शवों की डीएनए से पुष्टि हो चुकी है। इनमें से 13 शवों को उनके परिजनों को सौंपा जा चुका है। अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 के इस हादसे में कुल 270 मौतें हुई थीं, जिसमें 241 यात्री विमान में और 29 लोग ज़मीन पर मारे गए थे।
विजय रूपाणी की डीएनए रिपोर्ट पेंडिंग, सरकार ने बनाई 230 कोऑर्डिनेशन टीमें
इस हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी मारे गए थे, जिनके शव की पहचान फिलहाल लंबित है। बीजे मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. रजनीश पटेल ने बताया कि रूपाणी की डीएनए मिलान प्रक्रिया जारी है। पीड़ितों के परिजनों से संपर्क और समन्वय के लिए सरकार ने 230 विशेष टीमें तैनात की हैं जो हर पीड़ित परिवार को सहायता पहुंचा रही हैं।
एक हजार से ज्यादा कर्मियों की टीम तैनात, हर दो घंटे पर मेडिकल बुलेटिन
सरकार ने 24x7 मोड पर काम कर रही एक हजार से अधिक स्टाफ की टीम सक्रिय की है। अहमदाबाद सिविल अस्पताल से हर दो घंटे पर मेडिकल बुलेटिन जारी किया जा रहा है। इसके अलावा 590 डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ को शवों की देखरेख और डीएनए सैंपल प्रोसेसिंग में लगाया गया है।
शवों की घर तक फ्री डिलीवरी, 192 एंबुलेंस तैनात
राज्य सरकार ने मृतकों के पार्थिव शरीर को उनके घर तक पहुंचाने के लिए 192 एंबुलेंस अलग-अलग जिलों से बुलवाकर तैनात की हैं। हर एंबुलेंस में एक ड्राइवर के साथ सपोर्टिंग स्टाफ भी मौजूद है। इस काम के लिए किसी भी परिजन से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। शव लेने आए परिजनों और उनके साथ आए लोगों के लिए विशेष ट्रांसपोर्टेशन टीम अलग से बनाई गई है जो उन्हें सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचा रही है।
बुरी तरह जले और क्षत-विक्षत शवों की पहचान बनी चुनौती
विमान हादसे में कई शव पूरी तरह जल चुके हैं या क्षत-विक्षत हो गए हैं। इस कारण अधिकांश शवों की पहचान केवल डीएनए टेस्टिंग से ही संभव हो पा रही है। 12 जून को सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से उड़ान भरने के चंद मिनट बाद ही विमान मेघानीनगर के मेडिकल कॉलेज परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। विमान में आग लगने के चलते वहां मौजूद एमबीबीएस के 5 छात्र समेत कई लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी।
12 परिवारों ने अब तक किए शवों के लिए दावा, 230 लोगों के लिए अलग ट्रांसपोर्ट सिस्टम
अब तक 12 परिवारों ने अपने परिजनों के शवों के लिए दावा किया है। जैसे ही डीएनए मिलान की पुष्टि होती है, शव तुरंत परिजनों को सौंप दिया जा रहा है। परिजनों की ट्रैवलिंग जरूरतों को ध्यान में रखते हुए 230 लोगों की विशेष ट्रांसपोर्टेशन टीम बनाई गई है जो उन्हें मेडिकल कॉलेज से शव लेकर निकलने और घर तक पहुंचाने में सहायता कर रही है।
एकमात्र जीवित यात्री की पहचान, बाकियों की स्मृति में जारी शोक
AI171 फ्लाइट में सवार 242 में से केवल एक यात्री चमत्कारिक रूप से जीवित बचा है, जबकि बाकी सभी की मौत हो चुकी है। हादसे में शामिल एकमात्र जीवित व्यक्ति फिलहाल सिविल अस्पताल में उपचाराधीन है और उसकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है। पूरा देश इस भयानक हादसे की पीड़ा में डूबा हुआ है।


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