कानपुर में स्कूल की निर्माणाधीन बिल्डिंग का लेंटर भरभराकर गिरा, मलबे में दबे कई मजदूर, जांच शुरू


कानपुर के बर्रा में निर्माणाधीन स्कूल की बिल्डिंग का लेंटर गिरा, कई मजदूर घायल, लापरवाही से हुआ हादसा, जांच शुरू


बर्रा में तबाही: निर्माणाधीन स्कूल की लेंटर ढही, मजदूरों की चीखों से दहला इलाका

कानपुर के बर्रा थाना क्षेत्र में एक भयानक हादसा सामने आया जब हरदेव नगर में निर्माणाधीन स्कूल की बिल्डिंग का लेंटर अचानक भरभराकर गिर गया। इस घटना में कई मजदूर मलबे में दब गए। घटना की खबर मिलते ही पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंचीं और राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया। स्थानीय लोगों ने भी मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालने में प्रशासन की मदद की।

मलबे में दबी ज़िंदगियां, मौत से लड़ाई कर रहे मजदूर

हादसे के वक्त साइट पर करीब दर्जनभर मजदूर काम कर रहे थे। लेंटर गिरते ही पूरा इलाका चीख-पुकार से गूंज उठा। मजदूरों की दर्दनाक चीखें सुनकर पास के लोग घटनास्थल पर दौड़े और तत्काल बचाव कार्य में जुट गए। पुलिस व फायर ब्रिगेड की मदद से सभी मजदूरों को घंटों की मशक्कत के बाद मलबे से बाहर निकाला गया, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है। सभी घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

घटिया निर्माण और मानकों की अनदेखी बनी हादसे की वजह?

स्थानीय लोगों और प्रारंभिक जांच में इस बात के संकेत मिले हैं कि स्कूल की इमारत का निर्माण कार्य मानकों के खिलाफ हो रहा था। न तो पर्याप्त लोहे की सरिया डाली गई थी और न ही सीमेंट की गुणवत्ता पर ध्यान दिया गया था। निर्माण सामग्री की घटिया क्वालिटी और तकनीकी निगरानी की कमी ने इस हादसे की नींव रखी थी। यह घटना एक बार फिर सरकारी ठेकेदारों की अनदेखी और भ्रष्ट व्यवस्था को उजागर करती है।

पुलिस और फायर ब्रिगेड का त्वरित रेस्पॉन्स, बड़ी संख्या में जुटे लोग

हादसे की सूचना मिलते ही बर्रा थाना पुलिस ने तत्काल फायर ब्रिगेड और मेडिकल टीम को अलर्ट कर दिया। फायर ब्रिगेड की टीम ने स्पेशल उपकरणों का इस्तेमाल करते हुए राहत कार्य को तेज किया। मलबे में दबे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए क्रेन, गैस कटर और हाइड्रोलिक मशीनों की सहायता ली गई। घटनास्थल पर बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए और राहत कार्य में हाथ बंटाया।

घायलों का इलाज जारी, कई की हालत गंभीर

घायलों को तुरंत पास के रीजेंसी और हैलट अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही है। कुछ मजदूरों की हालत नाजुक बताई जा रही है। प्रशासन ने घायलों के समुचित इलाज और उनके परिजनों को आर्थिक सहायता देने की बात कही है। साथ ही प्रशासन लगातार अस्पतालों में मौजूद रहकर स्थिति पर नजर बनाए हुए है।

निर्माण स्थल सील, पुलिस जांच शुरू

पुलिस ने घटना के बाद पूरे निर्माण स्थल को घेरकर सील कर दिया है। मौके से बिल्डिंग मैटीरियल के सैंपल लिए गए हैं जिन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा। SHO बर्रा का कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ IPC की गंभीर धाराओं में कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में ठेकेदार और निर्माण एजेंसी पर लापरवाही का केस दर्ज करने की तैयारी की जा रही है।

प्रशासन पर भड़के स्थानीय लोग, उठाई कार्रवाई की मांग

घटना से नाराज लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इस इलाके में निर्माण कार्य के दौरान कोई निगरानी नहीं रखी जाती और बिल्डिंग बायलॉज की धज्जियां उड़ाई जाती हैं। लोगों ने कहा कि अगर प्रशासन समय रहते कार्रवाई करता तो आज ये हादसा टल सकता था।

निर्माण से पहले NOC और मान्यता की जांच क्यों नहीं हुई?

अब सवाल उठता है कि क्या इस निर्माणाधीन स्कूल को कानूनी रूप से सभी मंजूरी मिली थी? क्या बिल्डिंग का नक्शा पास था? और क्या NOC व अग्निशमन विभाग से भी अनुमोदन मिला था? इन सवालों पर जिला प्रशासन ने अभी चुप्पी साध रखी है, जबकि RTI कार्यकर्ता इन पहलुओं की जांच की मांग कर रहे हैं।

प्रशासन ने दिए जांच के आदेश, दोषियों पर जल्द कार्रवाई का वादा

डीएम और एसएसपी कानपुर ने इस हादसे को गंभीरता से लेते हुए तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है। समिति को 72 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। जिला प्रशासन ने कहा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और यदि किसी सरकारी कर्मचारी की लापरवाही सामने आई, तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

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