Air India फ्लाइट AI-171 के ब्लैक बॉक्स से क्रैश की असली वजह सामने आएगी, जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे की उम्मीद।
ब्लैक बॉक्स से निकलेगा हादसे का सच, AI-171 क्रैश का रहस्य जल्द होगा उजागर
गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून को हुई भीषण विमान दुर्घटना में Air India की फ्लाइट AI-171 क्रैश हो गई थी। इस हादसे में 242 में से 241 लोगों की मौत हो गई, सिर्फ एक यात्री बच पाया। अब जांच एजेंसियों ने इस क्रैश से जुड़े सबसे अहम सुराग ढूंढ लिए हैं – दो इलेक्ट्रॉनिक ऑटोमेटिक फ्लाइट रिकॉर्डर (EAFR), जिन्हें आम बोलचाल में “ब्लैक बॉक्स” कहा जाता है।
क्या होता है ब्लैक बॉक्स और क्यों है ये इतना ज़रूरी?
ब्लैक बॉक्स दरअसल दो हिस्सों में बंटा होता है – फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR)। FDR विमान की गति, ऊंचाई, इंजन की स्थिति और बाकी तकनीकी विवरणों को रिकॉर्ड करता है, वहीं CVR पायलट और को-पायलट के बीच की बातचीत को कैद करता है। अहमदाबाद क्रैश में बरामद ये दोनों EAFR विमान के पिछले और अगले हिस्से से मिले हैं, जिनमें हादसे से ठीक पहले के 25 घंटे की फ्लाइट एक्टिविटी और दो घंटे की कॉकपिट बातचीत रिकॉर्ड है।
कहां से मिले EAFR? और क्या बताया एयरक्राफ्ट ब्यूरो ने?
Air Accident Investigation Bureau (AAIB) के अधिकारियों ने बताया कि एक ब्लैक बॉक्स BJ मेडिकल कॉलेज की हॉस्टल की छत पर मिला, जबकि दूसरा मलबे के पास से बरामद हुआ। ये दोनों रेकॉर्डर विमान के अंतिम क्षणों की गतिविधियों को स्पष्ट करेंगे। इससे यह जानना संभव होगा कि विमान में तकनीकी खराबी हुई या किसी मानवीय भूल की वजह से हादसा हुआ।
पायलट और एटीसी की बातचीत से मिलेंगे इशारे?
ब्लैक बॉक्स के ज़रिए यह पता चलेगा कि विमान हादसे के वक़्त पायलट किस हाल में था, उसने एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से आखिरी बार क्या कहा? क्या पायलट को किसी मैकेनिकल फेल्योर का अंदेशा पहले से था? विमान कितनी ऊंचाई पर था? उसकी गति कितनी थी? इन तमाम सवालों के जवाब ब्लैक बॉक्स में दर्ज ऑडियो और डेटा से मिल सकते हैं।
DVR से क्या मिलेगा नया सुराग?
EAFR के अलावा मलबे से एक Digital Video Recorder (DVR) भी मिला है। यह कैमरा कॉकपिट और विमान के भीतर की वीडियो रिकॉर्डिंग करता है। DVR का मिलना इस हादसे की जांच में एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो सकता है, क्योंकि इससे यह पता चल सकता है कि क्रैश से ठीक पहले के कुछ मिनटों में विमान के अंदर क्या हो रहा था? क्या कोई घबराहट थी? क्या कोई आग लगी थी या कोई धमाका हुआ?
अंतरराष्ट्रीय जांच एजेंसियां भी आईं सामने
Air India की फ्लाइट AI-171 का क्रैश सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता का विषय बन गया है। जांच में अब अमेरिका की National Transportation Safety Board (NTSB), ब्रिटेन की Air Accidents Investigation Branch (UK-AAIB) और भारत की AAIB तीनों मिलकर संयुक्त रूप से क्रैश की तह तक जाने की कोशिश कर रही हैं। साथ ही इसमें शामिल किया गया है भारत की सुरक्षा एजेंसी NIA को भी, जो संभावित आतंकी एंगल की भी जांच कर रही है।
ब्लैक बॉक्स से क्या हो सकते हैं संभावित खुलासे?
ब्लैक बॉक्स डेटा से निम्नलिखित चीजें सामने आ सकती हैं:
- विमान के इंजन की स्थिति हादसे से पहले कैसी थी?
- क्या किसी पक्ष से पायलट को चेतावनी मिली थी?
- क्या पायलट ने खुद “Mayday” या कोई अलर्ट मैसेज भेजा था?
- क्या कोई अचानक तकनीकी फेल्योर हुआ?
- विमान का Altitude, Speed और Heading आखिरी क्षणों में क्या थी?
- कॉकपिट में किसी तरह की चीख-पुकार या विस्फोट की आवाज रिकॉर्ड हुई क्या?
प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक, कहा- दोषियों को मिलेगी सजा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रैश साइट का दौरा किया और पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात कर संवेदनाएं जताई। उन्होंने कहा कि जांच में अगर किसी की लापरवाही सामने आती है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए ब्लैक बॉक्स डेटा के आधार पर उड़ानों के सेफ्टी प्रोटोकॉल में बदलाव किया जाएगा।
क्रैश की शुरुआती रिपोर्ट से क्या सामने आया?
शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक प्लेन AI-171 टेकऑफ के तुरंत बाद एकाएक तेज़ी से नीचे आया और एक आवासीय इलाके में जा गिरा। मौके पर पहुंची NDRF टीम को मलबे से सिर्फ एक व्यक्ति जीवित मिला, बाकी सभी 241 यात्री और क्रू मेंबर इस भीषण हादसे में मारे गए। अब इनकी पहचान DNA टेस्ट के ज़रिए की जा रही है। केंद्र सरकार ने 1000 से ज़्यादा DNA सैंपल लेने का निर्णय लिया है।
ब्लैक बॉक्स के डिकोडिंग में कितना वक़्त लगेगा?
AAIB ने बताया कि EAFR को विश्लेषण के लिए दिल्ली की लैब में भेज दिया गया है, जहां इस डेटा को इंटरप्रेट करने में 10 से 14 दिन तक लग सकते हैं। इसके बाद इस डेटा को अमेरिका और ब्रिटेन की एजेंसियों के साथ मिलाकर क्रॉस वेरिफिकेशन किया जाएगा। यह प्रक्रिया बेहद संवेदनशील और गोपनीय मानी जाती है क्योंकि इसमें पायलट और अधिकारियों की आवाज, कमांड्स, और इमरजेंसी कॉल्स रिकॉर्ड होती हैं।
हादसे से पहले था कोई टेक्निकल अलर्ट?
जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि फ्लाइट AI-171 को टेकऑफ से पहले किसी तकनीकी अलर्ट के चलते 20 मिनट तक रोककर रखा गया था। हालांकि इसके बावजूद उसे उड़ान की इजाजत मिल गई। अब जांच में इस सवाल पर भी ध्यान दिया जा रहा है कि क्या वह अलर्ट हादसे से जुड़ा हुआ था?
एयर इंडिया और DGCA पर भी सवाल
इस क्रैश के बाद अब एयर इंडिया की टेक्निकल टीम और DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। क्या विमान में पहले से कोई तकनीकी गड़बड़ी थी? क्या नियमित जांचें ठीक से की गई थीं? ब्लैक बॉक्स के जरिए इन सवालों का जवाब मिल सकता है।
क्यों अहम है यह हादसा भारत की एविएशन हिस्ट्री में?
AI-171 हादसा भारतीय एविएशन इतिहास का एक ऐसा हादसा बन गया है जिसमें देश के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सहित 241 लोग एक साथ जान गंवा बैठे। इससे पहले ऐसा हादसा 1996 में चर्खी-दादरी में हुआ था। ब्लैक बॉक्स से सामने आए खुलासे भारत की एविएशन इंडस्ट्री के लिए दिशा तय करने वाले साबित हो सकते हैं।


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