हमीरपुर में मोटापे से परेशान युवती ने खुद को आग लगाकर दी जान, सुसाइड नोट में लिखा- “पापा-मम्मी, मैं हार गई हूं”
जब मोटापा बन जाए मौत की वजह: हमीरपुर में युवती ने खुद को आग लगाकर दी जान
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है, जहां मोटापे से परेशान एक 28 वर्षीय युवती ने खुद को आग लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतका का नाम साल्वी गुप्ता था, जो लगातार अपने वजन और लोगों के तानों से परेशान चल रही थी। आत्महत्या से पहले उसने एक सुसाइड नोट भी लिखा, जिसमें उसने अपने माता-पिता से माफी मांगते हुए लिखा—“मैं हार गई हूं।”
वजन बना मानसिक बोझ, और अंततः मौत का कारण
हमीरपुर जिले के मौदहा कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला निवासी सुनील गुप्ता की बेटी साल्वी गुप्ता का वजन 90 किलो था जबकि लंबाई महज पांच फीट। इस वजह से उसे रोजमर्रा के कामों में परेशानी होती थी। चलना-फिरना तक दूभर हो गया था। ऊपर से समाज के ताने और स्कूल के बच्चों की हंसी उसकी मानसिक स्थिति को और बिगाड़ते जा रहे थे।
“आप सब मेरा इतना ध्यान रखते हो, लेकिन मैं सही नहीं हो पा रही” – साल्वी का सुसाइड नोट
साल्वी ने आत्महत्या करने से पहले एक भावुक सुसाइड नोट लिखा जिसमें उसने कहा—
"पापा-मम्मी, आप सब मेरा बहुत ध्यान रखते हो लेकिन मैं अब और नहीं सह सकती। मैं हार गई हूं।"
ये शब्द उसके टूटे हुए मन की गवाही दे रहे थे। साल्वी ने ये कदम बीती रात उठाया जब सभी सो रहे थे। वह छत पर गई और खुद को आग लगा ली।
सुबह होते ही फैला मातम, चीख-पुकार से कांप उठा मोहल्ला
जब परिजनों को सुबह जानकारी हुई, तो घर में कोहराम मच गया। किसी को यकीन नहीं हो रहा था कि उनकी बेटी जो हमेशा अपने मोटापे से जूझती रही, आखिरकार जिंदगी से ही हार गई। मोहल्ले के लोग स्तब्ध हैं और सवाल कर रहे हैं कि आखिर समाज का ये तिरस्कार कब थमेगा?
पिता ने बताई बेटी की मानसिक पीड़ा
मृतका के पिता सुनील गुप्ता ने बताया कि उनकी बेटी मोटापे की वजह से मानसिक तनाव में थी। उसे चलने-फिरने में कठिनाई होती थी। कई डॉक्टरों को दिखाया गया, दवाइयां दी गईं, लेकिन सुधार नहीं हो रहा था। उन्होंने उसे सामाजिक माहौल से जोड़ने के लिए एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने भी भेजा, लेकिन वहां भी बच्चों और अन्य लोगों ने उसे ‘मोटी मैडम’ कहकर चिढ़ाया।
पढ़ाने गई थी बच्चों को, बन गई मजाक का पात्र
स्कूल में बच्चों द्वारा उसे ‘मोटापे’ को लेकर चिढ़ाना उसके मन को और भी तोड़ता गया। स्कूल स्टाफ के कुछ सदस्य भी तानों से पीछे नहीं हटे। यही अपमान उसे अंदर ही अंदर खोखला करता गया। पिता ने बताया कि वह हर दिन थोड़ा-थोड़ा और टूटती जा रही थी।
पुलिस पहुंची मौके पर, सुसाइड नोट को लिया कब्जे में
घटना की जानकारी मिलते ही मौदहा पुलिस मौके पर पहुंची। युवती का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और सुसाइड नोट को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी गई है। मौदहा की सीओ विनीता पहल ने बताया कि इस मामले की विधिक कार्रवाई की जा रही है।
परिवार में केवल आंसू और सवाल
साल्वी की मां बेसुध हैं। बहनें रो-रोकर बेहाल हैं। पूरा परिवार इस सवाल से जूझ रहा है—क्या केवल वजन ज़्यादा होने की वजह से किसी की जान चली जानी चाहिए? क्या समाज की ज़िम्मेदारी नहीं बनती कि वह संवेदनशील हो?
मोटापा बना मानसिक अत्याचार का कारण
विशेषज्ञों की मानें तो मोटापा केवल शारीरिक नहीं, मानसिक बीमारियों का भी बड़ा कारण बनता जा रहा है। समाज में मोटे लोगों को लेकर मजाक, ताने और बॉडी शेमिंग जैसी प्रवृत्तियां आम हो चुकी हैं, जो युवा वर्ग को आत्महत्या जैसे घातक कदम उठाने पर मजबूर कर देती हैं।
यूपी में बढ़ रहे हैं डिप्रेशन से आत्महत्या के मामले
यह पहला मामला नहीं है जब मोटापे या डिप्रेशन से जूझते किसी युवा ने आत्महत्या कर ली हो। उत्तर प्रदेश में मानसिक स्वास्थ्य के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। इसका एक कारण सोशल मीडिया, तुलना, बॉडी शेमिंग और समाज का असंवेदनशील व्यवहार भी है।
अब कौन देगा साल्वी को जवाब?
साल्वी गुप्ता अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उसका सवाल आज भी गूंज रहा है—क्या कोई मेरी तकलीफ को समझ पाया? क्या मैंने जो झेला, वो कोई और न झेले, इसकी कोशिश समाज करेगा?
सीओ मौदहा का बयान: "जांच जारी, कार्रवाई होगी"
सीओ मौदहा विनीता पहल ने बताया कि घटना की सूचना मृतका के पिता सुनील गुप्ता द्वारा दी गई थी। मौके पर पहुंचकर छानबीन की गई है। सुसाइड नोट की सत्यता की जांच की जा रही है और आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है।
समाज को बदलनी होगी सोच
यह घटना केवल एक आत्महत्या नहीं, एक सिस्टम पर तमाचा है। जहां मोटापा, रंग, कद या किसी भी शारीरिक विशेषता के आधार पर लोगों को नीचा दिखाया जाता है। अगर हम साल्वी जैसी और ज़िंदगियों को बचाना चाहते हैं तो मजाक उड़ाने से पहले एक बार सोचिए—कहीं आप भी तो किसी की हिम्मत तो नहीं तोड़ रहे?
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